टीचिंग के लिए B.Ed, BTC और ITEP कोर्स में क्या है अंतर? जानिए

सरकारी स्कूल का शिक्षक बनने के लिए उम्मदीवारों के पास 2 ऑप्शन होते हैं. एक तो यह कि वह बीएड कर सकते हैं और दूसरा डीएलएड लेकिन अब इसमें आईटीईपी कोर्स भी जुड़ चुका है. तो आइए इन तीनों में अंतर जानते हैं.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 10 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 5:42 PM IST

B.Ed, BTC, ITEP Course: भारत में शिक्षक बनने के लिए 12वीं के बाद ग्रेजुएशन में B.Ed (Bachelor of Education) या बीटीसी (Basic Training Certificate) कोर्स करना होता है. बेसिक ट्रेनिंग को DElEd (Diploma in Elementary Education) कहा जाता है. शिक्षक बनने का सपना देख रहे उम्मीदवार इन दोनों में से कोई एक रास्ता चुन सकते हैं. ऐसे में कई अभ्यर्थियों को इस चीज में काफी कन्फ्यूजन होती हैं कि उन्हें बीएड करना चाहिए या डीएलएड.

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सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में फैसला सुनाया है कि प्राइमरी स्कूल टीचर (कक्षा 1 से लेकर कक्षा 5 तक) के लिए सिर्फ DElEd की डिग्री वाले उम्मदीवार ही सरकारी शिक्षक बन सकते हैं और जिनके पास बीएड की डिग्री है वो कक्षा 6 से शिक्षक बनने के लिए अप्लाई कर सकते हैं.

B.Ed Vs DElEd: यहां समझें दोनों में अंतर
टीचर ट्रेनिंग के लिए बीटीसी की तुलना में डीएलएड ज्यादा डिटेल्ड डिप्लोमा लेवल का कोर्स है, जिसे ज्यादा स्वीकार्यता प्राप्त है. बीटीसी या बेसिक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट प्रारंभिक स्तर के लिए एनसीटीई (नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजुकेशन) द्वारा मान्यता प्राप्त 2 साल का कोर्स है. जबकि बैचलर इन एजुकेशन या बीएड 2 साल का टीचर ट्रेनिंग डिग्री कोर्स है. बीएड योग्य उम्मीदवार अपर प्राइमरी टीचर की नौकरियों के लिए आवेदन कर सकते हैं.

बीएड एक डिग्री है और BTC या DElEd  एक डिप्लोमा कोर्स है. बीए की डिग्री के बाद बैचलर ऑफ एजुकेशन (B.Ed) दो साल डिग्री कोर्स कर सकते हैं. BA+B.Ed, BSC+B.Ed आदि करने में पांच साल लगते हैं. इसके लिए ग्रेजुएशन में 50 प्रतिशत मार्क्स होने चाहिए.  

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वहीं DElEd 12वीं के बाद कर सकते हैं. DElEd के डिप्लोमा कोर्स की अवधि भी 2 साल की है. इसके लिए आपके पास 12वीं में 50 प्रतिशत अंक होना जरूरी है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, अगर आपने डीएलएलड किया हुआ है तो आप कक्षा 1 से लेकर कक्षा 5 और 8 तक के लिए सरकारी स्कूल में शिक्षक बनने के लिए अप्लाई कर सकते हैं.

बीएड कोर्स मान्य नहीं! अब ITEP बन रहा है नया ऑप्शन
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब सरकारी स्‍कूलों में प्राइमरी टीचर बनने के लिए B.Ed कोर्स मान्य नहीं होगा. अब ITEP (Integrated Teacher Education Programme) कोर्स बीएड की जगह लेने को तैयार है. इसे डिजाइन किया है नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन यानी NCTE ने, इसे इंटीग्रेटेड टीचर्स एजुकेशन प्रोग्राम यानी ITEP नाम दिया है. इस 4 साल के कोर्स के जरिये ही शिक्षक भर्तियों को पूरा किया जाएगा. ये कोर्स योग्यता में शामिल होगा. 

इसके लागू होने के बाद उम्मीदवार 12वीं के बाद ITEP कोर्स कर सकते हैं और बीए+बीएड चार साल में पूरी कर सकते हैं. इस कोर्स के आने से उम्मीदवार प्राइमरी टीचर बनने की योग्यता हासिल कर सकेंगे. साल 2030 से चार वर्षीय बीएड या चार-वर्षीय एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (आईटीईपी) डिग्री को अन‍िवार्य करने की तैयारी है. 

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