पर्वतारोही, AI साइंटिस्ट, गूगल बॉय... जानिए कौन हैं वो 19 प्रत‍िभाशाली बच्चे जिन्हें मिला बाल पुरस्कार

नौ साल के पर्वतारोही, यंग एआई साइंटिस्ट, दिव्यांग चित्रकार से लेकर 'गूगल बॉय' तक देश के प्रतिभाशाली 19 बच्चों को सोमवार को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया गया. जानिए- इन बच्चों के बारे में...

Advertisement
PradhanMantri Rashtriya Bal Puraskar (PMRBP) 2024 by President Draupadi Murmu PradhanMantri Rashtriya Bal Puraskar (PMRBP) 2024 by President Draupadi Murmu

aajtak.in

  • नई द‍िल्ली ,
  • 23 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 1:09 PM IST

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के 19 ऐसे बच्चों को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से नवाजा जो अपनी असाधारण उपलब्धियों से पहचाने जाते हैं. विजेताओं में महाराष्ट्र के 12 वर्षीय आदित्य विजय ब्राह्मणे भी शामिल हैं, जिन्हें उनके असाधारण साहस के लिए मरणोपरांत सम्मानित किया गया. खेलते समय अपने चचेरे भाइयों हर्ष और श्लोक को नदी में डूबने से बचाने के लिए उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दे दी. 

Advertisement

राजस्थान के 17 वर्षीय आर्यन सिंह इस पुरस्कार के एक और उल्लेखनीय नाम हैं. आर्यन ने एक आर्ट‍िफिश‍ियल इंटेलिजेंस से संचालित रोबोट एग्रोबॉट विकसित किया, जिसका उद्देश्य इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) जैसी अत्याधुनिक तकनीकों को एकीकृत करके किसानों के जीवन को सरल बनाना है. 

छत्तीसगढ़ के अरमान उबरानी, जिन्हें 'गूगल बॉय' के नाम से भी जाना जाता है. अरमान ने गणित और विज्ञान में उत्कृष्ट कौशल के लिए पुरस्कार अर्जित किया. छह साल की छोटी उम्र में, उबरानी ने कई मील के पत्थर हासिल किए हैं, जिसमें एक पुस्तक श्रृंखला की सबसे कम उम्र की लेखक बनना और 100 गुणन योगों को हल करना व राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त करना शामिल है. 

कला और संस्कृति के क्षेत्र में, उत्तर प्रदेश की आठ वर्षीय अनुष्का पाठक ने 'कथा वाचन' (धार्मिक पाठ कथन) में खुद को स्थापित किया है. अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए, पाठक ने अपने प्रदर्शन से 22 राज्यों के दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और आध्यात्मिक क्षेत्र में एक मान्यता प्राप्त हस्ती बन गईं. 

Advertisement

पारंपरिक पखावज बजाने में माहिर पश्चिम बंगाल के 13 वर्षीय अरिजीत बनर्जी ने सांस्कृतिक परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी है. अंतर्राष्ट्रीय ध्रुपद महोत्सव जैसे प्रतिष्ठित कार्यक्रमों में प्रदर्शन करने के बाद, बनर्जी को भारत रत्न एमएस सुब्बुलक्ष्मी फ़ेलोशिप और एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स जैसे सम्मान प्राप्त हुए हैं. 

गंभीर सेरेब्रल पाल्सी का सामना करने के बावजूद, गुजरात के 13 वर्षीय हेतवी कांतिभाई खिमसुरिया ने असाधारण कलात्मक क्षमताओं का प्रदर्शन किया है. हेतवी ने फ्री-हैंड पेंटिंग के 250 वर्क किए हैं और कई पुरस्कार प्राप्त किए हैं. साथ ही निःस्वार्थ रूप से विकलांग बच्चों की सहायता के लिए अपनी मासिक विकलांगता पेंशन दान कर दी है. 

