क्या है One Nation One Subscription? जिससे आज से देश के 1.80 करोड़ छात्रों को होगा फायदा

केंद्र सरकार ने 'वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन' योजना शुरू कर दी है, जिससे 1 करोड़ 80 लाख से ज्यादा छात्रों को मुफ्त में अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स और रिसर्च पेपर तक पहुंच मिलेगी. ONOS पोर्टल पर 6,300 से ज्यादा संस्थान रजिस्टर्ड होंगे, जिनमें 451 राज्य विश्वविद्यालय, 4864 कॉलेज और 172 राष्ट्रीय महत्व के संस्थान (जैसे IITs और NITs) शामिल हैं.

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सांकेतिक तस्वीर (पीटीआई) सांकेतिक तस्वीर (पीटीआई)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 1:24 PM IST

केंद्र सरकार ने नवंबर 2024 से छात्रों के लिए 'वन नेशनल वन सब्लक्रिप्शन' (One Nation One Subscription या ONOS) योजना को मंजूरी दी थी. इस योजना के तहत 1 करोड़ 80 लाख से ज्यादा छात्रों को फायदा मिलेगा. आज, 1 जनवरी 2025 से इस योजना के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए हैं. आइए जानते हैं वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना क्या है और छात्रों को कैसे लाभ मिलेगा?

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क्या है वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना?
दरअसल, इस योजना का उद्देश्य हायर स्टडीज के छात्रों के लिए रिसर्च पेपर और एकेडमिक जर्नल्स तक पंहुच आसान बनाना है. छात्र, वन नेशनल वन सब्सक्रिप्शन के तहत फ्री में एकेडमिक जनर्ल्स और रिसर्च पेपर एक्सेस कर सकेंगे. इस योजना के तहत, छात्र और शोधकर्ता एक डिजिटल पोर्टल के जरिए 30 से ज्यादा बड़े अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स तक आसानी से पहुंच सकते हैं. योजना का संचालन सूचना और पुस्तकालय नेटवर्क (INFLIBNET) करेगा, जो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अंतर्गत आता है. इस पोर्टल पर 6,300 से ज्यादा संस्थान रजिस्टर्ड होंगे, जिनमें 451 राज्य विश्वविद्यालय, 4864 कॉलेज और 172 राष्ट्रीय महत्व के संस्थान (जैसे IITs और NITs) शामिल हैं. इससे छात्र, संकाय और शोधकर्ता इस सुविधा का लाभ ले सकेंगे.

दो चरण में लागू होगी ONOS योजना
2025 से 2027 तक इस योजना के लिए 6,000 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है. योजना का उद्देश्य छात्रों और शोधकर्ताओं को बेहतर शोध संसाधन प्रदान करना है. यह योजना दो चरणों में लागू होगी, पहले चरण में साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मेडिकल, मैथमेटिक्स, मैनेजमेंट, पॉलिटिकल साइंस और ह्यूमैनिटीज जैसे विषयों पर आधारित 13,400 से अधिक अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स उपलब्ध कराए जाएंगे. इसमें प्रमुख प्रकाशकों जैसे Elsevier, Springer Nature और Wiley के जर्नल्स को इस प्रोग्राम के तहत शामिल किया गया है.

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दूसरे चरण में, सरकार इस पहल को निजी शैक्षणिक संस्थानों तक भी पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के माध्यम से विस्तारित करने की योजना बना रही है. प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार एके सूद ने कहा कि 'वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन' भारतीय शोधकर्ताओं और छात्रों को सशक्त बनाएगी और उन्हें उच्च गुणवत्ता वाले वैश्विक शोध तक पहुंच देकर शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी.

क्या होगा फायदा?
- इस योजना से IITs समेत सभी सरकारी वित्त पोषित हायर इंस्टीट्यूट्स के करीब 1 करोड़ 80 लाख छात्रों को फायदा होगा.
- छात्रों को 13,000 से ज्यादा ई-जर्नल्स तक मुफ्त पहुंच मिलेगी.
- शोधकर्ता अपने काम में इंटरनेशनल लेवल की जानकारी का यूज कर पाएंगे.
- यह प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल और आसान होगी.
- 'वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन' भारत के शिक्षा क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाएगा और छात्रों को बेहतर शोध व ज्ञान प्राप्त करने में मदद करेगा.

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