School Closed: भारी बारिश के चलते तमिलनाडु में स्कूल-कॉलेज बंद, चक्रवात फेंगल बना मुसीबत

आईएमडी के अनुसार, नीलगिरी जिले के इलाकों में हल्की आंधी और बिजली के साथ भारी बारिश होने की संभावना है. चक्रवात फेंगल का अवशेष, डिप्रेशन पिछले छह घंटों में 7 किमी/घंटा की गति से पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ गया है. भारी बारिश की संभावना को देखते हुए स्कूलों की छुट्टियां कर दी गई हैं.

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Tamilnadu School Closed Tamilnadu School Closed

प्रमोद माधव

  • चेन्नई,
  • 03 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 8:13 AM IST

School Closed in Tamilnadu District: तमिलनाडु के नीलगिरी जिले में भारी बारिश के कारण सभी स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे. जिला कलेक्टर लक्ष्मी भव्या ने सोमवार को स्कूल बंद होने की घोषणा की है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने जिले में हल्की से मध्यम बारिश के साथ हल्की आंधी और बिजली गिरने का अनुमान लगाया है. खराब मौसम और आईएमडी के अनुमान को देखते हुए यह फैसला लिया गया है.

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आईएमडी के अनुसार, नीलगिरी जिले के इलाकों में हल्की आंधी और बिजली के साथ भारी बारिश होने की संभावना है. चक्रवात फेंगल का अवशेष, डिप्रेशन पिछले छह घंटों में 7 किमी/घंटा की गति से पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ गया है. तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटों पर शनिवार रात चक्रवात फेंगल के आने के बाद रविवार को तमिलनाडु के कई हिस्सों में भारी बारिश दर्ज की गई.

चक्रवात फेंगल बना मुसीबत

फेंगल तूफान ने तमिलनाडू में तबाही मचाई हुई है. वहां के कृष्णागिरी में भारी बारिश के बाद बस स्टैंड पर बाढ़ जैसे हालात हो गए. भारी बारिश के कारण पास की झील के ओवरफ्लो होने की वजह से सड़क पर खड़ी गाड़ियां बह गईं. तूफान के चलते कई राज्यों में जनजीवन अस्त-व्यस्त होने के साथ-साथ रोड और रेल यातायात बुरी तरह से प्रभावित हैं. इस तूफान से भारतीय रेलवे को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा है. ऐसे में, फेंगल तूफान से यात्रियों को बचाने के लिए रेलवे ने कई ट्रेनों को रद्द कर दिया है, तो कुछ ट्रेनों के रूट में बदलाव किया है. 

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मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, चक्रवात फेंगल के अवशेष, जो एक गहरा अवदाब है, तमिलनाडु और केरल के कुछ हिस्सों में भारी बारिश ला रहे हैं. यह सिस्टम कमजोर होकर उत्तरी आंतरिक तमिलनाडु के ऊपर एक सुस्पष्ट निम्न दबाव वाले क्षेत्र में तब्दील हो गया है और इसके 3 दिसंबर के आसपास उत्तरी केरल और कर्नाटक तट से दक्षिण-पूर्व और समीपवर्ती पूर्वी मध्य अरब सागर की ओर बढ़ने की उम्मीद है. 

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