मोदी बनाम ममता: 'दीदी ओ दीदी' और 'बांगला निजेर मेये केई चाये' में कौन पड़ रहा है भारी

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. बीजेपी की ओर से मोर्चा खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संभाल रहे हैं, जबकि टीएमसी की ओर से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जवाब दे रही हैं.

Advertisement
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (फाइल फोटो) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • कोलकाता,
  • 09 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 8:33 AM IST
  • PM के 'दीदी ओ दीदी' पर बवाल
  • ममता बनर्जी के बयान पर भी उबाल

पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. बीजेपी की ओर से मोर्चा खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संभाल रहे हैं, जबकि टीएमसी की ओर से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जवाब दे रही हैं. बंगाल की सियासी लड़ाई की केंद्र में इस समय महिला वोटर हैं.

ममता बनर्जी की 'बांगला निजेर मेये केई चाये (बंगाल को अपनी बेटी चाहिए)' की छवि बनाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'दीदी, ओ दीदी' की लड़ाई के बीच पश्चिम बंगाल की महिला मतदाताओं में बहस छिड़ी हुई है. टीएमसी, पीएम मोदी के 'दीदी, ओ दीदी' बयान को अपमानजनक बता रही है और कानूनी कार्रवाई करने पर विचार कर रही है. वहीं, पीएम मोदी ने अपनी रैली में कहा है कि ममता जिस तरह से संबोधित कर रही हैं, उससे हैरान हूं.

Advertisement

कानून की जानकार रुचिरा गोस्वामी कहती हैं, 'चाहे कोई भी पार्टी हो या कोई भी नेता, या फिर इस चुनाव में ही नहीं पिछले चुनावों की बात की जाए तो महिलाओं और पुरुषों के संबंध में समस्या देखी गई है, खासतौर पर महिलाओं को उनकी खुद की पहचान से इतर किसी और पहचान से देखा जाता है.'

रुचिरा गोस्वामी आगे कहती हैं, 'स्वतंत्रता के बाद से ही महिला राजनेताओं को हमेशा बहू या मां के नाम से संबोधित किया जाता है, मुझे लगता है कि यह पितृसत्तात्मक धारणाओं का खेल है, जबकि यह जरूरी नहीं है कि हमेशा महिला मतदाताओं को एक नजरिए से देखा जाए, हालांकि महिला वोटर को आप मां-बहन की पितृसत्तात्मक विचार से तब परिलक्षित करते हैं, जब आप महिलाओं को सिर्फ पारिवारिक क्षमता में देख रहे होते हैं.'

Advertisement

वहीं, राजनीतिक विश्लेषक शिखा मुखर्जी की राय है, 'पीएम की टिप्पणियों का बैलेट बॉक्स पर तीन तरह से प्रभाव पड़ेगा, दुनिया भर में महिलाओं को तीन समूहों में विभाजित किया जाता है, एक जो अन्य महिलाओं को अपमानित करती हैं, महिलाओं का एक और वर्ग है, जो कि बहुसंख्यक है और महिलाओं को अपमानित होने से रोकती हैं और एक तीसरा समूह जो गुस्से के साथ प्रतिक्रिया करता है, इस बार महिला मतदाता अस्वीकृति के साथ प्रतिक्रिया दे सकती हैं, क्योंकि वे इस तरह का व्यवहार पसंद नहीं करती हैं.'

आगे शिखा मुखर्जी कहती हैं, 'आपने एक महिला को अपमानित किया है, जब आप महिलाओं को अपमानित करते हैं, तो वे आपको नकार देती हैं, क्योंकि पीएम मोदी का बयान आपत्तिजनक है, वह सीएम, दीदी का मजाक उड़ा रहे हैं और अगर आप किसी को दीदी कहते हैं, तो आप उसका मजाक नहीं उड़ा सकते हैं, भारत की इकलौती महिला सीएम पर पीएम की इस तरह की अपमानजनक टिप्पणी भारत की सभी महिलाओं के लिए शर्मसार करने वाली है, पीएम बार-बार सीएम को चिढ़ा रहे हैं.'

वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी के 'दीदी, ओ दीदी' के बयान पर पूर्व पेशेवर और अब गृहिणी रासिका गुप्ता ने कहा, 'मुझे पीएम मोदी के भाषणों के बारे में कुछ भी अप्रिय नहीं लगा, यह उतना बुरे तरीके से नहीं था, जैसा ममता बनर्जी जिक्र कर रही थी, यह अपमानजनक नहीं था.'

Advertisement

दूसरी ओर, एक रैली में बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी पर ममता की टिप्पणी को भी अपमानजनक बताया जा रहा है. एक महिला नेता और मुख्यमंत्री से इस तरह के बयान की उम्मीद नहीं थी. ममता ने 26 मार्च को साउथ 24 परगना में एक रैली के दौरान कहा था, 'अगर कोई 500 रुपये लेता है, तो वे कहते हैं कि तृणमूल कांग्रेस चोर हैं, क्या मैं चोर हूं? क्या मैं एक डाकू हूं? क्या मैं एक हत्यारा हूं? मैं लोगों को अपना जीवन देती हूं और उनसे प्यार करती हूं, आप हत्यारों के राजा हैं, चोरों और डकैतों के मालिक हैं, तुमने सारा पैसा हड़प लिया है'

साउथ 24 परगना जिले के ग्रामीण वोटर सांडा मित्र कहते हैं, 'दीदी जाती हैं और सुंदरबन में यह कहती हैं कि मैं कहां से हूं, एक मुख्यमंत्री जिस तरीके से बोल रही हैं, उसे देखें.'

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'दीदी, ओ दीदी' बयान पर टीएमसी कानूनी कार्यवाही करने का विचार कर रही है. पार्टी का कहना है, 'ऐसा बयान देश की महिलाओं की सुरक्षा के खिलाफ है, ममता ने उनके (PM) भाषणों को नजरअंदाज किया.'

ऐसा माना जाता है कि महिला मतदाता अभी भी ममता के साथ खड़ी हैं. इस चुनाव में टीएमसी ने 50 महिला उम्मीदवारों को मैदान  में उतारा है. बंगाली मूल की अभिनेत्री जया बच्चन सत्ताधारी पार्टी की स्टार प्रचारक हैं और दीदी या बड़ी बहन की रक्षक हो सकती हैं.'

Advertisement

सवाल यह है कि पश्चिम बंगाल की महिलाओं में 'दीदी ओ दीदी' बयान का कितना असर पड़ेगा, जो पीएम मोदी की छवि को भरोसेमंद मानते हैं, उनका मानना ​​है कि वे पश्चिम बंगाल के लोगों और परिवारों के विकास का प्रतीक हैं.

(रिपोर्ट- प्रेमा राजाराम)

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement