अब NTA के सर्वर की होगी जांच, डार्क वेब पर पेपर लीक के आरोपों के बाद सरकार ने उठाया ये कदम

डार्कवेब पर पेपर लीक होने के आरोपों के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है कि एनटीए के सभी सर्वरों की जांच करवाई जाएगी. अगर इसमें कोई गड़बड़ी नजर आती है तो इन सर्वरों पर तुरंत प्रतिबंध लगा दिया जाएगा.

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जितेंद्र बहादुर सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 08 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 9:37 AM IST

NTA Server Investigation: NTA द्वारा संचालित परीक्षाओं को लेकर देशभर में मौजूद सभी सर्वरों की जांच की जाएगी. इसके लिए एग्जाम के कमांड सेंटर के सर्वर की जांच मे I4C विंग के अधिकारी जुटे हुए हैं. I4C यानि MHA का इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर द्वारा इन सर्वरों की जांच करवाई जा रही है. 

गृह मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय और आईटी मंत्रालय के कई दौर की बैठकों के बाद जांच का फैसला लिया गया है. डार्क वेब से पेपर लीक आरोपों के बाद I4C की टीम द्वारा इन सर्वरों की गुणवत्ता और लीक प्रूफ सिस्टम का पता लगाया जाएगा. इसके बाद अगर कोई गड़बड़ी या खामी पाई जाती है तो इन सर्वरों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों I4C की एक टीम ने एग्जाम कमांड कंट्रोल सेंटर का हाल ही में दौरा किया है. सूत्रों के मुताबिक, द्वारका में स्थापित एग्जाम कमांड सेंटर के सर्वर का दौरा MHA I4C विंग के अधिकारियों ने किया जहाा पर कई बदलाव भी किये गए हैं.

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यूजीसी नेट पेपर लीक मामले में डार्कवेब कनेक्शन?

UGC NET परीक्षा पेपर लीक मामले में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया था कि गृह मंत्रालय की साइबर विंग I4C ने 19 जून की दोपहर 3 बजे रिपोर्ट दी थी. इस रिपोर्ट के अनुसार, परीक्षा के पेपर डार्क वेब पर लीक हो गए थे. शिक्षा मंत्री ने कहा था कि 'हमने जब इसका मिलान किया और पाया कि क्वेश्चन पेपर एक जैसे थे और लीक हुए क्वेश्चन पेपर टेलीग्राम पर थे'. 

डार्कवेब क्या है?

डार्क वेब इंटरनेट का एक छिपा हुआ हिस्सा है जिसे नियमित सर्च इंजनों द्वारा इंडेक्स नहीं किया जाता है और जिसे 'टोर' जैसे विशेष ब्राउजर्स के माध्यम से एक्सेस किया जाता है. यह कानूनी और अवैध दोनों तरह की गतिविधियों को होस्ट करता है, जिससे स्कैम और अवैध कंटेंट का खतरा बना रहता है.

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