अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बड़ी घोषणा की है. सीएम बघेल ने सोमवार को कहा, अगर राज्य में फिर से कांग्रेस की सरकार बनती है तो किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा. इससे पहले बघेल सरकार ने कहा था कि हमने 2018 का वादा पूरा किया और राज्य के 18.82 लाख किसानों के 9,270 करोड़ रुपये के कृषि ऋण माफ कर दिए हैं.
बता दें कि कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले किसानों से इसी तरह का वादा किया था. कांग्रेस का यह एक ऐसा कदम था, जिसने पार्टी को बड़ी जीत दिलाने में मदद की थी. जबकि बीजेपी को 15 साल बाद सरकार गंवानी पड़ी थी.
पहले चरण के मतदान से सिर्फ 15 दिन पहले बघेल का यह दांव चर्चा में आ गया है. सोमवार को सीएम ने सक्ती विधानसभा क्षेत्र में एक कार्यक्रम को संबोधित किया और लोगों से फिर कांग्रेस सरकार बनाने की अपील की. बघेल का कहना था कि फिर कांग्रेस सरकार बनेगी तो किसानों के ऋण माफ कर दिए जाएंगे, जैसे हमने पांच साल पहले जीत के बाद किए थे.
'गरीबों को घर देंगे, जातिगत जनगणना होगी'
बघेल ने आगे कहा, विपक्ष (बीजेपी) ने अभी तक किसानों, मजदूरों, महिलाओं या युवाओं के लिए कोई घोषणा नहीं की है. हमारे पार्टी नेता (राहुल गांधी) ने घोषणा की है कि यदि छत्तीसगढ़ में फिर से कांग्रेस सरकार बनी तो जाति जनगणना करवाएंगे. प्रियंका जी ने गरीबों को घर देने का वादा किया है. मैंने पहले ही घोषणा की है कि हम किसानों से 20 क्विंटल (प्रति एकड़) धान खरीदेंगे.
'हम आगे भी कई गारंटी देंगे'
बता दें कि सत्तारूढ़ कांग्रेस ने पहले तीन प्रमुख वादे किए हैं - जाति जनगणना, प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान की खरीद और 17.5 लाख लोगों के लिए घर बनवाए जाएंगे. बघेल ने कहा, आज मैं इस मंच से एक घोषणा करना चाहता हूं - यदि आप कांग्रेस को फिर से सत्ता में चुनते हैं तो किसानों का ऋण माफ कर दिया जाएगा. उन्होंने आश्वासन दिया, हम और भी कई गारंटी देंगे.
'बीजेपी आई तो सारी योजनाएं बंद कर देगी'
बघेल ने भाजपा पर निशाना साधा और कहा, वो गलती से भी सत्ता में आते हैं तो ना प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान की खरीद करेंगे और ना ही स्वामी आत्मानंद स्कूलों का संचालन किया जाएगा. बताते चलें कि पिछले साल छत्तीसगढ़ सरकार ने अंग्रेजी माध्यम की तर्ज पर शैक्षणिक वर्ष 2022-23 के लिए 32 स्वामी आत्मानंद सरकारी हिंदी माध्यम स्कूल खोलने का निर्णय लिया था.
उन्होंने सभा में आगाह किया, बीजेपी मौजूदा कांग्रेस सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं को बंद कर देगी, जिसमें गोबर खरीद कार्यक्रम भी शामिल है. बाद में रायपुर में पत्रकारों से बातचीत में बघेल ने ऋण माफी की घोषणा को सही ठहराया और कहा कि जब किसान सशक्त होते हैं तो देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है.
'किसान सशक्त होंगे तो...'
सीएम से पूछा गया, जब किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत पहले से ही इनपुट सब्सिडी मिल रही है तो नए सिरे से ऋण माफी की आवश्यकता क्या है? इस पर बघेल ने कहा, जब किसान सशक्त होंगे तो देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी. पिछले पांच वर्षों में हमने देखा कि छत्तीसगढ़ में व्यापार और व्यापार में वृद्धि हुई और आर्थिक मंदी का कोई प्रभाव नहीं पड़ा. किसानों के खाते में जो पैसा गया, वह बाजार तक पहुंच गया है लेकिन अगर बड़े व्यापारियों को पैसा दिया जाएगा तो वह बाजार तक नहीं पहुंचेगा.
