UP RO-ARO Exam: इस बार कड़ी निगरानी में होगी RO-ARO की परीक्षा, 27 जुलाई को एक ही पाली में होगा एग्जाम

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) द्वारा आयोजित RO-ARO (रिव्यू ऑफिसर/असिस्टेंट रिव्यू ऑफिसर) परीक्षा इस बार सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच 27 जुलाई 2025 को आयोजित की जाएगी. आयोग ने साफ किया है कि परीक्षा एक ही पाली में संपन्न होगी और नकल रोकने के लिए विशेष निगरानी एवं सुरक्षा इंतज़ाम किए गए हैं.

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उत्तर प्रदेश में RO-ARO की परीक्षा 2 जुलाई को आयोजित की जाएगी. (Photo: AI Generated) उत्तर प्रदेश में RO-ARO की परीक्षा 2 जुलाई को आयोजित की जाएगी. (Photo: AI Generated)

आशीष श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 23 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 8:40 AM IST

UP RO-ARO Exam Date 2025: उत्तर प्रदेश में होने वाली आरओ एआरओ (समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी) परीक्षा की तारीख घोषित कर दी गई है. जारी सूचना के अनुसार, (RO-ARO) परीक्षा 27 जुलाई 2025 को आयोजित की जाएगी. यह परीक्षा प्रदेश के सभी जिलों में एक ही पाली में सुबह 9:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक होगी.

10 लाख से ज्यादा कैंडिडेट्स हो सकते हैं शामिल

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इस परीक्षा में 10.76 लाख से अधिक अभ्यर्थियों के शामिल होने की संभावना है. परीक्षा की निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए STF (स्पेशल टास्क फोर्स), खुफिया एजेंसियों और पुलिस को विशेष जिम्मेदारी दी गई है. संवेदनशील परीक्षा केंद्रों की विशेष निगरानी के निर्देश STF को दिए गए हैं. इसके साथ इस बार कोई गड़बड़ ना हो इसलिए, पुराने पेपर लीक और नकल से जुड़े आरोपियों के खिलाफ सतत निगरानी की जा रही है.

अलर्ट पर सभी सुरक्षा एजेंसी

उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा सक्रिय नकल गिरोहों की पहचान कर उन पर नजर रखी जा रही है. परीक्षा से पहले सभी सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से बचा जा सके. इस परीक्षा के माध्यम से उम्मीदवारों का चयन विभिन्न विभागों में समीक्षा अधिकारी (RO) और सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) के पदों के लिए किया जाएगा.

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पिछली बार क्यों रद्द हुआ था आरओ-एआरओ का एग्जाम

11 फरवरी 2024 को समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी के लिए होने वाला प्रीलिम्स एग्जाम पेपर लीक सामने आने के बाद रद्द कर दिया गया था. उसी दिन शाम होते-होते सोशल मीडिया पर पेपर लीक की खबरें आने लगीं. कई लोगों ने लिखा कि परीक्षा से पहले ही पेपर लीक हो गया. इस बात पर छात्रों का विरोध शुरू हो गया. दोबारा परीक्षा की मांग हुई तो आयोग ने स्पेशल टास्क फोर्स (STF) से मामले की जांच कराने का फैसला लिया.

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