जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला ने विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों के ऐलान के बाद कहा था कि चुनाव लड़ूंगा. फारूक चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. श्रीनगर की डल झील के किनारे पंचायत आजतक जम्मू कश्मीर के मंच पर डॉक्टर फारूक ने इसे लेकर सवाल का जवाब दिया है. चुनाव नहीं लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि क्योंकि मेरा बेटा उस वक्त तैयार नहीं था. मैंने ये कोशिश की है कि कोई होना चाहिए जो इस मैदान को आगे चला सके. हमारी मुहिम को आगे चला सके और हमें इस नफरत से निजात दे.
डॉक्टर अब्दुल्ला ने कहा कि आज देश में हिंदू और मुसलमान को बांटा जा रहा है. सिख और इसाई को बांटा जा रहा है. उन्होंने कहा कि वो हिंदुस्तान नहीं देखा आजतक, आज देख रहा हूं. आज देख रहा हूं कि कैसे हमारे प्रधानमंत्री ये कहते हैं कि मुसलमान घुसपैठिया है. वो ये कहते हैं कि अगर इसके पास मंगलसूत्र है, वो मुसलमानों में दिया जाएगा. वो ये कहते हैं कि अगर इसके पास दो भैंस है तो एक मुसलमान को दी जाएगी. वो ये भी कहते हैं कि अगर दो घर हैं तो एक मुसलमान को दी जाएगी. नेहरू से लेकर नरसिम्हाराव तक के नाम लेकर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि क्या कभी सुना कि कोई प्रधानमंत्री इस तरह की बात करता हो?
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कांग्रेस से गठबंधन पर उन्होंने कहा कि पहले भी हमारा गठबंधन रहा है, आगे भी रहेगा. गठबंधन ही है जो देश को बचा सकता है. फारुक अब्दुल्ला ने राजीव गांधी की सरकार गिरने के वाकये को याद करते हुए कहा कि तब मैं इलाज कराने के लिए ह्यूस्टन में था. मुझसे पूछा गया कि सरकार तो गई, अब आप क्या करेंगे. मैंने कहा कि सरकार से सरकार का रिलेशन अलग बात है, हमारा उनके साथ इत्तेहाद है और ये रहेगा. गठबंधन से देश को नई दिशा मिलेगी. बीजेपी ने कितने मुस्लिमों को टिकट दिया. कांग्रेस और राहुल गांधी के अनुच्छेद 370 और 35 ए को लेकर चुप्पी पर उन्होंने कहा कि वे भारत की पार्टी हैं, उनको दिक्कत हो सकती है. हम रीजनल पार्टी हैं और कर रहे हैं. हमने कभी उनसे नहीं कहा कि आप इसकी चर्चा करो.
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बीजेपी के साथ गठबंधन को लेकर पीडीपी के आरोप पर डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जनता को बेवकूफ बनाने के लिए ये कलाम बहुत अच्छा है. उन्होंने बीजेपी के साथ पहले गठबंधन के जिक्र पर कहा कि हमने उनको जम्मू कश्मीर में कभी नहीं लाया. तब बीजेपी ओपन थी. उसमें कई पार्टियां थीं. अब्दुल्ला ने चुनाव बाद गठबंधन को लेकर सवाल पर कहा कि इलेक्शन के बाद क्या होगा, उस पर उस वक्त देखेंगे. निर्दलीयों को लेकर सवाल पर उन्होंने कहा कि उनको अधिकार है, संविधान ने दिया है कि वे चुनाव में खड़े हो सकते हैं, वोट मांग सकते हैं.
परिवारवाद के आरोप, बारामूला से उमर और अनंतनाग से महबूबा मुफ्ती की हार को लेकर सवाल पर फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि क्या ये बिल्कुल धुले हुए हैं, क्या इनकी जमात में ऐसा कोई नहीं है जो फैमिली से आए हुए हैं. उमर अब्दुल्ला के राज्य का दर्जा मिलने तक चुनाव मैदान में नहीं उतरने के ऐलान और फैसला बदलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये सवाल आपको उमर से करना चाहिए. उसने देखा कि हालात बदलना है तो चुनाव में उतरना होगा. यहां लोगों का राज लाना होगा.
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