IIT Delhi में इन दिनों मेस चार्ज में दोगुनी बढ़ोतरी को लेकर जम के बवाल चल रहा है. सैकड़ों की संख्या में प्रशासन भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे छात्रों के हाथों में पोस्टर हैं जो प्रशासन भवन के गेट के बाहर सड़कों पर बैठे हैं. आमतौर पर इंजीनियरिंग के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक IIT दिल्ली कैंपस में हर वक्त पढ़ाई में बिजी रहने वाले ये छात्र कैंपस के प्रशासन भवन के सामने इकट्ठा हो गए.
दोगुना हुआ शुल्क
दरअसल इस कैंपस में एक सेमेस्टर के लिए पहले 25000 रुपया मेस चार्ज लिया जाता था, लेकिन कुछ छात्रों ने बताया इस साल मेस चार्ज को 25000 से बढ़ाकर सीधे 48000 कर दिया गया. इसके बाद छात्रों में दोगुनी बढ़ोतरी का विरोध शुरू हो गया. विरोध का असर ये हुआ कि प्रशासन ने मेस चार्ज को घटाकर 38000 कर दिया गया लेकिन इस फौरी राहत के बाद अलग से कई तरह के और चार्ज इस में जोड़ा जाने लगा. इसके बाद कैंपस में छात्रों का जबरदस्त विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया.
छात्रों का आरोप है कि प्रशासन द्वारा एक और फरमान जारी होता है जिसके तहत छात्रों से ₹7000 से लेकर 11,000 रुपए इसके अलावा लेने की बात कही गई है. जिसमें वेकेशन के दौरान जो छात्र हॉस्टल में जितने दिन रहे थे उसके हिसाब से वह पैसा जोड़कर देना होगा, यानी कुल मिलाकर मेस चार्ज के दोगुने बढ़ोतरी में जो फौरी राहत दी गई थी वह बस छलावा था. अतिरिक्त लगभग 11000 रुपये का चार्ज लगाकर प्रशासन में एक बार फिर से राशि दोगुनी कर दी.
कैंपस की सड़कों पर छात्र
लगातार प्रशासन द्वारा मेस चार्ज में बढ़ोतरी के खिलाफ छात्र कैंपस के सड़कों पर उतरे और सैकड़ों की संख्या में प्रशासन भवन के बाहर इकट्ठा हो कर प्रदर्शन करने लगे. छात्रों के इस प्रदर्शन के बाद प्रशासन के तरफ से इन प्रदर्शनकारी छात्रों को रोकने के लिए एक कमेटी बनाने का दावा किया गया है. जिसके तहत मेस चार्ज में बदलाव को लेकर बात की जाएगी. इस कमेटी में प्रशासन और छात्र के प्रतिनिधि रहेंगे. कमेटी बनाने का मकसद यह है कि कैंपस में हॉस्टल के मेस चार्ज की फीस को कितना निर्धारित किया जाएगा इसका फैसला यह कमेटी लेगी.
कमेटी का किया गठन
10 अप्रैल को दोपहर घंटों तक चले छात्रों के इस विरोध के बाद आखिर में प्रशासन के इस निवेदन के बाद छात्रों ने मौजूदा समय के लिए इस विरोध प्रदर्शन को रोक दिया है. वहीं दूसरी तरफ प्रशासन द्वारा शाम को एक प्रेस रिलीज जारी कर मीडिया को यह बताया कि प्रशासन छात्रों के लिए काम कर रही है. जो कमेटी है उसमें छात्रों के प्रतिनिधि भी मेस चार्ज कितना होना चाहिए इसका निर्णय लेंगे. हालांकि प्रशासन के तरफ से जो प्रेस रिलीज जारी किया गया है उसमें कहीं पर भी मेस चार्ज में कितने प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है इसका कहीं पर भी जिक्र नहीं है.
वहीं प्रशासन के प्रतिनिधियों की बात करें तो उनके तरफ से इस पूरे विवाद को दबाने की पूरी कोशिश की गई. आईआईटी कैंपस में चल रहा यह पूरा विवाद फिलहाल के लिए तो रुक गया है, लेकिन अब देखना यह है लगभग 100% में चार्ज में बढ़ोतरी के बाद प्रशासन द्वारा बनाई गई कमेटी छात्रों को कितनी राहत देती है.
(इनपुट्स- अमरदीप)
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