आज तक की पड़ताल में बिहार के किशनगंज जिले में एक बड़ी खबर सामने आई है। सीमांचल क्षेत्र में हुई इस पड़ताल में खुफिया कैमरे पर ऐसे लोग मिले जिनके पास अपने माता-पिता या पूर्वजों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इन लोगों के पास दस्तावेजों के नाम पर केवल आधार कार्ड और वोटर कार्ड ही मौजूद हैं। इसके अलावा उनके पास जमीन, बैंक दस्तावेज या स्कूल के रिकॉर्ड जैसे कोई अन्य प्रमाण नहीं मिले। एक स्थानीय मौलवी ने बताया कि लगभग 50% आबादी के पास आधार और वोटर कार्ड के अलावा कोई अन्य दस्तावेज नहीं है। पड़ताल में यह भी सामने आया कि ये बस्तियां बिहार सरकार की जमीन पर बनी हैं। पंचायत सदस्य ने पुष्टि की कि साल 2007 से पहले ये लोग यहां नहीं रहते थे। किशनगंज का यह इलाका बांग्लादेश से घुसपैठ के लिए जाना जाता है, जहां की डेमोग्राफी बदल गई है। "हम लोगों का जलम यहाँ का है। उससे पहले कहाँ पे है? जानकारी हमको मालूम नहीं है, हम लोगों को मालूम नहीं है।" ऐसे लोगों के आधार और वोटर आईडी कार्ड बन गए हैं जो अपनी जड़ों के बारे में कुछ नहीं जानते। कुछ संदिग्ध बूथों की भी पहचान की गई है।