मुल्क की आजादी और देशवासियों की बेहतरी की चाहत रखने वाले क्रांतिकारी भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को हुआ था. महज 23 साल की उम्र में फांसी के फंदे को हंसकर चूम लेने वाले इस बलिदानी ने इतने कम समय में बहुत बड़ा जीवन जी लिया. बता दें कि उनके बचपन से लेकर फांसी तक की पूरी यात्रा के दौरान उनकी तमाम तस्वीरें मौजूद नहीं हैं. भगत सिंह अभिलेखागार व संसाधन केंद्र दिल्ली के मानद सलाहकार व भगत सिंह के दस्तावेजों के संपादक प्रो चमन लाल का कहना है कि भगत सिंह के अब तक मिले दस्तावेजों के अनुसार सिर्फ ये चार तस्वीरें ही सही हैं, आइए जानें- ये तस्वीरें कब और कहां ली गईं.
ये पहली फोटो तब की है जब भगत सिंह सिर्फ 11 साल की उम्र के थे. इतिहासकार बताते हैं कि वो बचपन से ही आजादी का सपना देखते थे. उनके बारे में एक किस्सा ये है कि भगत सिंह जब छोटे थे तो एक दिन खेलते वक्त अचानक उनके हाथ में बंदूक लग गई. ये बंदूक उनके चाचा की थी. भगत सिंह बंदूक लेकर अपने चाचा के पास गए और उनसे पूछा कि ये क्या है. चाचा ने बंदूक के बारे में बताया तो भगत सिंह ने कहा कि अंग्रेजों को खिलाफ इससे लड़ेंगे. एक दिन वो अपने चाचा को आम का पेड़ लगाते वक्त देखकर बंदूक को बोने की बात कहने लगे, जिससे कि तमाम बंदूकें उगें और वो अंग्रेजों से लड़ने के काम आएं.
ये तस्वीर तब की है जब वो 17 साल की उम्र के थे. ये उनके कॉलेज के वक्त की फोटो है. भगत सिंह उस वक्त नौजवान भारत सभा बना चुके थे. फिर 1925-26 का दौर आया, तब सरदार भगत सिंह पर क्रांति का रंग पूरी तरह चढ़ चुका था. वो नौजवान भारत सभा बना चुके थे और हिंदुस्तान सोशलिस्ट पार्टी के जरिए चंद्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारियों से भी जुड़ चुके थे.
20 साल की उम्र तक वो देश दुनिया के विचारकों की किताबें पढ़ चुके थे. उन्होंने इन विचारकों को अपने जीवन में उतार लिया था. ये फोटो भी उसी उम्र की है. इस फोटो में उन्होंने सिर पर पगड़ी पहनी हुई है.
सिर पर टोपी पहने 21 साल की उम्र में खिंचवाई गई ये फोटो ही उनकी मौजूद फोटो में सबसे अंतिम है. इस फोटो के बारे में बहुत सारी जानकारियां नहीं हैं, लेकिन उनकी हैट वाली इस तस्वीर की कई पेंटिंग्स भी काफी प्रचलित हैं.