पंजाब चुनाव: हिंदू-दलित सीट पर बीजेपी का फोकस, जानें क्या है खास प्लान

अकाली दल से नाता टूटने के बाद पहली बार बीजेपी पंजाब के सियासी रण में अकेले उतरने जा रही है, जिसके चलते पार्टी ने भगवा लहराने का खास प्लान बनाया है. बीजेपी ने राज्य की उन सीटों को चयन किया है जहां पर हिंदू और दलित आबादी 60 फीसद से अधिक है.

Advertisement

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 08 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 4:24 PM IST
  • पंजाब चुनाव की कमान गजेंद्र शेखावत के जिम्मे
  • बीजेपी की पंजाब में हिंदू बहुल सीटों पर खास फोकस
  • पंजाब में बीजेपी दलित सीएम बनाने का दांव चला

कृषि कानूनों को लेकर भले ही बीजेपी किसानों के निशाने पर हो, लेकिन पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने पूरी तरह से कमर कस लिया है.  पंजाब चुनाव के लिए बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को प्रभारी नियुक्त किया गया है. साथ ही हरदीप पुरी, मीनाक्षी लेखी, विनोद चावड़ा को सहप्रभारी बनाया गया है. बीजेपी के इन पांच चेहरों के ऊपर अब पंजाब में कमल खिलाने का जिम्मा होगा. 

Advertisement

अकाली दल से नाता टूटने के बाद पहली बार बीजेपी पंजाब के सियासी रण में अकेले उतरने जा रही है, जिसके चलते पार्टी ने भगवा लहराने का खास प्लान बनाया है. बीजेपी ने राज्य की उन सीटों को चयन किया है जहां पर हिंदू और दलित आबादी 60 फीसद से अधिक है. पंजाब की छह दर्जन विधानसभा सीटें ऐसी है, जहां पर हिंदू और दलित मतदाता अहम भूमिका में है. इसीलिए बीजेपी इन्हीं सीटों पर अपना खास ध्यान लगाएगी. 

बीजेपी यह मानकर चल रही है कि इन सीटों पर फोकस करके वह 2022 के चुनाव में बड़ा उलटफेर कर सकती है. भाजपा की नजर फिलहाल उन 45 सीटों पर है, जहां पर हिंदू आबादी 60 फीसद से अधिक है. इसके अलावा 28 ऐसी सीटें है,  जहां पर हिंदू और दलित की आबादी 60 फीसद से अधिक है. इन सीटों पर किसान आंदोलन का कोई खास असर भी नहीं है. राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो उलटा यहां की बड़ी आबादी किसान आंदोलन की वजह से उत्पन्न हुए हालातों से नाराज चल रही.
 
बीजेपी पंजाब के दलित समुदाय को साधने के लिए दलित मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान भी कर चुकी है. यही वजह है कि बीजेपी को दलित बहुल सीटों पर बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद लगा रही है . हाल के दिनों में पंजाब में दलित समुदाय के तमाम नेताओं ने बीजेपी का दामन थामा है. 

क्लिक करें- पंजाबः क्या CM चेहरे को लेकर AAP में टकराव है? भगवंत मान की चुप्पी के बाद तेवर से बढ़ी हलचल
 

Advertisement

बता दें कि साल 1996 में अकाली दल के साथ हाथ मिलाने के बाद दोनों पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ती आई हैं, लेकिन अब गठबंधन टूटने के बाद बीजेपी एकला चलो की राह पर है. पंजाब की कुल 117 सीटों में से बीजेपी अभी तक महज 23 सीटों पर चुनाव लड़ती रही है, लेकिन अब उसे पूरे राज्य में चुनाव लड़ने का सियासी मौका मिल गया है. ऐसे में बीजेपी की नजर खासकर सीटों पर है, जहां हिंदु वोटों को अपने पाले में लाकर जीत दर्ज कर सकती है. 

पंजाब की सियासत में अब तक का इतिहास रहा है कि बीजेपी जब भी कमजोर हुई है, उसका लाभ कांग्रेस को मिला है. यही वजह कि अकाली और बीजेपी के गठबंधन टूटने से कांग्रेस को अपना सियासी फायदा दिख रहा था. पंजाब में कांग्रेस और बीजेपी दोनों के राजनीतिक आधार हिंदू मतदाता है. 

पंजाब का मालवा इलाका हिंदू वोटों का गढ़ माना जाता है, जहां करीब 67 विधानसभा सीटें आती हैं. यहां बीजेपी के चलते अकाली दल को अभी तक सियासी फायदा होता रहा है, क्योंकि बीजेपी के चलते हिंदू वोट बैंक अकाली दल के पक्ष में जाता रहा है. लेकिन अभ बीजेपी इन्हीं सीटों पर अपना फोकस कर रही है. 

क्लिक करें- पंजाब में मुफ़्त बिजली देने के वादे पर केजरीवाल को विरोधियों ने घेरा, AAP ने दी सफाई
 

Advertisement

हालांकि, बीजेपी की परेशानी यह है कि किसान संगठनों के विरोध के चलते ग्रामीण क्षेत्री की सीटों पर अपना जनसंपर्क नहीं कर पा रही है. इसके अलावा बीजेपी अभी तक पंजाब में शहरी सीटों पर ही किस्मत आजमाती रही है जबकि अकाली गांव की सीटें पर. ऐसे में ग्रामीण सीटों पर पहली बार बीजेपी चुनावी मैदान में उतरेगी, जिसके चलते उसके सामने कई बड़ी चुनौती है. 

पुंजाब के ग्रामीण क्षेत्रों में बीजेपी का पहले ही जनाधार कम था और किसान आंदोलन के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा का विरोध भी ज्यादा है. बीजेपी अपने दम पर सभी 117 सीटों पर चुनाव लड़ने का दम तो भर रही है, लेकिन पार्टी यह बात भी समझ रही है कि कि ग्रामीण क्षेत्र में प्रत्याशी खड़ा करना उनके लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं होने वाला है. यही वजह है कि बीजेपी ने दलित और हिंदू बहुल सीटों पर खास फोकस कर रही.

वहीं, बीजेपी ने चुनाव के लिए अपनी टीम के जरिए समीकरण साधने का भी दांव चला है. पंजाब चुनाव के लिए बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को प्रभारी नियुक्त किया गया है जबकि केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी, मीनाक्षी लेखी, विनोद चावड़ा को सहप्रभारी बनाया गया है. बीजेपी के इन पांच चेहरों के ऊपर अब पंजाब में कमल खिलाने का जिम्मा होगा. बीजेपी ने चुनाव की कमान ऐसे नेताओं की दी है, जिनका सिख और पंजाब की राजनीति से किसी न किसी तरह के नाता है. 

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement