डॉक्टर बनने के लिए इंजीनियर ने छोड़ा 18 लाख रुपये का सैलरी पैकेज, MBBS में लिया एडमिशन

इंजीनियरिंग करने के बाद चंदन ने सेवर जॉब की लेकिन इस दौरान वह एमबीबीएस की किताबें पढ़ते रहें और उनकी रुचि बढ़ती चली गई. साल 2015 में भी उन्होंने मेडिकल का एंट्रेंस क्लियर किया था, रैंक अच्छी नहीं होने की वजह से एडमिशन नहीं लिया.

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इंजीनियर चंदन कुमार की तस्वीर इंजीनियर चंदन कुमार की तस्वीर

सिथुन मोदक

  • धनबाद,
  • 06 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 2:04 PM IST

एक इंजीनियर छात्र ने मेडिकल की पढ़ाई के लिए शहीद निर्मल मेहतो मेडिकल कॉलेज (SNMMCH), धनबाद में एडमिशन लिया है. छात्र चंदन कुमार का एडमिशन एएनएमएमसीएच में चर्चा का विषय बना हुआ है. इस मेडिकल कॉलेज के लिए यह पहला मामला है जब किसी इंजीनियर ने यहां डॉक्टर बनने के लिए एमबीबीएस में एडमिशन लिया है. लेकिन मामला सिर्फ इतना ही नहीं है, चंदन पर डॉक्टर बनने का जुनून इतना है कि उन्होंने 18 लाख रुपये का पैकेज छोड़कर यहां दाखिला लिया है.

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बचपन से था डॉक्टर बनने का सपना
चंदन कुमार की मां आईआईटी आईएसएम में डिप्टी असिस्टेंट के तौर पर कार्यरत है. एसएनएमएमसीएच में एडमिशन के लिए आए चंदन ने बताया कि मेडिकल के प्रति उसका बचपन से रुझान था. आईएस एम एनेक्सी से 2008 में प्लस टू करने के बाद उन्होंने मेडिकल और इंजीनियरिंग दोनों के लिए इंटरेस्ट था, लेकिन मेडिकल में चयन नहीं हो सका. इंजीनियरिंग में उनका चयन हो गया और उन्होंने एनआईसी वरंगल आंध्र प्रदेश से बायो टेक्नोलॉजी में वर्ष 2012 में इंजीनियरिंग की.

इंजीनियरिंग के बाद भी नहीं छोड़ी मेडिकल की किताबें
इंजीनियरिंग करने के बाद चंदन ने सेवर जॉब की लेकिन इस दौरान वह एमबीबीएस की किताबें पढ़ते रहें और उनकी रुचि बढ़ती चली गई. साल 2015 में भी उन्होंने मेडिकल का एंट्रेंस क्लियर किया था, लेकिन रैंक अच्छी नहीं होने की वजह से एडमिशन नहीं लिया. इस बार उन्होंने मेडिकल एंट्रेंस में 605 नंबर हासिल किए और उनकी 2650 रैंक थी. उन्होंने एसएलएन एमसीएच में अपना नामांकन कराया. 

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कभी नहीं ली कोचिंग
चंदन ने यह भी बताया कि उन्होंने कभी कोई कोचिंग नहीं कि एनेक्सी में 12वीं के दौरान बायोलॉजी के शिक्षक और हिंदी की शिक्षिका ने उनको जो मार्गदर्शन दिया था, जो आज भी उनके काम आ रहा है. धनबाद के एसएनएमएमसीएच अधीक्षक अनिल कुमार ने बताया कि इंजीनियरिंग करने के बाद डॉक्टरी में रुचि रखते हैं तो यह हमारे लिए गर्व की बात है. हमारे इस सेंटर में यह पहला छात्र है जिन्होंने इंजीनियरिंग से मेडिकल में एडमिशन लिया है. 

पत्नी मैनेजर तो बहन अफसर
चंदन कुमार की पत्नी अपर्णा एसबीआई में मैनेजर के तोर पर कार्यरत हैं और बहनों में बड़ी बहन गोरी कुमारी बिहार सरकार में बीडीओ के पद पर कार्यरत हैं. छोटी बहन दीक्षा रानी छत्तीसगढ़ के इंद्र कला कैलाश विश्वविद्यालय से कत्थक में एमए की है और छोटी बहन वर्षा रानी की शादी हो चुकी है.

 

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