सांगली लोकसभा चुनाव 2019: 64.45% वोटिंग दर्ज, पिछले चुनाव के मुकाबले बढ़े आंकड़े

Sangli Lok Sabha Seat 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र की सांगली सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से एक बार फिर संजय रामचंद्र पाटिल चुनाव मैदान में हैं तो वहीं स्वाभिमानी पक्ष की ओर से विशाल प्रकाशराव चुनाव लड़ रहे हैं.

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प्रतीकात्मक तस्वीर (Getty Images) प्रतीकात्मक तस्वीर (Getty Images)

सना जैदी

  • नई दिल्ली,
  • 23 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 3:10 PM IST

महाराष्ट्र की कुल 48 लोकसभा सीटों पर 4 चरणों में मतदान होने हैं, जिसमें से तीसरे चरण में सांगली सीट पर 23 अप्रैल को वोट डाले गए. चुनाव आयोग के मुताबिक, इस संसदीय सीट पर 64.45% वोटिंग दर्ज की गई. जो कि 2014 के आम चुनाव में 63.52% दर्ज की गई थी. वहीं, तीसरे चरण में महाराष्ट्र की 14 संसदीय सीटों पर औसत मतदान 62.07% दर्ज किया गया.

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महाराष्ट्र की सांगली लोकसभा सीट पर 12 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से अपने मौजूदा सांसद संजय रामचंद्र पाटिल को उम्मीदवार बनाया है तो वहीं इस बार कांग्रेस ने सांगली लोकसभा सीट अपने सहयोगी स्वाभिमानी शेतकारी संगठन (एसएसएस) को दे दी है. स्वाभिमानी पक्ष की ओर से विशाल प्रकाशराव चुनाव लड़ेंगे.

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से शंकर मार्तंड, वंचित बहुजन आघाडी से गोपीचंद कुंडलीक पालकर और बहुजन मुक्ति मोर्चा से राजेंद्र नामदेव उम्मीदवार हैं. वहीं 2019 के चुनाव में सांगली लोकसभा सीट से 6 निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनाव लड़ रहे हैं.

सांगली लोकसभा सीट: संजय पाटिल के सामने बीजेपी की साख बचाने की चुनौती

महाराष्ट्र की कुल 48 सीटों पर लोकसभा चुनाव में चार चरणों में मतदान होगा, जिसमें तीसरे चरण में राज्य की 14 लोकसभा सीटों पर वोट डाले गए. इनमें जलगांव, रावेर, जलना, औरंगाबाद, रायगढ़, पुणे, बारामती, अहमदनगर, माढा, सांगली, सतारा, रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग, कोल्हापुर और हातकणंगले सीटों पर 23 मई को यानी तीसरे चरण के तहत वोटिंग हुई.

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इतिहास की बात करें तो सांगली लोकसभा सीट पर लंबे समय तक कांग्रेस का वर्चस्व कायम रहा. 1962 से 2014 के बीच 52 वर्षों तक इस सीट पर कांग्रेस का शासन रहा. यहां तक कि आपातकाल के बाद जब कांग्रेस के बुरे दिन थे तब भी इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी को ही जीत मिली.

2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर का ऐसा असर हुआ कि चुनावी समीकरण ही बदल गया और बीजेपी के संजय पाटिल ने जीत हासिल की. उन्हें 6,11,563 वोट मिले तो वहीं कांग्रेस के प्रतीक पाटिल को 3,72,271 वोट मिले. ऐसे में 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के सामने सीट पर अपना जलवा कायम रखने की चुनौती है.

Sangli: लगातार 52 सालों तक सांगली लोकसभा सीट पर काबिज रही कांग्रेस

बता दें कि संजय पाटिल ने अपना राजनीतिक करियर युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष के रूप में शुरू किया था. हालांकि 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था.

सांगली लोकसभा सीट के अंतर्गत 6 विधानसभा सीट आती हैं, जिसमें मिरज, सांगली, जाठ में बीजेपी, खानपुर में शिवसेना, फालुस काडेगांव में कांग्रेस और तासगांव-कवाथे महाकाल से एनसीपी के विधायक हैं.

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