स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (SSC) की भर्तियों में हिस्सा लेने वाले उम्मीदवार एक बार फिर सड़कों पर हैं. परीक्षार्थी कई मुद्दों को लेकर प्रोटेस्ट कर रहे हैं. भर्ती परीक्षा में गड़बड़ियों की लंबी लिस्ट उम्मीदवारों के पास है, जिसमें एक कंपनी का नाम सबसे ज्यादा लिया जा रहा है. इस कंपनी का नाम है Eduquity. ऐसे में सवाल है कि आखिर इस कंपनी की चर्चा क्यों हो रही है, इस कंपनी पर लग रहे आरोपों पर एसएससी का क्या कहना है? तो जानते हैं इस कंपनी की कहानी...
किस बात का विरोध कर रहे हैं उम्मीदवार?
प्रदर्शन कर रहे बच्चों का कहना है-
'पहले परीक्षा टीसीएस करवाती थी और अब इस कंपनी के जरिए परीक्षा करवाई जा रही है.'
'जब परीक्षा देने गए तो वहां एक पर्चा मिला कि एग्जाम पोस्टपोंड हो गया है. एक दिन पहले रात में मैसेज आया कि एग्जाम कैंसिल हो गया.'
'जहां एग्जाम हुआ, वहां कहीं माउस नहीं चल रहा था तो कहीं सर्वर की दिक्कत थी. कुछ कारणों से वेरिफिकेशन नहीं हो पा रहा था.'
'दो-दो घंटे तक बैठाकर रखा, एग्जाम काफी लेट शुरू किया गया'
'परीक्षा का आयोजन Eduquity से करवा रहे हैं, जो पहले मध्य प्रदेश में धांधली कर चुकी है. उसके चक्कर में मैंने वहां तैयारी करना बंद कर दी थी.'
'सेंटर प्रेफरेंस का कोई मतलब नहीं है. जहां का भर रहे हैं, वहां से बहुत दूर एग्जाम सेंटर दे दिया.'
'एआई के जरिए पेपर सेट हो रहा है और पेपर रीपीट हो रहा है.'
'पेपर सेलेबस से बाहर से आ रहा है. 25 में से 6 तो आउट ऑफ सेलेबस सवाल हैं.'
'एक पैरामीटर तय हो, कंप्यूटर ठीक हो, चेयर ठीक हो, स्टाफ का बिहवेयर ठीक हो.'
'अगले दिन सेम सवाल आ रहा है, सिस्टम ठीक नहीं चलता, पेन खराब है'
'आगे भैंस बंधी हैं और पीछे एग्जाम सेंटर है. टिन शेड की नीचे बस कंप्यूटर रखे हैं, गर्मी में बच्चे परेशान रहते हैं.'
क्या है इस कंपनी की कहानी?
दरअसल, Eduquity का पूरा नाम Eduquity Career Technologies है. इस कंपनी को जुलाई–अगस्त 2025 में आयोजित Selection Post Phase‑13 परीक्षा आयोजित करवाने का टेंडर दिया गया था. इस परीक्षा में ही कई गड़बड़ियां होने पर उम्मीदवारों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. इससे पहले परीक्षा का आयोजन टीसीएस की ओर से करवाया जाता था. कंपनी पहले MP-TET (2022), पटवारी भर्ती (2023), महाराष्ट्र MBA‑CET (2023) जैसी परीक्षाओं को लेकर विवादों में रही थी. यहां तक कि मामला कोर्ट में भी पहुंचा था.
इस दौरान कंपनी पर पेपर लीक, तकनीकी गड़बड़ियां और अनुचित प्रक्रियाओं से जुड़े आरोप लगे थे. ये बेंगलुरु की एक कंपनी है, जो सीबीटी यानी कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट का आयोजन करवाने के लिए जानी जाती है. इस कंपनी के पास SSC की कई परीक्षाएं आयोजन करवाने का जिम्मा है. ये भी कहा जाता है कि Eduquity कंपनी को दो साल के लिए प्रतिबंधित किया गया था.
क्या कहते हैं SSC चेयरमैन?
परीक्षा का टेंडर ब्लैकलिस्टेड एजेंसी, Eduquity करियर टेक्नोलॉजीज को दिए जाने के आरोपों पर SSC चेयरमैन ने कहा नई एजेंसी का सेलेक्शन पारदर्शी प्रक्रिया के तहत किया गया था और ब्लैकलिस्टेड किसी भी फर्म को टेंडरिंग के चरण में ही अयोग्य घोषित कर दिया जाता.
उन्होंने आगे कहा, 'हम परीक्षा आयोजित करने के लिए एजेंसियों पर निर्भर हैं और उनका चयन खुली टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है. कुछ एजेंसियां परीक्षाओं की निगरानी करती हैं, कुछ सेलेबस और सवाल उपलब्ध कराती हैं और एक आईटी हेल्प प्रदान करती है. पिछली एजेंसी का कार्यकाल 2024 में समाप्त हो रहा था. उसके बाद, एक पारदर्शी प्रक्रिया के तहत एक नई एजेंसी का चयन किया गया. अगर किसी एजेंसी को ब्लैकलिस्ट किया गया होता, तो उसे टेंडरिंग के चरण में ही अयोग्य घोषित कर दिया जाता. इसलिए, यह प्रक्रिया पारदर्शी है.'
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