बिहार में NEET के जले हुए प्रश्न पत्र मिले थे, गिरफ्तार आरोपियों का क्या हुआ? NTA पर उठ रहे बड़े सवाल

NEET पेपर लीक मामले में बिहार पुलिस ने कई आरोपियों को गिरफ्तार किया था, लेकिन अभी तक इसकी गंभीरता से जांच नहीं हुई है. पुलिस को NEET के जले हुए प्रश्नपत्र मिले थे, पेपर लीक कैसे हुआ इसकी जानकारी मिली, इसके बावजूद NEET परीक्षा आयोजित करवाई गई. मेडिकल छात्रों ने NTA को कटघरे में खड़ा किया है, छात्रों के कई सवालों का जवाब आना बाकी है.

Advertisement
Neet Paper Leak in Bihar Neet Paper Leak in Bihar

चिराग गोठी / आदित्य वैभव

  • पटना,
  • 14 जून 2024,
  • अपडेटेड 1:19 PM IST

Bihar NEET Paper Leak: देशभर में नीट एग्जाम को लेकर बवाल जारी है. मेडिकल स्टूडेंट्स अभी भी पेपर लीक को लेकर एनटीए पर सवाल उठा रहे हैं. उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने बेशक ग्रेस मार्क्स वाले 1563 अभ्यार्थियों के एग्जाम दोबारा कराने के लिए कहा है, लेकिन बिहार पुलिस की जांच का क्या? जो कहती है कि नीट का पेपर लीक हुआ था.

Advertisement

दरअसल, 5 मई को हुई नीट परीक्षा में बिहार पुलिस ने पेपर लीक मामले में कई आरोपियों को गिरफ्तार किया था, इसके बाद जांच हुई और उसमें सामने आया कि 5 मई की परीक्षा से पहले लगभग 35 उम्मीदवारों को NEET-UG के प्रश्नपत्र और उत्तर उपलब्ध कराए गए थे, लेकिन अभी तक इस मामले में सख्त एक्शन नहीं लिया गया और ना ही एनटीए की तरफ से कोई जवाब सामने आया है.

छात्रों का कहना है कि NEET परीक्षा में शुरू से ही गड़बड़ी है. पेपर लीक को लेकर छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था लेकिन परीक्षा को नहीं रोका गया. री-एग्जाम के फैसले के बाद छात्रों का गुस्सा और भी ज्यादा फूट रहा है. उनका कहना है कि एनटीए ने अपनी गलती छुपाने के लिए यह किया, इससे 23 लाख छात्रों का इंसाफ नहीं मिला है. 

Advertisement

पेपर लीक को लेकर NTA ने नहीं दिया साफ जवाब

बिहार पुलिस का कहना है कि जो पेपर बिहार पुलिस ने बरामद किए हैं, अभी तक ये ही साफ नहीं हो पाया है कि क्या वो लीक पेपर था या नहीं, क्योंकि इसको लेकर NTA ने कोई जवाब नहीं दिया है. जांच में सामने आया था कि पेपर बिहार में मध्य प्रदेश और गुजरात से आया था.

सूत्रों की मानें तो पेपर ट्रांसपोर्टेशन के दौरान लीक हुआ है. यही नहीं, बिहार पुलिस को जले हुए लीक प्रश्न पत्र भी मिले हैं, जिसको लेकर एनटीए की तरफ से अभी तक कुछ भी कंफर्म नहीं किया गया है. पेपर लीक में 13 लोगों को अरेस्ट किया जा चुका है. गिरफ्तार लोगों में कुछ कैंडिडेट्स के परिजन और दलाल शामिल हैं. नीट पेपर लीक मामले में कई आरोपियों का कुबूलनामा पुलिस के पास है. NTA ने बिहार से बरामद हुए जले हुए 'लीक पेपर' के बारे में अपनी रिपोर्ट पुलिस को अभी तक नहीं दी है.

इन आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है बिहार पुलिस

पुलिस ने पेपर लीक मामले में सबसे पहले सिकंदर नाम के शख्स को पकड़ा था उसके बारे में बिहार पुलिस को इनपुट मिला था. आरोपियों ने कई सेंटरों और सेफ हाउस में पेपर सॉल्वर बिठाए थे. इनके पास पहले से ही प्रश्नपत्र मौजूद थे. जूनियर इंजीनियर सिकंदर प्रसाद यादवेंदु को अखिलेश और बिट्टू के साथ शास्त्रीनगर पुलिस ने बेली रोड पर राजवंशी नगर मोड़ पर नियमित जांच के दौरान गिरफ्तार किया था. इनके पास से कई नीट प्रवेश पत्र मिले थे. यादवेंदु द्वारा बताए गए इनपुट के आधार पर छापेमारी के बाद आयुष, अमित और नितिश को गिरफ्तार किया गया. इसके बाद पेपर लीक को लेकर बिहार के नालंदा के संजीव सिंह को भी गिरफ्तार किया गया. 

