IAS Ram Sabbanwar: ये कहानी है उत्तर प्रदेश कैडर के 2022 बैच के IAS अधिकारी राम सब्बनवार की. आप सोचिए, जिसके पास कॉर्पोरेट में एंट्री के सारे दरवाजे खुले थे, इंजीनियरिंग और MBA जैसी डिग्रियां थींं, पढ़ाई के बाद नौकरी भी मिल गई थी. फिर आखिर ऐसा क्या हुआ कि वो आईएएस अफसर बनने के लिए प्रेरित हो गए. इसका जवाब आपको उनकी पूरी कहानी पढ़कर ही मिलेगा.
नवोदय विद्यालय से की स्कूली पढ़ाई
IAS ऑफिसर राम आज यूपी के मुजफ्फरनगर जिले के असिस्टेंट कलेक्टर की जिम्मेदारी पर हैं. इस मुकाम तक पहुंचने का उनका सफर हर किसी के लिए प्रेरणादायक है. उन्होंने aajtak.in से अपने जीवन के बारे में कई बातें साझा कीं. राम सब्बनवार ने बताया कि उनका जन्म महाराष्ट्र के लातूर जिले के हंडरगुली गांव में हुआ था. पिता एक छोटी सी किराने की दुकान चलाते थे और मां गृहिणी थीं. घर में माता-पिता के अलावा एक छोटा भाई भी है. अपनी स्कूली पढ़ाई उन्होंने नवोदय विद्यालय से की. नवोदय विद्यालय में उस दौर में दाखिला पाना आसान नहीं माना जाता था. जिले से केवल 80 बच्चे नवोदय स्कूल में दाखिला पा सके थे. खैर, उन्हें दाखिला मिला और घर से दूर पढ़ाई में जुट गए.
TISS मुंबई से किया MBA
बचपन से पढ़ाई में तेज राम ने स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद पुणे से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. इसी दौरान उन्हें Google में इंटर्नशिप करने का भी मौका मिला. इसके बाद उन्होंने TISS-Mumbai से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में MBA किया. कुशाग्र बुद्धि के धनी राम सब्बनवार को हमेशा स्कॉलरशिप मिलती गईं. वो पढ़ते गए और साथ में कई जॉब ऑफर भी सामने थे. करियर एकदम पटरी पर था. वो कॉर्पोरेट की दुनिया में जाने की तैयारी कर चुके थे, मगर इसी दौरान उनके जीवन में कुछ ऐसा घटा जिसने उनकी सोच को ही बदल डाला.
इस एक घटना ने बदलकर रख दिया
राम बताते हैं, 'पुणे में रहकर नौकरी के दौरान एक बार मैं काफी बीमार पड़ा. टायफॉयड के चलते ब्लड प्लेटलेट्स की गिनती कम हो रही थी. मैंने इलाज के लिए सरकारी अस्पताल का रुख किया जहां कई दिनों तक मेरी हालत में कोई सुधार नहीं आया. मुझे ब्लड टेस्ट के लिए अलग अस्पताल जाना पड़ा. फिर नांदेड़ के अस्पताल में पहुंचा जहां कई सारी गैर जरूरी जांचें लिख दी गईं. 15 दिनों तक मैं लाचार सरकारी व्यवस्था के खस्ताहाल बेड पर पड़ा रहा. इसी दौरान मैंने खुद से पूछा कि कहीं में 'सेल्फिश' तो नहीं.' मुझे अहसास हो रहा था जैसे मैंने अब तक समाज से सिर्फ लिया है. मेरा दायित्व बनता है कि मैं इसे कुछ लौटाऊं. बस तभी सिस्टम को दुरुस्त करने के इरादे से मैंने UPSC की तैयारी शुरू कर दी, और आज अपना सपना जी रहा हूं.'
शुरू की यूपीएससी की तैयारी, और...
राम ने 2019 में UPSC की तैयारी शुरू कर दी. अपने पहले प्रयास में ही वह इंटरव्यू तक पहुंचे, मगर कामयाबी हाथ नहीं लगी. अपने दूसरे अटेम्प्ट में उन्होंने पूरा जोर लगाया और ऑल इंडिया 202 रैंक हासिल की. LBSNAA में ट्रेनिंग पूरी कर वह इसी माह मुजफ्फरनगर जिले में असिस्टेंट कलेक्टर बने हैं.
रविराज वर्मा