समस्तीपुर जिले में आने वाली सरायरंजन सीट जेडीयू उम्मीदवार विजय कुमार चौधरी ने जीत हासिल की है. उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के उम्मीदवार और अपने निकटतम प्रतिद्वंदी अरविंद कुमार सहनी को 3624 मतों से मात दी. नीतीश के करीबी माने जाने वाले विजय कुमार चौधरी को 72666 (42.48%) वोट मिले, जबकि अरविंद कुमार सहनी को 69042 (40.36%)मत मिले. एलजेपी उम्मीदवार आभाष कुमार झा को 11224 (6.56%) वोट मिले. इस सीट पर 7 नवंबर को हुए चुनाव में 60.84% मतदान दर्ज किया गया था.
मुख्य प्रत्याशी
जेडीयू- विजय कुमार चौधरी
आरजेडी- अरविंद कुमार साहनी
एलजेपी- अभाष कुमार झा
रालोसपा- अनिता कुमार
समस्तीपुर जिले में 2008 की परिसीमन के बाद सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र का ढांचा बदल गया. इसके तहत मोरवा प्रखंड को हटा कर विद्यापतिनगर प्रखंड को जोड़ दिया गया था. इसमें सरायरंजन की 23 और विद्यापतिनगर की 14 पंचायतों को मिलाकर सरायरंजन विधानसभा का गठन किया गया.
समस्तीपुर जिले की सरायरंजन सीट पर जेडीयू के विजय चौधरी पिछले दो चुनावों से लगातार विधायक चुने जाते रहे हैं. वह पिछली बार सर्वसम्मति से बिहार विधानसभा के 15वें स्पीकर बनाए गए थे. विजय चौधरी नीतीश कुमार की पूर्ववर्ती सरकार में मंत्री भी रहे हैं. वह नीतीश कुमार के बेहद करीबियों में गिने जाते हैं.
2015 के चुनावी नतीजे
बहरहाल, 2015 के विधानसभा चुनावों में जेडीयू महागठबंधन का हिस्सा थी, 2010 के चुनावों में इस सीट पर जेडीयू के विजय कुमार चौधरी ने जीत हासिल की थी. लिहाजा 2015 में भी सरायरंजन सीट जदयू के खाते में गई और संयुक्त प्रत्याशी के तौर पर विजय कुमार चौधरी चुनाव मैदान में उतरे. 2015 में विजय कुमार चौधरी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी रंजीत निर्गुणी को 34044 वोटों के अंतर से पराजित करते हुए सरायरंजन सीट को बरकरार रखा था.
2010 के चुनाव परिणाम
साल 2010 विधानसभा चुनावों में एनडीए प्रत्याशी के रूप में JDU के विजय कुमार चौधरी उतरे थे. उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के पूर्व मंत्री रामाश्रय सहनी को हरा पूर्व में हुई अपनी हार का बदला लिया था. नीतीश कुमार से नजदीकी रिश्तों के चलते विजय चौधरी कांग्रेस का दामन छोड़कर JDU में आए थे. नीतीश कुमार ने फरवरी 2010 में विजय चौधरी को बिहार में पार्टी की कमान सौंप दी. नीतीश कुमार की सरकार में जल संसाधन मंत्री रहे. जीतनराम मांझी की सरकार में 13 फरवरी 2015 को विजय कुमार चौधरी को JDU विधायक दल का नेता भी चुना गया था.
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अक्टूबर 2005 के चुनावों में RJD के रामचंद्र सिंह निषाद ने JDU के विजय चौधरी को मात दी थी. इससे पहले, फरवरी 2005 के चुनावों में लोक जनशक्ति पार्टी के चंद्रकांत चौधरी को मात देकर आरजेडी के रामचंद्र सिंह निषाद विधानसभा पहुंचे थे. 2000 के विधानसभा चुनावों में आरजेडी के राश्रय सहनी ने चंद्रकांत चौधरी को मात दी थी. 1995 के चुनावों में रामश्रय सहनी सरायरंजन सीट पर आरजेडी को जीत दिलाने में कामयाब रहे थे.
पिछला इतिहास देखें तो पता चलता है कि जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़े राम बिलास मिश्रा ने नंदू झा को मात दी थी. 1985 में कांग्रेस के रामाश्रय ईश्वर ने बीजेपी के यशोदानंद को हराया था. इससे पहले, 1980 के चुनावों में राम बिलास मिश्रा जनता दल के टिकट पर कांग्रेस (आई) के सूरज चौधरी को मात दी थी जबकि 1977 में जनता पार्टी के यशोदा नंदन सिंह ने कांग्रेस के रमाकांत झा को पराजित किया था.
जातीय समीकरण
सरायरंजन में तंबाकू की खेती काफी होती है. इस एरिया में लोग मछली पालन भी किया जाता है. उजियारपुर लोकसभा संसदीय क्षेत्र में आने वाली सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र की आबादी 2011 की जनगणना के मुताबिक 407751 है. इसमें अनुसूचित जाति और जनजाति
का अनुपात क्रमशः 19.14 और 0.03 फीसदी है.
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