NEET Paper Leak Case: बिहार में NEET-UG और BPSC पेपर लीक मामले में हजारीबाग कनेक्शन सामने आया है. EOU सूत्रों के मुताबिक हजारीबाग के ओएसिस स्कूल से नीट-यूजी का पेपर बुकलेट नंबर 6136488 लीक हुआ था. साथ ही ईओयू को बुकलेट बॉक्स से भी छेड़छाड़ के सबूत मिले थे. जांच टीम संजीव मुखिया गिरोह के काम करने के पैटर्न को ट्रैक कर जांच को आगे बढ़ा रही है. इस बीच aajtak.in से हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसानुल हक से बातचीत की है.
क्या बोले हजारीबाग स्कूल के प्रिंसिपल
हजारीबाग ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा कि मैं एनटीए में सिटी कॉर्डिनेटर हूं. मेरा रोल बहुत ही छोटा होता है कि मुझे बैंक से पेपर को बक्से को रिसीव करना होता है. इसके बाद सुनिश्चित करना कि सारे पेपर्स को कंट्रोल रूम में रखा जा सके. इस रूम में एनटीए के सीसीटीवी लगे होते हैं. यह रूम लॉक रहता है, यहां पर कई सारे इनविजिलेटर होते हैं. हमारा काम होता है सारे सेंटर्स पर राउंड लगाना ताकि कहीं कोई गड़बड़ी ना हो. इसके बाद आखिरी जिम्मेदारी हमारी यह होती है बक्सों को एनटीए को सौंप देना.
मानी पैकेट में छेड़छाड़ की बात
ये बहुत दुखद खबर है कि इस मैटर में कुछ लोग आरोपी हमें ही बता रहे हैं. पेपर सात लेयर में आता है. सबसे पहले एक लोहे का बॉक्स होता है. उसके ऊपर गत्ते का एक कवर होता है. इसके ऊपर एनटीए की टेंपिग होती है. इसमें दो तरह के ताले होते हैं, एक डिजिटल लॉक, जो अपने आप खुलता है और दूसरे ताला को काटना होता है, जिसके लिए छोटी सी आरी भी दी हुई होती है. इसके बाद पैकेट को खोला जाता है. हम लोग जब जांचने के लिए जाते हैं तो उस गत्ते को जांचा जाता है कि कहीं कोई गड़बड़ी तो नहीं है. इस बार जब पेपर आया तो मैंने जांच की थी तब गत्ते या टेपिंग में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई थी. इस दौरान एनटीए की तरफ से दो ऑब्सर्वर, दो छात्र और बाकी लोग मौजूद होते हैं.
प्रिंसिपल ने आगे कहा कि स्कूल का किसी भी तरह की गड़बड़ी से कोई लेना-देना नहीं है. स्कूल को 5 मई को पेपर मिल गया था. सभी अधिकारियों के सामने सभी पैकिंग खोली गई. एनटीए ऑनलाइन सतर्क था. ईओयू कूरियर सेवा से नाराज है. उन्हें लगता है कि कूरियर सेवा सबसे कमजोर कड़ी है. पेपर 3 मई को ब्लू डार्ट कूरियर के जरिए नेटवर्क वाहन से भेजे गए थे. इसे उड़िया में डंप किया गया फिर पेपर 3 मई को ई-रिक्शा से बैंक भेजे गए. उन्होंने कहा कि ईओयू ने बातचीत में कहा कि पेपर लीक हो गए थे और 4 मई को ही पटना में उपलब्ध थे.
स्कूल की भूमिका है संदिग्ध
नीट पेपर लीक मामले की जांच के दौरान EOU को ओएसिस स्कूल की भूमिका को संदिग्ध पाया है. ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसानुल हक हैं जो CBSE के सिटी कोऑर्डिनेटर भी हैं. उनके पास चार जिले हजारीबाग, चतरा, कोडरमा और रामगढ़ के सेंटर आते हैं, जहां CBSE कई एग्जाम कंडक्ट कराती है. सीबीएसई के सिटी कोऑर्डिनेटर होने के नाते ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल के ऊपर बड़ी जवाबदेही है.
EOU की टीम ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को नीट पेपर लीक से जुड़ी पूरी रिपोर्ट सौंपी दी है. इस रिपोर्ट में 21 जून तक की जांच प्रगति की पूरी जानकारी रिपोर्ट में सबूतों और फैक्ट के साथ-साथ आरोपियों के इकबालिया बयानों का जिक्र है. इसके बाद शिक्षा मंत्रालय ने NTA पर एक्शन लेते हुए मामले की सीबीआई जांच का फैसला किया है.
हजारीबाग से ही लीक हुआ था BPSC का पेपर
वहीं, 15 मार्च को आयोजित हुई BPSC शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर भी हजारीबाग से लीक हुआ था. BPSC TRE3 परीक्षा के लगभग 268 अभ्यर्थियों को हजारीबाग के अलग–अलग हिस्सों में ले जाया गया था, जिसमें से 113 अभ्यर्थी नालंदा जिले के थे. 15 मार्च की परीक्षा के पहले रात में इन अभ्यर्थियों को प्रश्न पत्र और जवाब याद करवाए गए थे. तब झारखंड पुलिस और बिहार पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर अभ्यार्थियों और माफिया को धर दबोचा था.
NEET-UG का पेपर हजारीबाग से ही लीक कराए जाने की आशंका है. इस बार अभ्यर्थियों को पटना में रखा गया और पेपर लीक करा कर पटना मंगाया गया था. BPSC शिक्षक भर्ती परीक्षा में भी संजीव मुखिया गिरोह का हाथ था और NEET में भी यही गिरोह एक्टिव है. BPSC शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में संजीव मुखिया का बेटा डॉ. शिव जेल में है. BPSC शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले का आरोपी शिव को अपने 4 साथियों सहित 21 अप्रैल को उज्जैन से गिरफ्तार किया था. शिव का नाम 2017 में भी NEET पेपर लीक मामले में आया था और उसके खिलाफ पटना के पत्रकार नगर थाने में केस भी दर्ज हुआ था.
सत्यजीत कुमार