लोकसभा चुनाव 2024 में बिहार की सारण लोकसभा सीट सुपर हॉट सीट बन गई है. इस सीट पर भाजपा लगातार दो बार से चुनाव जीतकर संसद में सारण का प्रतिनिधित्व कर रही है. यही वजह है कि इस बार भी भाजपा ने बहुत पहले ही राजीव प्रताप रूडी को सारण लोकसभा क्षेत्र से अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर दिया था. हालांकि, चर्चा यह भी हो रही थी कि सारण सांसद राजीव प्रताप रूडी का टिकट पार्टी द्वारा काटा जा सकता है और अन्य किसी उम्मीदवार पर पार्टी अपना भरोसा जताकर चुनावी मैदान में उतार सकती है.
जब से भाजपा ने राजीव प्रताप रूडी को सारण लोकसभा क्षेत्र से अपना अधिकृत प्रत्याशी बनाया है, उसके बाद से ही राजीव प्रताप रूडी पूरे उत्साह से लबरेज दिख रहे हैं. वह पूरे दम खम से चुनावी मैदान में उतर चुके हैं. रोज अपने चुनावी क्षेत्र में स्थित 6 विधानसभाओं के इलाके में जनता से व्यक्तिगत संपर्क कर रहे हैं.
राजीव प्रताप रूडी ने अपने बयानों में अपने क्षेत्र के चुनावी समर के मुख्य प्रतिद्वंद्वी रोहिणी आचार्य का नाम लिए बिना कह दिया है कि ये चुनावी क्षेत्र लालू का गढ़ नही है. लालू सारण के नहीं हैं. वो बाहर से आकर चुनाव लड़ते रहे हैं. हालांकि, उनका घर इसी कमिश्नरी के गोपालगंज में है, लेकिन उनका यहां कुछ नही है.
मेरा घर यहीं है. मैं हमेशा लालू से चुनाव लड़ता रहा हूं. हारने के बाद भी चुनाव क्षेत्र नहीं छोड़ा. मेरा पता यही अमनौर में ही है. मगर, मेरे सामने जो प्रतिद्वंदी है, वो तो बाहर का है. मेरी लड़ाई उनकी बेटी रोहिणी से नहीं है, बल्कि लालू से है. उनकी विचारधारा से है.
इस बार बेटी रोहिणी आचार्य को उतारा
इस बार लालू ने अपनी दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य को सारण से चुनावी समर में उतारा है. राजद ने 2 दिनों पहले लालू की दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य को सारण लोकसभा क्षेत्र से अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया है. इनके प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी भाजपा के राजीव प्रताप रूडी हैं. उन्होंने कभी भी अपने मुंह से रोहिणी का नाम नहीं लिया है.
वह हमेशा रोहिणी की इसलिए सराहना करते दिखे क्योंकि उन्होंने अपने पिता को बचाने के लिए अपनी किडनी दान की थी. वो यह भी कहते हैं कि मेरी लड़ाई लालू के साथ है. बेटी की किसी भी बात का मैं जवाब नही दूंगा. बेटियों का हक है, कुछ भी कह सकती हैं. ऐसी बेटी सभी को होनी चाहिए. मैं उनकी किसी भी बात का जवाब नही दूंगा.
बताते चलें कि रोहिणी ने ही अपने पिता लालू प्रसाद यादव की जान बचाने के लिए अपनी एक किडनी दी थी. रोहिणी आचार्य बिना अपने नाम की अधिकृत घोषणा हुए सारण लोकसभा क्षेत्र में जनसंपर्क अभियान के जुट गई थीं. रोहिणी के जनसंपर्क के दौरान जगह-जगह महिलाओं, पुरुषों, युवाओं, बच्चों का जमावड़ा लग जा रहा है.
सभी लोग रोहिणी से मिलने की कोशिश करते देखे जा रहे हैं. इस दौरान भारी भीड़भाड़ के कारण जाम की भी स्थिति बन रही है. अपार जनसमूह देखकर रोहिणी भी पूरे उत्साह में हैं. रोहिणी का पूरा परिवार सिंगापुर में रहता है. रोहिणी भी सिंगापुर से ही अपने सोशल मीडिया एकाउंट से केंद्र की मोदी सरकार और बिहार की NDA के साथ बनी नीतीश सरकार पर वार करने का कोई भी मौका नहीं चूकती रही हैं. यानी कि रोहिणी वर्चुअल रूप से राजनीति पर पूरी तरह से ऐक्टिव रहती थीं.
सारण से रहा है लालू का विशेष लगाव
सारण लोकसभा सीट महागठबंधन में राजद के हिस्से में थी. इसका कारण यह है कि सारण लोकसभा क्षेत्र जो पहले छपरा लोकसभा के नाम से जाना जाता था, इस क्षेत्र से राजद सुप्रीमो पूर्व मुख्यमंत्री बिहार और पूर्व रेलमंत्री भारत सरकार लालू प्रसाद यादव का राजनीतिक गढ़ रहा है. लालू इसी क्षेत्र से अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़े थे और चारा घोटाले में सजा के एलान के बाद चुनावी राजनीति के अयोग्य ठहराए जाने के वक्त सारण लोकसभा क्षेत्र के ही सांसद थे.
इसी कारण सारण की सीट से लालू का विशेष लगाव है. इसी लगाव के कारण साल 2014 में मोदी लहर में इन्होंने अपनी पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को उम्मीदवार बनाया था. वहीं, साल 2019 में अपने समधी चंद्रिका राय को पार्टी का उम्मीदवार बनाया था. हालांकि, दोनों ही बार राजद को हार मिली थी.
आलोक कुमार जायसवाल