बिहार में आरक्षण को लेकर नया राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है. महागठबंधन ने 'अति पिछड़ा न्याय संकल्प पत्र' के तहत कई बड़े वादे किए हैं. इन वादों में अति पिछड़ा वर्ग को पंचायत और नगर निकाय में 20 की जगह 30 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कही गई है. साथ ही, 25 करोड़ रुपये तक के सरकारी ठेकों में 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करने का वादा किया गया है. महागठबंधन ने अति पिछड़ा अत्याचार निवारण अधिनियम पारित करने की भी घोषणा की है। इसके जवाब में, बीजेपी ने इन वादों को ढकोसला बताया है और कांग्रेस पर ओबीसी आयोग न बनाने का आरोप लगाया है.