JEE Mains Topper 2024: हरियाणा के गुरुग्राम के सेक्टर-69 ट्यूलिप वाइट सोसाइटी में रहने वाले आरव भट्ट और आरुष भट्ट ने जेईई की परीक्षा में टॉप करके अपने परिजनों के साथ-साथ गुरुग्राम का भी नाम रोशन किया है. दोनों भाइयों ने इंजीनियरिंग कोर्स में एडमिशन के लिए एक साथ जेईई मेन्स एग्जाम क्लियर किया है और अब जेईई एडवांस्ड देने की तैयारी है. इस परीक्षा में आरव ने ऑल इंडिया तीसरी रैंक हासिल की है जबकि आरुष ने 5660 रैंक हासिल की है.
पिता इलेक्ट्रिकल इंजीनियर और मां टीचर
दोनों बच्चों की इस उपलब्धि से माता-पिता और रिश्तेदारों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा. फिलहाल दोनों एडवांस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. आरव ने बताया कि उनके पिता इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं और मां ने एमएससी मैथ किया हुआ है और एक योगा टीचर हैं.
बचपन से मां ने पढ़ाया मैथ्स, तभी इंजीनियर बनने का सोचा
आरव ने आजतक की टीम से बात करते हुए बताया कि बचपन से मां ने ही उन्हें मैथ पढ़ाया है. बचपन से ही मैथ और साइंस अच्छी होने की वजह से उन्होंने इंजीनियर बनने का सोचा था. देर रात तक पढ़ाई करने के साथ ही माता-पिता और टीचर के गाइडेंस से आज वह देश के टॉप 3 स्टूडेंट्स में से एक हैं. उन्होंने बताया कि जब वह नवीं कक्षा में थे तब लॉकडाउन लगा था. उस वक्त से ही मोबाइल और खेल से दूरी बनाने बना ली थी. इस दूरी का फायदा उन्हें मिला और आज वह इस मुकाम पर हैं.
आईआईटी में मैथ्स प्रोफेसर बनना चाहते हैं आरुष
वहीं आरुष की मानें तो उन्होंने अपना करियर लॉकडाउन में तय कर लिया था. उन्होंने लॉकडाउन के दौरान ही आईआईटी में मैथ प्रोफेसर बनने का तय किया था. वह आईआईटी में मैथ प्रोफेसर बनकर देश के एजुकेशन सिस्टम को सुधारना चाहते हैं.
तैयारी के दौरान हर कोई मोबाइल, सोशल मीडिया से दूर हो जाता है. यहां तक कि उनका भाई भी सोशल मीडिया से दूर हो गया था, लेकिन वह दूर नहीं हुए. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से वह लगातार जुड़े रहे. सोशल मीडिया के नाम पर वह लिंकडिन के जरिए अपने सीनियर से जुड़े रहे और उनका गाइडेंस लेते रहे. फिलहाल अपनी इस उपलब्धि पर दोनों भाइयों के साथ परिजन भी खुश हैं. अब दोनों भाइयों ने एडवांस परीक्षा की तैयारी भी शुरू कर दी है. दोनों ही उन छात्रों और युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गए हैं जो मोबाइल का इस्तेमाल केवल मनोरंजन के लिए करते हैं. आरुष और आरव का कहना है कि मोबाइल का उपयोग सही किया जाए तो यह आपका भविष्य सुधार सकता है.
नीरज वशिष्ठ