Advertisement

पेपर लीक में एनटीए के कर्मचारी शामिल?

बिहार पुलिस की जांच में सामने आया कि गिरोह ने संदिग्ध शैक्षिक परामर्श और कोचिंग केंद्रों के माध्यम से छात्रों से संपर्क किया था. गिरफ्तार आरोपियों में से एक अमित आनंद खुद पटना में एक एजुकेशनल कंसल्टेंसी चलाता था. बिहार पुलिस की जांच में सामने आया कि प्रश्न पत्र विभिन्न राज्यों में एनटीए के नोडल स्थानों में प्रिंटिंग फर्म से एकत्र किए गए थे, जहां से उन्हें स्थानीय बैंकों को भेजा गया. इसके बाद परीक्षाओं से पहले केंद्रों पर भेजा गया. बिहार की आर्थिक अपराध इकाई की जांच से पता चला है कि प्रश्न पत्रों की आवाजाही में शामिल एजेंसियों के कर्मचारियों ने ट्रांसपोर्टेशन के दौरान पेपर लीक किया है. 

पेपर लीक कराने के लिए लाखों रुपये दिए गए

बिहार की आर्थिक अपराध इकाई की जांच से संकेत मिलता है कि यह वही गिरोह है, जो बीपीएससी टीआरई 3.0 से संबंधित प्रश्न पत्र लीक करने में शामिल था. पेपर के 30 से 32 लाख रुपये लिए गए, अभ्यर्थियों को सेफहाउस में उत्तर देने के लिए कहा गया, जहां से उन्हें एस्कॉर्ट के साथ सीधे परीक्षा केंद्रों पर भेजा गया.

बिहार पुलिस के अनुसार, प्रति उम्मीदवार 30 लाख से 32 लाख रुपये का भुगतान किया गया है. विशेष रूप से दो उम्मीदवारों के माता-पिता पहले से ही सांठगांठ के संचालकों को जानते थे और परीक्षा से पहले सेफहाउस में छात्रों को इकट्ठा करने में सहायक थे. ऐसे उम्मीदवारों को आमतौर पर अन्य उम्मीदवारों की तुलना में कम भुगतान करना पड़ता है. ईओयू का मानना ​​है कि केवल एक ही नोड नेक्सस का पता लगाया है, जहां करीब एक दर्जन गुर्गों द्वारा करीब पांच उम्मीदवारों को मदद की गई थी. 

Advertisement

पुलिस के पास आरोपियों का कुबूलनामा दर्ज

शिवसेना नेता और प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने इस मामले को लेकर कहा कि एनटीए के पास जवाब देने के लिए बहुत कुछ है. सबसे शर्मनाक बात तो यह है कि शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को एनटीए का बचाव करना और पेपर लीक को बकवास कहना बिल्कुल ठीक लगता है, हालांकि जांच से कुछ और ही पता चलता है. मंत्री जी मूल रूप से बिहार पुलिस की जांच को खारिज कर रहे हैं, सीएम बिहार हैं नीतीश कुमार जी, क्या यह ठीक है?

बिहार पुलिस के पास NEET 2024 का पेपर लीक करने वाले इन दोषियों का कबूलनामा दर्ज है, आरोपियों ने कबूल किया है कि उन्होंने एक दिन पहले ही पेपर लीक किया था. पुलिस को शक है कि पेपर लीक का यह रैकेट कई करोड़ का है, फिलहाल 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

बिहार पुलिस का यह भी दावा है कि एनटीए को इस लीक के बारे में मई में ही बता दिया गया था, फिर वे कैसे आगे बढ़े और नतीजे जारी कर दिए? बिहार पुलिस ने कहा कि आरोपियों से पहले ही आपत्तिजनक दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त कर लिए हैं. जांच से पता चला है कि 5 मई की परीक्षा से पहले लगभग 35 उम्मीदवारों को NEET-UG के प्रश्नपत्र और उत्तर उपलब्ध कराए गए थे. लेकिन सरकार ने साफ कर दिया है कि पेपर लीक नहीं हुआ है तो फिर बिहार की जांच क्या इशारा कर रही है? अभी भी कई सवाल है, जिनका जवाब आने वाले वक्त में मिलेगा या नहीं, ये नहीं कहा जा सकता है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement