मोदी का 'मैजिक' या गहलोत की 'जादूगरी', जानें-राजस्थान में किस करवट बैठेगा 'ऊंट'

राजस्थान में इस बार जंग कांटे की है. वहीं वोटरों में भी जबरदस्त उत्साह देखने को मिला है. राजस्थान की 199 विधानसभा सीटों पर वोटिंग हुई. उम्मीद है कि इस बार वोटिंग के पुराने सारे रिकॉर्ड ध्वस्त हो जाएंगे. हालांकि पिछले तीन विधानसभा चुनाव का वोटिंग पैटर्न देखें, तो राजस्थान में हमेशा से बंपर वोटिंग होती रही है.

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राजस्थान में 70 फीसदी वोटिंग हुई है (सभी फोटो- पीटीआई) राजस्थान में 70 फीसदी वोटिंग हुई है (सभी फोटो- पीटीआई)

aajtak.in

  • जयपुर,
  • 25 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 11:16 PM IST

राजस्थान में किसकी सरकार बनेगी, इसका फैसला 3 दिसंबर को होगा, लेकिन राजस्थान के वोटर्स ने अपना फैसला ईवीएम में कैद कर दिया है. प्रदेश में शनिवार को वोटिंग हुई. जहां करीब 5 करोड़ 25 लाख मतदाताओं ने प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला किया. वोटिंग में जबदस्त उत्साह देखने को मिला. हर कैंडिडेट अपनी जीत के दावे कर रहा है. ऐसे में राजस्थान में ऊंट किस ओर बैठता है वो देखना दिलचस्प है. राजस्थान में 70 फीसदी वोटिंग हुई है.

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क्या राजस्थान में सत्ता परिवर्तन होगा या फिर सालों पुरानी परंपरा टूटेगी. जनता ने अपना फैसला वोट के जरिए दे दिया है. अब बारी परिणाम की है. शनिवार की सुबह वोटिंग शुरू होने के साथ ही बूथों पर लंबी कतारों नजर आने लगीं.  सुबह से ही वोट डालने के लिए दिग्गजों का तांता लग गया. वसुंधरा राजे, सचिन पायलट, गजेंद्र सिंह शेखावत, गौरभ वल्लभ, दीया कुमारी जैसे नेताओं ने वोट डाले. साथ ही जुबानी जंग भी देखने को मिली.

राजस्थान चुनाव में इन मुद्दों का रहा बोलबाला

1- हिंदुत्व के मुद्दे पर कन्हैया लाल की हत्या
2- हिंदू त्योहारों पर पत्थरबाजी 
3- धमाके के आरोपियों का बरी होना 
4- पीएफआई के जुलूस पर खूब चर्चा हुई
5- चुनाव में सत्ता विरोधी लहर पर बीजेपी पर सवार है. बीजेपी ने पेपर लीक मामला, गहलोत सरकार में बेरोजगारी और महंगाई का मुद्दा  भी उछाला.

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इस बार कांटे की जंग

चुनाव से ठीक पहले बीजेपी ने सचिन पायललट और अशोक गहलोत के बीच की दरार को हवा देने की कोशिश की. बताया जा रहा है कि राजस्थान में इस बार जंग कांटे की है. वहीं वोटरों में भी जबरदस्त उत्साह देखने को मिला है. राजस्थान की 199 विधानसभा सीटों पर वोटिंग हुई. उम्मीद है कि इस बार वोटिंग के पुराने सारे रिकॉर्ड ध्वस्त हो जाएंगे. हालांकि पिछले तीन विधानसभा चुनाव का वोटिंग पैटर्न देखें, तो राजस्थान में हमेशा से बंपर वोटिंग होती रही है.

राजस्थान विधानसभा चुनाव में वोटिंग

साल                  

वोटिंग (%)

2008 66.25
2013 75.04
2018   74.06

तीन दिसंबर को होगी मतगणना

राजस्थान की जनता ने अपने मन की बात वोटिंग मशीन में कैद कर दी है. अब वक्त है फैसले का. 3 दिसंबर को साफ हो जाएगा कि राजस्थान में ऊंट किस करवट बैठता है. सालों से चली आ रही सत्ता परिवर्तन की परंपरा टूटती है या फिर अशोक गहलोत अपने किले को बचाने में कामयाब रहते हैं.

75 फीसदी था वोटिंग का लक्ष्य

मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने कहा कि डेटा कलेक्ट होने के बाद अंतिम मतदान के पूरे आंकड़े जारी हो सकेंगे.  पिछले विधानसभा चुनाव 2018 में राज्य में 74.06 प्रतिशत मतदान हुआ था. चुनाव आयोग ने इस बार प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में कम से कम 75 प्रतिशत मतदान का लक्ष्य रखा है.

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51,000 से ज्यादा केंद्रों पर हुई वोटिंग

199 विधानसभा क्षेत्रों में 51,000 से अधिक मतदान केंद्रों पर मतदान सुबह 7 बजे शुरू हुआ और शाम 6 बजे समाप्त हुआ, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि मतदान केंद्रों पर पहले से ही कतार में खड़े लोगों को वोट देने की अनुमति दी गई. मतदान के पहले 2 घंटों में लगभग 10 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले और सुबह 11 बजे तक यह आंकड़ा लगभग 25 प्रतिशत और दोपहर 1 बजे तक 40 प्रतिशत से अधिक हो गया. प्रवीण गुप्ता ने मतदान खत्म होने के बाद कहा कि शाम 5 बजे तक मतदान प्रतिशत 68.2 प्रतिशत था. सबसे अधिक मतदान जैसलमेर जिले में हुआ, इसके बाद हनुमानगढ़ और धौलपुर जिलों में मतदान हुआ. 

कांग्रेस-बीजेपी में सीधी टक्कर

राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है. कांग्रेस का लक्ष्य सत्तारूढ़ पार्टी को हर पांच साल में सत्ता से बाहर करने के रिवाज को खत्म करना है, जबकि भाजपा अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में वापसी करना चाहती है. सूबे में वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी.

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