जन सुराज संस्थापक प्रशांत किशोर का नाम बिहार और पश्चिम बंगाल दोनों राज्यों की मतदाता सूची में दर्ज है. सूत्रों के हवाले से ये जानकारी सामने आई है. ये जानकारी सामने आने के बाद बीजेपी नेता अमित मालवीय ने प्रशांत पर निशाना साधा है. हालांकि, अभी पीके ने इन आरोपों पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है.
उन्होंने कहा, जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर पश्चिम बंगाल और बिहार, दोनों राज्यों के मतदाता हैं. आमतौर पर, अगर उनकी पार्टी की बिहार में कोई वास्तविक उपस्थिति होती तो ये एक बड़ा विवाद होता. लेकिन ऐसा नहीं है, क्योंकि जन सुराज का कोई महत्व नहीं है.
उन्होंने कहा कि इससे भी ज़्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि राहुल गांधी के सभी सहयोगी 'वोट चोरी' में शामिल हैं. ये पाखंड हैरान करने वाला है.
बीजेपी ने आरोप है कि चुनाव आयोग के डॉक्यूमेंट से खुलासा हुआ है कि पश्चिम बंगाल के भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र (पार्ट नंबर 220) में उनका नाम शामिल है, जबकि बिहार में भी उनका वोटर आईडी सक्रिय है. ये मामला दोहरे पंजीकरण का है जो चुनाव कानून की धारा 17 और 18 के तहत अवैध माना जाता है. एक व्यक्ति का नाम केवल एक ही मतदाता सूची में हो सकता है.
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2025 की वोटर लिस्ट में शामिल है पीके का नाम
BJP ने बंगाल की वोटर लिस्ट दिखाते हुए आरोप लगाया कि कोलकाता के भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र की 2025 की अंतिम मतदाता सूची में पीके का नाम दर्ज है जो बंगाल के सीईओ के पोर्टल पर उपलब्ध है. बीजेपी ने दावा किया कि पीके ने 2021 के राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र से पश्चिम बंगाल में मतदाता के रूप में नामांकन कराया था.
इंद्रजीत कुंडू