बंगालः 'गोत्र' कार्ड पर बोले ओवैसी- ममता और मोदी एक जैसे

असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर ममता के साथ ही कांग्रेस और बीजेपी को भी घेरा था. ओवैसी ने लिखा, जो लोग शांडिल्य या जनेऊधारी नहीं हैं, किसी भगवान के भक्त नहीं हैं या फिर कोई पाठ या चालीसा नहीं करते हैं उनका क्या? हर पार्टी को लगता है कि उसे जीतने के लिए खुद को हिन्दू दिखाना जरूरी है. ये नियमों के खिलाफ है, अपमानजनक है और सफल होने वाला नहीं है.

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AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (फाइल फोटो-PTI) AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (फाइल फोटो-PTI)

अक्षया नाथ / मौसमी सिंह

  • चेन्नई/नई दिल्ली,
  • 31 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 5:41 PM IST
  • असदुद्दीन ओवैसी ने ममता की आलोचना की
  • 'ममता भी सांप्रदायिकता की राजनीति कर रहीं'
  • मुस्लिम और दलित कहां जाएं?- ओवैसी

पश्चिम बंगाल में नंदीग्राम की लड़ाई सीएम और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी के लिए चुनौती है. फिलहाल, ममता बनर्जी के चुनावी रण में गोत्र कार्ड खेलने पर सियासी वार शुरू हो गया है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ममता बनर्जी अपने को अपर कास्ट ब्राह्मण बताया जिनका गोत्र शांडिल्य है. वो ये बताएं कि मुस्लिम और दलित वर्ण व्यवस्था के हिस्सा नहीं हैं, पश्चिम बंगाल के मुस्लिम और दलित कहां जाएं?

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असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'यदि वह (ममता बनर्जी) अपने चुनावी अभियान के दौरान पाठ करती रहती हैं. उनके बयान पर मेरा कहना है कि वह यह कहती हैं कि वो अपरकास्ट ब्राह्मण हैं और उनका गोत्र शांडिल्य है तो मेरा सवाल है कि पश्चिम बंगाल के मुस्लिम और दलित कहां जाएं? मुस्लिम 27 फीसदी जबकि दलित 22 प्रतिशत हैं और वे वर्ण व्यवस्था के हिस्सा नहीं हैं. यही वजह है कि मैं उनके बयान की आलोचना कर रहा हूं. वह भी सांप्रदायिकता की राजनीति कर रही हैं. ममता और मोदी एक दूसरे के लिए बने हुए हैं.'

इससे पहले असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर ममता के साथ ही कांग्रेस और बीजेपी को भी घेरा था. ओवैसी ने लिखा, जो लोग शांडिल्य या जनेऊधारी नहीं हैं, किसी भगवान के भक्त नहीं हैं या फिर कोई पाठ या चालीसा नहीं करते हैं उनका क्या? हर पार्टी को लगता है कि उसे जीतने के लिए खुद को हिन्दू दिखाना जरूरी है. ये नियमों के खिलाफ है, अपमानजनक है और सफल होने वाला नहीं है. 
  
असदुद्दीन ओवैसी ने तमिलनाडु में मेनिफेस्टो में ऐलान को लेकर डीएमके पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में क्या हो रहा है, वो भी बहुत खतरनाक है. डीएमके ने अपने मेनिफेस्टो में लिखा है कि जो भी काशी, मथुरा या अन्य जगहों पर जाना चाहते हैं उन्हें वह 25 हजार रुपये देगी. जिसे देखो वही बड़े से बड़ा हिंदू बनने की कोशिश में लगा हुआ है. यह देश की बहुलतावाद के लिए अच्छा नहीं है. यदि यह प्रतियोगिता चल रही है कि कौन बड़ा हिन्दू है तो मेरे शब्द लिख कर रख लीजिए भारतीय राजनीति भी इजरायल की तरह हो जाएगी. लोगों को ध्यान से मतदान करना चाहिए.

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ममता जनता से दूर हो गई हैं- जावड़ेकर

केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता प्रकाश जावड़ेकर ने भी ममता बनर्जी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि यह साबित करता है कि ममता कितनी जनता से दूर हो गई हैं. उनके पैरों तले जमीन खिसक गई है, और उनको हार का डर सता रहा है. इसका उदाहरण है कि आज वह अपना गोत्र बता रही हैं.

प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इससे पहले राहुल गांधी को भी अपना गोत्र याद आया था. 2014 में उन्होंने देख लिया था कि चुनाव के नतीजे क्या हुए हैं, वह बुरी तरह हार गए थे. ममता बनर्जी का इस तरह का बयान देने से कोई फर्क नहीं पड़ता. भाजपा बंगाल में 200 से ज्यादा सीटें ला रही है.


 

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