DUSU चुनाव में घमासान, NSUI और ABVP आमने-सामने, एक-दूसरे पर नियम तोड़ने के आरोप

डूसू चुनाव में एनएसयूआई और एबीवीपी के बीच जमकर आरोप-प्रत्यारोप हो रहे हैं. एनएसयूआई ने प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाया, जबकि एबीवीपी ने एनएसयूआई को आचार संहिता उल्लंघन का दोषी बताया. 

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डूसू चुनाव का मतदान 18 सितंबर को होगा और 19 को नतीजे आएंगे. इस बार अध्यक्ष पद पर दो महिला उम्मीदवार हैं, जिससे 17 साल बाद डूसू को महिला अध्यक्ष मिलने की संभावना है. ( Photo: India Today) डूसू चुनाव का मतदान 18 सितंबर को होगा और 19 को नतीजे आएंगे. इस बार अध्यक्ष पद पर दो महिला उम्मीदवार हैं, जिससे 17 साल बाद डूसू को महिला अध्यक्ष मिलने की संभावना है. ( Photo: India Today)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 14 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:54 PM IST

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) चुनाव को लेकर एनएसयूआई और एबीवीपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं. एनएसयूआई राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के इशारे पर दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन उनके उम्मीदवारों को परेशान कर रहा है. उन्होंने दावा किया कि एनएसयूआई के उपाध्यक्ष पद प्रत्याशी राहुल झांसला को तीन घंटे तक पूछताछ के नाम पर रोका गया और कैंडिडेचर रद्द करने की धमकी दी गई.

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एनएसयूआई का आरोप
वरुण चौधरी ने इसे “आरएसएस-बीजेपी के डर” का परिणाम बताया और छात्रों से एनएसयूआई को वोट देकर “अन्याय का जवाब देने” की अपील की. वहीं, एबीवीपी उपाध्यक्ष पद प्रत्याशी गोविंद तंवर ने पलटवार करते हुए कहा कि एनएसयूआई नियम विरुद्ध प्रिंटेड पर्चों का इस्तेमाल कर रही है, जो लिंगदोह समिति की आचार संहिता का उल्लंघन है. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन की कार्रवाई से बौखलाई एनएसयूआई अब झूठे आरोप लगाकर सहानुभूति बटोरने की कोशिश कर रही है. 

एबीवीपी का पलटवार
तंवर ने एनएसयूआई के खिलाफ सबूत कोर्ट में पेश करने की बात कही और छात्रों से एबीवीपी पैनल को वोट करने की अपील की.डूसू चुनाव के लिए नामांकन के बाद प्रचार का समय बेहद सीमित है, ऐसे में दोनों ही छात्र संगठनों के बीच यह आरोप-प्रत्यारोप चुनावी सरगर्मी को और बढ़ा रहे हैं.

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18 सितंबर को मतदान, 19 को नतीजे
दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ (DUSU) चुनाव की शुरुआत हो चुकी है. वोटिंग 18 सितंबर को होगी और 19 सितंबर को नतीजे आएंगे. इस बार अध्यक्ष पद के लिए दो महिला उम्मीदवार मैदान में हैं. ऐसे में उम्मीद है कि डूसू को 17 साल बाद फिर से महिला अध्यक्ष मिल सकती है. आखिरी बार 2008 में नूपुर शर्मा (ABVP) अध्यक्ष बनी थीं. उसके बाद से अब तक कोई महिला इस पद पर नहीं चुनी गई.

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