पंजाब में पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में सेंध मामले में चरणजीत चन्नी सरकार ने गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंप दी है. 32 पेज की ये रिपोर्ट आजतक के हाथ लगी है. पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और पंजाब कांग्रेस के तमाम नेता ये बात कह रहे हैं कि अंतिम क्षणों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एसपीजी के माध्यम से सड़क मार्ग पर आने का प्लान बना लिया था और जान-बूझकर वो सड़क मार्ग पर आए, जबकि पंजाब पुलिस को पहले से ही एसपीजी ने जानकारी दे दी थी कि पीएम सड़क मार्ग से ही बठिंडा एयरफोर्स स्टेशन से फिरोजपुर पहुंचेंगे.
जानकारी मिलने के बाद पंजाब सरकार ने बकायदा 32 पन्नों का एक सीक्रेट सुरक्षा और रूट प्लान पहले ही तैयार कर लिया था. सीक्रेट सुरक्षा और रूट प्लान के तहत आसपास के 4 जिलों के अफसरों के अलावा अन्य कई पुलिस के आला अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई थी कि उन्हें किस तरह से पूरे रूट पर तैनात रहना है. अब रिपोर्ट के सामने आने से साफ पता चलता है कि इस मामले में गलती किसकी थी.
सीएम चन्नी ने चूक से इनकार किया
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक से इनकार किया. उन्होंने कहा कि मुझे खेद है कि पीएम मोदी को फिरोजपुर जिले के दौरे के दौरान वापस लौटना पड़ा. हम अपने पीएम का सम्मान करते हैं. अगर प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कोई चूक हुई है तो हम इसकी जांच कराएंगे.
सीएम चन्नी ने अपनी सफाई में आगे कहा, हमारे देश में एक लोकतांत्रिक व्यवस्था है. मुझे भी PM मोदी के जाना था, लेकिन कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में आने के कारण मैं नहीं गया और इसलिए मैंने वित्त मंत्री मनप्रीत बादल और डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा को प्रधानमंत्री का स्वागत करने की ड्यूटी सौंपी.
ये है पूरा मामला
5 जनवरी को पीएम मोदी पंजाब के बठिंडा पहुंचे थे. यहां से उन्हें हेलिकॉप्टर से हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाना था. लेकिन खराब रोशनी और बारिश के चलते पीएम मोदी 20 मिनट तक इंतजार करते रहे. लेकिन मौसम में सुधार नहीं हुआ, तो उन्होंने सड़क के रास्ते राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाने का फैसला किया. इस रास्ते से 2 घंटे का समय लगना था. पंजाब डीजीपी से सुरक्षा प्रबंधों की पुष्टि के बाद पीएम मोदी सड़क के रास्ते आगे बढ़े.
राष्ट्रीय शहीद स्मारक से करीब 30 किमी पहले पीएम मोदी का काफिला जब फ्लाईओवर पर पहुंचा, तो यहां कुछ प्रदर्शनकारियों ने रास्ता रोक रखा था. इसके चलते पीएम मोदी के काफिले को 15-20 मिनट तक फ्लाईओवर पर रुकना पड़ा. इसे पीएम की सुरक्षा में बड़ी चूक माना जा रहा है.
सतेंदर चौहान