तमिलनाडु में तमाम निहित स्वार्थी ग्रुप बीजेपी को सवर्णों की और उत्तर भारतीय पार्टी बताकर इसकी छवि बिगाड़ते रहे हैं. लेकिन मोदी सरकार के कार्यों-नीतियों की वजह से यह मिथक पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ 2021 में शनिवार को यह बात कही.
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में तमाम निहित स्वार्थी ग्रुप बीजेपी को सवर्णों और उत्तर भारतीय पार्टी के रूप में छवि बिगाड़ते रहे हैं. उन्होंने कहा, 'अटल बिहारी वाजपेयी के नेतत्व में हमने राज्य के एक द्रविणियन पार्टी के साथ सरकार बनाई थी. इसी तरह नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में बीजेपी की नीतियों और कार्य से यह मिथक पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है.'
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिल को पूरी दुनिया में पहुंचाया है, गर्व और गौरव के साथ. बीजेपी के खिलाफ जो फर्जी नैरेटिव बनाया गया था, उसका अब कोई आधार नहीं बचा है.
उन्होंने कहा, 'पुडुचेरी, तमिलनाडु में हमारा गठबंधन सरकार बनाएगा. केरल में हमारा प्रदर्शन बेहतर होगा. असम के अलावा बंगाल में भी हमारी पार्टी सरकार बना सकती है.'
तमिलनाडु को हजारों करोड़ के प्रोजेक्ट
वित्त मंत्री ने कहा, 'साल 2014 और 2019 के बीच में तमिलनाडु से हमारी पार्टी से सिर्फ एक सांसद थे, लेकिन 3 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट तमिलनाडु को मिले हैं. कई बेहतरीन प्रोजेक्ट मिले जैसे डिफेंस कॉरिडोर आया है, हजारों करोड़ रुपये के निवेश से तमिलनाडु के गौरव कावेरी पर संगम युग के एक बांध का रेनोवेशन किया गया, जो पहले कभी नहीं हुआ. मेट्रो का विकास, नया पोर्ट, नया हार्बर, चेन्नई पोर्ट को अतिरिक्त पैसा मिला. यह सब मोदी सरकार के दौरान हुआ.'
इसलिए तमिलनाडु के लिए मोदी सरकार कुछ नहीं कर रही, यह नैरेटिव अब चलने वाला नहीं है. डीएमके और कांग्रेस दोनों वंशवादी पार्टी हैं. मैं कांग्रेस और डीएमके को चुनौती देती हूं कि क्या उन्होंने किसी एससी, ओबीसी को अपना नेता बनाया है? दूसरी तरफ, बीजेपी में ओबीसी, एससी नेता चीफ मिनिस्टर, पार्टी अध्यक्ष बनते रहे हैं.
डीएमके कब से धार्मिक?
निर्मला ने कहा, 'डीएमके अपने को नास्तिक पार्टी कहती रही है, आज वह वोटों के लिए 1 लाखों लोगों को मंदिर, तीर्थयात्रा पर भेजने का खर्च देने की बात कर रही है, मैनिफेस्टो में 1,000 करोड़ मंदिरों के संरक्षण के लिए देने की बात कर रही है.
दूसरी तरफ, हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं और किसी का तुष्टीकरण नहीं करते. कांग्रेस और डीएमके, ये दोनों हिप्पोक्रेट पार्टियां मिलकर तमिलनाडु की जनता को बेवकूफ बना रही हैं. कांग्रेस मुस्लिम और कम्युनिस्टों के साथ गठबंधन करती है.
उन्होंने कहा, 'जलीकट्टू को तमिलनाडु की संस्कृति से बाहर करने वाला कौन था? इसमें पशुओं से हिंसा होती है, इसलिए इसे बंद कर दें, यह कहने वाला कौन था? यह डीएमके था. इसे तमिलनाडु में फिर से लाना वाला कौन है? वह पीएम मोदी हैं.'
तमिलनाडु के लिए क्या कर रहेगी मोदी सरकार
तमिलनाडु कभी इनवेस्टमेंट और औद्योगीकीकरण का केंद्र था, अब महाराष्ट्र, गुजरात जैसे राज्यों से पीछे हो गया है, इस सवाल पर निर्मला ने कहा कि तमिलनाडु में उद्यमिता की संस्कृति है. लोगों ने यहां अपना कारोबार शुरू किया और इंडस्ट्री के लीडर बन गए. पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की बीमारी और उसके बाद कुछ नेतृत्वहीनता की वजह से कुछ ठहराव आया, लेकिन अब फिर यह गति पकड़ रहा है.
उन्होंने कहा, 'हम डिफेंस कॉरिडोर लेकर आए. प्रधानमंत्री मोदी ने नेवेली में 1000 मेगावॉट की अतिरिक्त बिजली क्षमता देने की बात कही है. वहां सोलर एनर्जी का भी उत्पादन होगा. कई तरह के कॉरिडोर आ रहे हैं. डिफेंस कॉरिडोर बन रहा है. नेशनल हाईवे बन रहे हैं. होसुर-कोयम्बटूर, त्रिची, चेन्नई कॉरिडोर में देश का ज्यादातर डिफेंस इक्विपमेंट बन रहा है.'
बीजेपी की पपेट है राज्य सरकार?
राज्य सरकार बीजेपी की पपेट है, उसके इशारे पर नाच रही है, डीएमके के इस आरोप पर आप क्या कहेंगी? इस सवाल पर निर्मला ने कहा, 'किसी चुनी हुई सरकार को पपेट कहना क्या ठीक है? सच तो यह है कि 2006 से 2011 के बीच वे खुद पूरी तरह से यूपीए के पपेट सरकार रहे हैं. डीएमके ने 2जी जैसे न जाने कितने घोटालों को छुपाने, बचाने का पूरा काम किया. उनके शासन में पूरी तरह से गुंडाराज था.'
निर्मला ने कहा, 'अब तमिलनाडु को उसका हक मिल रहा है या नहीं? यहां हाईवे, पोर्ट बन रहे हैं या नहीं? पीएलआई में तमिलनाडु की इंडस्ट्री को मौका मिल रहा है या नहीं? बात इस पर होनी चाहिए.
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