UP में सपा-बसपा से गठबंधन नहीं हुआ तो कांग्रेस का प्लान-B तैयार

उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन की कवायद के बीच कांग्रेस ने प्लान बी पर काम शुरू कर दिया है. कांग्रेस ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की लोकसभा सीटों के लिए इमरान मसूद को जिम्मेदारी सौंपी है और इस काम में भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर आजाद भी कांग्रेस का साथ देंगे. इसके अलावा शिवपाल यादव के साथ भी कांग्रेस ने गठबंधन की संभावनाएं तलाशना शुरू कर दिया है.

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (फोटो-INC) कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (फोटो-INC)

कुबूल अहमद

  • नई दिल्ली,
  • 09 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 9:01 AM IST

लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस को अलग रखते हुए सपा-बसपा गठबंधन कर नरेंद्र मोदी मोदी को मात देने की कवायद में हैं. ऐसे में कांग्रेस ने प्लान-बी पर काम शुरू कर दिया है. पार्टी एक तरफ जहां शिवपाल यादव के साथ गठबंधन की संभावना तलाश रही है, वहीं दूसरी तरफ चिन्हित लोकसभा सीटों पर समानांतर तैयारी भी शुरू कर दी है.

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कांग्रेस ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की लोकसभा सीटों के लिए इमरान मसूद को जिम्मेदारी सौंपी है. सूत्रों की मानें तो इस काम में भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर आजाद भी कांग्रेस का साथ देंगे. चंद्रशेखर हाल ही में जेल से रिहा हुए हैं और दलितों को एकजुट करने में लगे हुए हैं. पश्चिमी यूपी में कांग्रेस दलित-मुसलमान और किसान का समीकरण बनाकर 2019 के सियासी जंग फतह करना चाहती है.

इमरान मसूद ने आजतक से बातचीत में बताया कि पहली कोशिश है कि कांग्रेस पार्टी सपा-बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़े, लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो हम अकेले चुनावी मैदान में उतरने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने पश्चिम यूपी में मेरठ और सहारनपुर मंडल की 8 लोकसभा सीटों में 7 सीटें चिन्हित की हैं जिन पर वह दलित-मुसलमान और किसान के समीकरण पर काम कर रहे हैं.

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पश्चिमी यूपी में 21 लोकसभा सीटें

बता दें कि पश्चिम यूपी में 21 लोकसभा सीटें आती हैं. इनमें से मेरठ मंडल में मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, गाजियाबाद और नोएडा लोकसभा सीटें आती हैं, जबकि सहारनपुर मंडल में सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और कैराना संसदीय सीटें शामिल हैं. मौजूदा समय में इनमें से कैराना छोड़कर बाकी सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. कांग्रेस ने गाजियाबाद को छोड़कर बाकी 7 सीटों पर कांग्रेस तैयारी कर रही है.

मेरठ-सहारनपुर की 7 सीटों पर फोकस

इमरान ने कहा, ' इन 7 लोकसभा सीटों पर हमने माइक्रो लेबल पर चुनावी प्रबंधन का काम किया है. पिछले एक साल से हमारी कोशिश दलित, मुसलमान और किसान को एक साथ जोड़कर रखने की रही है. इसके लिए जमीनी स्तर पर हमने काम किया है.' उन्होंने कहा कि किसानों के मुद्दे को लेकर हमारी पार्टी के नेता लगातार अपने-अपने संसदीय सीटों पर काम कर रहे हैं. गन्‍ना किसानों के बकाया को लेकर सबसे ज्यादा कांग्रेसी नेताओं ने आवाज उठाई है.

राहुल बनाम मोदी होगा चुनावः इमरान मसूद

इमरान मसूद ने कहा कि 2009 के लोकसभा चुनाव में हम सपा में थे. कांग्रेस सपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ना चाहती थी, लेकिन सपा 14 सीटें देने को राजी नहीं थी. ऐसे में कांग्रेस अकेले चुनावी मैदान में उतरी और 22 सीटें जीतने में सफल रही. लोकसभा चुनाव में वोटिंग का पैटर्न अलग होता है और विधानसभा में अलग. यही वजह है कि 2019 का चुनाव नरेंद्र मोदी बनाम राहुल गांधी के बीच होगा. ऐसे में लोग इन्हीं दोनों नेताओं के बीच अपना मत देंगे.

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कर्जमाफी और गन्ने का भुगतान होगा मुख्य मुद्दा

कांग्रेस नेता ने कहा कि 2009 के लोकसभा चुनाव जैसी ही परिस्थितियां हमारे सामने हैं. यूपी के गन्ना किसानों का 11 हजार करोड़ रुपये बकाया है, बीजेपी सरकार इनका भुगतान नहीं कर रही है. वहीं हमारी हाल ही में बनी तीन राज्यों की सरकारों ने कर्जमाफी करके साबित किया है कि हम किसानों के साथ हैं. इसी तरह से 2008 में केंद्र की यूपीए सरकार ने देशभर के किसानों का कर्ज माफ किया था. ऐसे में हम अपने घोषणा पत्र में किसानों के कर्जमाफी की बात को रखेंगे.

आरएलडी और शिवपाल को साधने की कोशिश जारी

दूसरी तरफ कांग्रेस शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) और आरएलडी के साथ गठबंधन करने की संभावना तलाश रही है. कांग्रेस नेता पीएल पुनिया शिवपाल यादव के संपर्क में हैं. वहीं, इमरान मसूद कहते हैं कि पश्चिम यूपी में हम चाहते हैं कि आरएलडी हमारे साथ मिलकर चुनाव लड़े, अगर ऐसा होता है तो फिर पश्चिमी यूपी में महागठबंधन का कोई प्रभाव नहीं रह जाएगा.

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