पंचायत चुनाव के बाद टीचर्स को साधने में जुटे योगी, आजीवन वैध होगा UPTET सर्टिफिकेट

अब तक UP TET प्रमाणपत्र केवल 5 वर्षों तक के लिए मान्‍य होता था. यदि उम्‍मीदवार को 5 वर्षों तक कहीं भर्ती नहीं मिलती है तो उसे दोबारा परीक्षा क्‍वालिफाई करनी होती थी. इसी व्‍यवस्‍था में अब सुधार किया गया है.

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CM Adityanath (File Photo) CM Adityanath (File Photo)

कुमार अभिषेक

  • लखनऊ,
  • 16 जून 2021,
  • अपडेटेड 2:55 PM IST
  • सर्टिफिकेट की मान्‍यता पहले 5 वर्षों तक की थी
  • नए निर्देश 2011 से निर्गत मार्कशीट पर लागू हैं

उत्‍तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश के शिक्षक अभ्‍यर्थियों के लिए बड़ा फैसला लेते हुए UP TET सर्टिफिकेट की वैधता को आजीवन करने का निर्णय लिया है. मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कहा कि इसका आदेश जारी कर दिया गया है और इस संबंध में जल्‍द नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा.

हाल ही में हुए पंचायत चुनावों के नतीजों के बाद से ही सरकार की तरफ से कुछ राहत भरे फैसलों की उम्‍मीद की जा रही थी. शिक्षक भर्ती के संबंध में सरकार का यह फैसला उसी दिशा में एक बड़ा कदम है. आदेश जारी होने के बाद, परीक्षा में एक बार क्‍वालिफाई हुए उम्‍मीदवारों को बार- बार परीक्षा देने की जरूरत नहीं होगी.

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इससे पहले तक UP TET प्रमाणपत्र केवल 5 वर्षों तक के लिए मान्‍य होता था. यदि उम्‍मीदवार को 5 वर्षों तक कहीं भर्ती नहीं मिलती है तो उसे दोबारा परीक्षा क्‍वालिफाई करनी होती थी. इसी व्‍यवस्‍था में अब सुधार किया गया है जो कि प्रदेश के लाखों शिक्षक अभ्यर्थियों के लिए बड़ी राहत की खबर है. मुख्‍यमंत्री ने जानकारी दी कि DElEd कोर्सेज़ में एडमिशन के लिए पूर्व प्रचलित व्यवस्था ही लागू रखी जाएगी. 

प्राइमरी व जूनियर स्कूलों यानी कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाने के लिए TET अनिवार्य होता है. पात्रता आजीवन रहने पर अभ्यर्थियों को बार-बार परीक्षा में बैठने से मुक्ति मिलेगी और आवेदन शुल्क भी नहीं देना पड़ेगा. बता दें कि इससे पहले केन्‍द्र सरकार ने CTET सर्टिफिकेट की वैधता भी आजीवन करने का फैसला किया था. प्रदेश में पहली बार 2011 में यूपी बोर्ड ने परीक्षा आयोजित की थी जिसके बाद 2013 से परीक्षा नियामक प्राधिकारी परीक्षाएं आयोजित करा रहे हैं.

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