जम्मू-कश्मीर के 12 वर्षीय इश्फाक हामिद रबाब और मटका के उस्ताद बन गए हैं, उन्हें विभिन्न त्योहारों के दौरान प्रशंसा मिल रही है और 2020 में भाई मर्दाना राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. बिहार के 16 वर्षीय एमडी हुसैन ने हस्तशिल्प कला में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में प्रशंसा हासिल की है, और यहां तक कि उन्होंने 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को अपने स्वदेशी खिलौने भी पेश किए थे.

तेलंगाना की 14 वर्षीय पेंड्याला लक्ष्मी प्रिया एक कुचिपुड़ी नृत्यांगना हैं, जिन्होंने शास्त्रीय नृत्य श्रेणी में कला उत्सव राष्ट्रीय पुरस्कार 2023 जीता है और 'लास्याप्रिया' जैसे खिताब अपने नाम किए हैं. 

Advertisement

नवाचार के क्षेत्र में, दिल्ली की 16 वर्षीय सुहानी चौहान ने सौर ऊर्जा से संचालित कृषि वाहन 'एसओ-एपीटी' विकसित किया है, जो टिकाऊ खेती के लिए एक प्रभावशाली समाधान पेश करता है. 

डाउन सिंड्रोम से जुड़ी बाधाओं के बावजूद, मध्य प्रदेश के नौ वर्षीय अवनीश तिवारी ने सात साल की उम्र में माउंट एवरेस्ट बेस कैंप की ट्रैकिंग की और अपनी असाधारण सामाजिक सेवा के लिए 2022 में श्रेष्ठ दिव्यांग बाल पुरस्कार प्राप्त किया. 

हरियाणा की नौ वर्षीय गरिमा, एक दृष्टिबाधित लड़की हैं जो 'साक्षर पाठशाला' नामक अपनी पहल के माध्यम से वंचित बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए समर्पित हैं. वहीं त्रिपुरा की 16 वर्षीय ज्योत्सना अख्तर सामाजिक मानदंडों को चुनौती देती हैं और बाल विवाह के खिलाफ सक्रिय रूप से लड़ती हैं, वो शिक्षा की वकालत करती हैं और अपने समुदाय की अन्य लड़कियों को सशक्त बनाती हैं. 

वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में, असम के 15 वर्षीय सैयाम मजूमदार भारत के सबसे कम उम्र के सांप बचावकर्ता बन गए हैं और आवारा जानवरों की देखभाल भी करते हैं. उत्तर प्रदेश के 12 वर्षीय आदित्य यादव को उनकी खेल उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया जा रहा है. एक दिव्यांग बैडमिंटन खिलाड़ी के रूप में आदित्य ने उत्कृष्टता का प्रदर्शन करते हुए अंतर्राष्ट्रीय चैंपियनशिप सहित कई टूर्नामेंटों में जीत हासिल की है.

Advertisement

अंडर-8 विश्व शतरंज चैंपियन, कर्नाटक की 9 वर्षीय चार्वी ए, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर कई खिताब हासिल करके, खेल और खेल क्षेत्र में अन्य पुरस्कार विजेताओं में से एक है. अरुणाचल प्रदेश की नौ वर्षीय जेसिका नेयी सारिंग एक अत्यधिक कुशल बैडमिंटन चैंपियन हैं, जो लगातार विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्टता हासिल कर रही हैं. 

मणिपुर के 17 वर्षीय लिनथोई चनंबम किसी भी आयु वर्ग में जूडो चैंपियनशिप जीतने वाले पहले भारतीय हैं, जिन्होंने साराजेवो में 2022 विश्व जूडो कैडेट्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल किया. आंध्र प्रदेश के 9 वर्षीय आर सूर्य प्रसाद, जिन्होंने पांच साल की उम्र में पर्वतारोहण का प्रशिक्षण शुरू किया था. नौ साल की उम्र में आर सूर्यप्रसाद ने माउंट किलिमंजारो पर चढ़ने की उपलब्धि हासिल की. 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement