प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के विजेताओं से बात करेंगे. ये बातचीत शाम चार बजे होगी. सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के विजेताओं को सम्मानित किया था.
इस साल 11 बच्चों को ये पुरस्कार दिया गया है. इनमें 6 लड़के और 5 लड़कियां हैं. हर विजेता को मेडल और कैश प्राइज दिया गया है.
असाधारण उपलब्धि हासिल करने वाले बच्चों को हर साल प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार दिया जाता है. इस पुरस्कार की शुरुआत 1996 में की गई थी. 2018 में इसका नाम बदलकर 'बाल शक्ति पुरस्कार' कर दिया गया था. इसमें बहादुरी के क्षेत्र में उपलब्धि हासिल करने वाले बच्चों को भी शामिल किया गया.
किन बच्चों को मिलता है राष्ट्रीय बाल पुरस्कार?
- राष्ट्रीय बाल पुरस्कार महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से दिया जाता है. ये पुरस्कार किन बच्चों को मिलेगा, उसके लिए मंत्रालय की एक गाइडलाइन है.
- गाइडलाइन के मुताबिक, ये पुरस्कार उन बच्चों को मिलेगा जो भारत के नागरिक हैं और भारत में रहते हैं. ऐसे बच्चों की उम्र 5 साल से ज्यादा और 18 साल से कम होनी चाहिए.
इन श्रेणियों में दिया जाता है ये पुरस्कार
1. इनोवेशनः विज्ञान और सामाजिक विज्ञान में उपलब्धि हासिल करने वाले बच्चों. उनके इनोवेशन से इंसानों के साथ-साथ जीव-जंतु और पर्यावरण पर कोई प्रभाव पड़ा हो.
2. सामाजिक कार्यः बाल विवाह, यौन शोषण, शराब आदि जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ समाज को प्रेरित किया हो या संगठित किया हो.
3. शिक्षाः राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार उपलब्धि हासिल की हो.
4. खेलः राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल में लगातार उपलब्धि हासिल की हो.
5. आर्ट्स एंड कल्चरः म्यूजिक, डांस, पेंटिंग या आर्ट्स और कल्चर से जुड़ी अन्य विधाओं में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धि हासिल की हो.
6. बहादुरीः अपनी जान जोखिम में डालकर निस्वार्थ सेवा करने वाले बच्चों को शामिल किया जाता है. ऐसे बच्चे जो प्राकृतिक या मानव निर्मित किसी भी परिस्थितियों में साहस का काम करते हैं. या फिर ऐसे बच्चे जो किसी भी खतरे की स्थिति में अपनी बुद्धिमत्ता और मानसिक शक्ति का असाधारण इस्तेमाल करते हों.
विजेताओं को क्या मिलता है?
राष्ट्रीय बाल पुरस्कार जीतने वाले विजेताओं को मेडल और प्रमाण पत्र के अलावा 1 लाख रुपये का नकद इनाम दिया जाता है. इसके अलावा राष्ट्रपति इन्हें सर्टिफिकेट भी देते हैं. ये बच्चे राजपथ पर होने वाली गणतंत्र दिवस की परेड में भी हिस्सा लेते हैं.
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