झारखंड में 2019 के लोकसभा चुनावों में भारी जीत हासिल करने वाले भाजपा-आजसू पार्टी गठबंधन ने इस बार तीन महत्वपूर्ण सीटें खो दीं, जिससे राज्य में इसकी सीटों की संख्या घटकर नौ रह गई. भगवा पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए ने 2019 में सहयोगी आजसू पार्टी की एक सीट सहित 12 सीटें जीती थीं. भाजपा और आजसू पार्टी ने 2024 में दूसरी बार गठबंधन में चुनाव लड़ा.
झारखंड में सत्तारूढ़ झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन ने सभी पांच आदिवासी सीटों - खूंटी, सिंहभूम, लोहरदगा, राजमहल और दुमका - पर जीत हासिल की, जो भगवा पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने तीन सीटों - सिंहभूम, राजमहल और दुमका में अच्छा प्रदर्शन किया. सिंहभूम में झामुमो की जोबा माझी ने भाजपा की अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी गीता कोरा को 1.68 लाख मतों के बड़े अंतर से हराया.
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी कोरा लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हो गईं. 2019 में वह राज्य में कांग्रेस की एकमात्र सांसद थीं. झामुमो के विजय हंसदक ने राजमहल सीट पर भाजपा के ताला मरांडी को 1.78 लाख वोटों से हराया. दुमका में भाजपा की सीता सोरेन को झामुमो के नलिन सोरेन के हाथों हार का सामना करना पड़ा. नलिन ने कड़े मुकाबले में 22,527 वोटों के अंतर से जीत हासिल की.
तीन बार झामुमो विधायक रहीं सीता भी लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हो गईं, जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं में असंतोष फैल गया. भाजपा ने पहले इस सीट से मौजूदा सांसद सुनील सोरेन के नाम की घोषणा की थी, लेकिन बाद में उनका नाम वापस ले लिया और सीता सोरेन की उम्मीदवारी की घोषणा की. दुमका को झामुमो का गढ़ माना जाता है, जहां इसके कार्यकारी अध्यक्ष शिबू सोरेन आठ बार सीट जीत चुके हैं.
2019 में भाजपा ने खूंटी और लोहरदगा में जीत दर्ज की थी, जबकि सिंहभूम में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. 2019 में दुमका और राजमहल में क्रमश: भाजपा और झामुमो ने जीत दर्ज की थी. कांग्रेस ने खूंटी और लोहरदगा लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि केंद्रीय मंत्री और मौजूदा सांसद अर्जुन मुंडा और भाजपा के समीर उरांव को करारी शिकस्त मिली थी. अर्जुन मुंडा को कांग्रेस के कालीचरण मुंडा ने 1.49 लाख वोटों से हराया था. इसी तरह लोहरदगा में कांग्रेस के सुखदेव भगत ने भाजपा के समीर उरांव को 1.39 लाख वोटों से हराया था. 2019 में झामुमो सिर्फ एक सीट राजमहल जीत सका था. इसके मौजूदा सांसद विजय हंसदक ने सीट बरकरार रखी थी.
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