'हम खुशियां बांटने में विश्वास रखते हैं'
उन्होंने ने बीजेपी पर हमला बोला और कहा, केंद्र ने बड़े उद्योगपतियों का कर्ज माफ कर दिया है, लेकिन किसानों की अनदेखी की है. केंद्र सरकार ने बड़े उद्योगपतियों के 14.50 लाख करोड़ रुपये के ऋण माफ कर दिए लेकिन उस कदम का भारत की अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ा? लेकिन छत्तीसगढ़ में किसानों के ऋण माफ कर दिए गए और इसका सकारात्मक प्रभाव व्यापार और उनके जीवन पर देखा गया. यह पूछे जाने पर कि क्या वो ऋण माफी के वादे को 'ब्रह्मास्त्र' के रूप में देखते हैं? इस पर उन्होंने कहा, नहीं, हम हिंसा में विश्वास नहीं करते. यदि ब्रह्मास्त्र छोड़ा जाता है तो यह किसी की जान ले लेता है और हम हिंसा में विश्वास नहीं करते हैं. हम खुशियां बांटने में विश्वास रखते हैं. आप 36.50 लाख किसानों और उनके परिवारों के चेहरों पर (कर्ज माफी के वादे के बाद) खुशी देख सकते हैं.
'बघेल ने किसानों को बताया था निर्णायक फैक्टर'
पिछले हफ्ते पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में बघेल ने चुनावी नतीजे में किसानों को एक निर्णायक फैक्टर बताया था और कहा था कि उनके समर्थन से सत्तारूढ़ कांग्रेस को 90 सदस्यीय सदन में 75 से ज्यादा सीटें जीतने के अपने लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी. छत्तीसगढ़ में दो चरणों में मतदान होना है. पहले चरण में 20 सीटों पर 7 नवंबर और दूसरे चरण में 70 सीटों पर 17 नवंबर को वोटिंग होगी.
'बीजेपी- किसका कर्ज करेंगे, स्पष्ट बताओ?'
इस बीच, वरिष्ठ बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कहा, बघेल को स्पष्ट करना चाहिए कि वह कौन सा ऋण माफ करेंगे, क्योंकि पिछली बार कांग्रेस ने किसानों को धोखा दिया था. उन्होंने कहा, क्या यह अल्पकालिक, मध्यावधि या दीर्घकालिक ऋण है और किस बैंक का है? पिछली बार उनकी सरकार ने केवल सहकारी समितियों के अल्पकालिक ऋण माफ किए, लेकिन अन्य ऋण माफ नहीं किए, जिसके कारण किसान ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.
भाजपा विधायक ने दावा किया, 'उन्हें पहले अपने कर्ज माफी के वादे का वास्तविक अर्थ बताना चाहिए क्योंकि वह कहते कुछ और हैं और करते कुछ और हैं.
'बघेल ने कहा था, अगले साल नहीं दोहराएंगे वादा?'
चुनाव विश्लेषक आर कृष्ण दास ने मतदान से पहले बघेल की घोषणा को मास्टरस्ट्रोक बताया है. दास ने कहा, 2019 में सीएम ने कहा था कि ऋण माफी एक बार की बात थी और अगले साल इसे दोहराया नहीं जाएगा. लेकिन अब उन्होंने इसे चुनावी मास्टरस्ट्रोक के तौर पर इस्तेमाल किया है. साथ ही यह यह भी दर्शाता है कि अगले महीने का चुनाव कांग्रेस के लिए आसान नहीं होगा.
'बीजेपी के लिए चुनौती बन सकता है वादा'
चुनाव विश्लेषक ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने निस्संदेह अपनी तीन प्रमुख किसान समर्थक 'न्याय' योजनाओं के माध्यम से पिछले पांच वर्षों में राज्य के ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में अपनी स्थिति मजबूत की है. उन्होंने कहा, अब सत्तारूढ़ पार्टी का कृषि ऋण माफी का वादा भाजपा के लिए एक चुनौती बनने जा रहा है, जो सत्ता में वापसी की उम्मीद कर रही है.
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