भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव और सात राज्यों की आठ विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों के लिए मतदान प्रक्रिया को दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिकों के लिए सुलभ और समावेशी बनाने के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की हैं. 6 अक्टूबर को चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) को निर्देश दिए हैं कि सभी मतदान केंद्र भूतल या सड़क प्रवेश स्तर पर हों, ताकि व्हीलचेयर का इस्तेमाल करने वाले दिव्यांग मतदाता (पीडब्ल्यूडी) और बुजुर्ग आसानी से मतदान कर सकें.
उन्होंने ये भी निर्देश दिया गया है कि मतदान केंद्रों में प्रवेश करने के लिए दिव्यांग मतदाताओं और वरिष्ठ नागरिकों को प्राथमिकता दी जाए. दृष्टिबाधित व्यक्तियों की सुविधा के लिए आयोग ने नियमित मतदाता सूचना पर्ची (वीआईएस) के साथ-साथ ब्रेल सुविधाओं के साथ सुलभ मतदाता सूचना पर्ची जारी करने का निर्देश दिया है.
मतदान केंद्र पर उपलब्ध कराए जाएंगे ब्रेल लिपि
चुनाव संचालन नियम, 1961 के नियम 49एन के अनुसार, दृष्टिबाधित व्यक्ति मतदान केंद्र पर अपनी ओर से वोट डालने के लिए अपने साथ एक साथी ले जा सकते हैं. सभी मतदान केंद्रों पर ब्रेल लिपि में डमी मतपत्रक भी उपलब्ध कराए जाएंगे. कोई भी दृष्टिबाधित मतदाता इस शीट का इस्तेमाल अपने साथी की मदद के बिना ईवीएम की बैलेट यूनिट पर ब्रेल सुविधा का उपयोग करके अपना वोट डालने के लिए कर सकता है.
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आयोग ने निर्देश दिया है कि मतदान के दिन मतदान केंद्र पर दिव्यांगजनों के लिए उचित परिवहन सुविधा होनी चाहिए. पीडब्ल्यूडी मतदाता ईसीआईएनईटी के दिव्यांग (सक्षम) मॉड्यूल पर पंजीकरण करके परिवहन और व्हीलचेयर सुविधा का अनुरोध कर सकते हैं.
दिव्यांग कर्मचारियों द्वारा संचालित मतदान केंद्र
आयोग के निर्देश के मुताबिक, चुनावी मशीनरी को राज्य के सभी 90, 712 मतदान केंद्रों पर दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिकों को लिए विशेष सुविधाएं सुनिश्चित की जाएगी. इनमें से 292 मतदान केंद्र पूरी तरह से दिव्यांग अधिकारी व कर्मचारी ही संभालेंगे. ये एक अनूठी पहल है, जिसके तहत दिव्यांग पोलिंग पार्टियां अपनी क्षमता और कार्यकुशलता का प्रदर्शन करेंगी.
संजय शर्मा