2024 के चुनाव में खर्च हुए 1.35 लाख करोड़ रुपये? जानें- आपके एक वोट की कितनी रही कीमत

चुनाव आयोग ने हर उम्मीदवार के चुनावी खर्च की सीमा तय कर रखी है. लोकसभा चुनाव में हर उम्मीदवार 95 लाख रुपये तक खर्च कर सकता है. जबकि, विधानसभा चुनाव में ये सीमा 28 लाख से लेकर 40 लाख रुपये तक है. अरुणाचल प्रदेश जैसे छोटे राज्यों में लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार 75 लाख और विधानसभा चुनाव में 28 लाख रुपये खर्च कर सकता है. 

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ऐश्वर्या पालीवाल

  • नई दिल्ली,
  • 01 जून 2024,
  • अपडेटेड 6:36 AM IST

लोकसभा चुनाव के लिए आखिरी चरण के तहत शनिवार को मतदान होने जा रहा है. इसके बाद चार जून को नतीजों का ऐलान होगा. लेकिन इस बार का चुनाव अब तक का सबसे महंगा चुनाव माना जा रहा है. अनुमान है कि इस बार इतना पैसा खर्च हुआ है, जितना 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में भी नहीं हुआ था.

सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज का अनुमान है कि चुनाव काफी खर्चीला होने के कारण इस बार एक वोट की कीमत 1,400 रुपये तक पहुंच गई है. 

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बीजेपी से लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी तक ने दिल खोलकर खर्चा किया है. अनुमान बताते हैं कि इस चुनाव में एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च हुए हैं, जो 2019 की तुलना में कहीं ज्यादा है. 2019 के चुनाव में 55 से 60 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए थे.

2024 के चुनाव का खर्च 1 लाख 35 हजार करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है. ये 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हुए खर्च से भी ज्यादा है. अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में 1.20 लाख करोड़ रुपये खर्च हुए थे. 

खर्च की लिमिट कितनी?

चुनाव आयोग ने हर उम्मीदवार के चुनावी खर्च की सीमा तय कर रखी है. लोकसभा चुनाव में हर उम्मीदवार 95 लाख रुपये तक खर्च कर सकता है. जबकि, विधानसभा चुनाव में ये सीमा 28 लाख से लेकर 40 लाख रुपये तक है. अरुणाचल प्रदेश जैसे छोटे राज्यों में लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार 75 लाख और विधानसभा चुनाव में 28 लाख रुपये खर्च कर सकता है. 

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आजाद भारत में जब 1951-52 में पहला आम चुनाव हुआ था, तब उम्मीदवारों के खर्च की सीमा 25 हजार रुपये थी. लेकिन तब से अब तक ये सीमा 300 गुना बढ़ चुकी है. 

हालांकि, राजनीतिक पार्टियों के चुनावी खर्च की कोई सीमा नहीं है. 1998 के चुनाव में 9 हजार करोड़ खर्च हुए थे, जबकि 2019 में 55 हजार करोड़ का खर्चा आया था.

खर्च पर निगरानी रखने के उपायों के बावजूद, बहुत सारे चुनावी खर्चों का हिसाब-किताब नहीं किया जाता है. 

75 दिन में देनी होती है रिपोर्ट

चुनावी खर्च में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए राजनीतिक पार्टियों को हर साल चुनाव आयोग को कंट्रीब्यूशन रिपोर्ट देनी होती है. इस रिपोर्ट में 20 हजार रुपये से ज्यादा के चंदे की जानकारी देनी होती है. इसके अलावा चुनाव खत्म होने के बाद चुनावी खर्च से जुड़ी रिपोर्ट 75 दिन में जमा करानी होती है. इस रिपोर्ट को आयोग अपनी वेबसाइट पर भी जारी करता है.

4 जून को नतीजे

2024 के लोकसभा चुनाव सात चरणों में हुए थे. पहले चरण की वोटिंग 19 अप्रैल को हुई थी, जबकि सातवें और आखिरी चरण की वोटिंग आज यानी 1 जून को हो रही है. नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे.

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