आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर गुजरात में सियासी सरगर्मी तेज है. राजनीतिक दल जनता के बीच अपने दावों और वादों के साथ ही जा रहे हैं. जनता किसे आशीर्वाद देकर विधानसभा भेजेगी ये आने वाला वक्त बताएगा. इसी बीच आज हम आपको बताने जा रहे हैं कामरेज विधानसभा क्षेत्र के बारे में. यह सूरत की सबसे महत्वपूर्ण सीटों में से एक है.
सियासी समीकरण
साल 2002 से इस सीट पर बीजेपी का दबदबा है. कामरेज सीट से बीजेपी को हार का सामना नहीं करना पड़ा है. पाटीदार आरक्षण आंदोलन के बीच कहा जा रहा था कि साल 2017 में बीजेपी को यहां से हार का सामना करना पड़ सकता है. लेकिन ऐसा नहीं हुआ बल्कि बीजेपी को पाटीदारों का समर्थन मिला और जीत मिली. इस सीट पर पाटीदार समुदाय तय करता है कि किस पार्टी का उम्मीदवार जीतेगा. इस सीट पर हलपति मतदाताओं का दबदबा है. जिसमें शहरी इलाकों में पाटीदार और ग्रामीण इलाकों में हलपति वोटर बंटे हुए हैं.
सूरत की ज्यादातर सीटों पर पाटीदार सबसे बड़ा फैक्टर है. साल 2017 में बीजेपी ने सत्ता संघर्ष में वीडी झालवड़िया को मैदान में उतारा. जबकि कांग्रेस के टिकट पर अशोक जीरावाला चुनावी मैदान में थे. चुनाव परिणाम आए तो सभी अनुमान धरे के धरे रह गए और झालावड़िया ने 1 लाख 47 हजार 371 वोट पाए जबकि अशोक जीरावाला को 1 लाख 19 हजार 180 वोट मिले. आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी भी चुनावी मैदान में है. इससे नए सियासी समीकरण भी बनेंगे.
दिग्विजय पाठक