दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को बेहतर गाइडेंस देने के मकसद से 'देश के मेंटर' प्रोग्राम की शुरुआत की है. इस प्रोग्राम में देश के कोने-कोने से युवा और अपनी क्षेत्र में कामयाब हुए लोग सरकारी स्कूल के 9वीं से 12वीं कक्षा के बच्चों को मेंटर करेंगे. मेंटर बनने के लिए दिल्ली सरकार ने एक मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया है.
देश के मेंटर' प्रोग्राम लॉन्च के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 16 लाख बच्चे पढ़ा करते थे. इस साल आंकड़ा 18 लाख 70 हजार हो गया है. दिल्ली के प्राइवेट स्कूल से 2 लाख 70 हजार बच्चे नाम कटवाकर सरकारी स्कूल में एडमिट हुए हैं. दिल्ली के शिक्षा क्षेत्र में गजब की पॉजिटिविटी नजर आ रही है.
उन्होंने कहा कि एक बच्चा जब 9वीं कक्षा के बाद टीनएज में एंट्री करता है तो उसके ऊपर अलग अलग तरह के प्रेशर होते हैं. हम चाहते हैं कि बच्चों को बड़ा भाई, दोस्त, बहन मिले जिसके साथ वो सब शेयर कर सकें. इसलिए दिल्ली ही नहीं देश के कोने-कोने से लोग एक ऐप के जरिए बच्चों को मेंटर करेंगे.
सीएम केजरीवाल ने कहा कि कुछ बच्चों के सोचने का दायरा कम होता है. ऐसे में अगर अच्छे मेंटर मिलेंगे तो भविष्य के लिए बच्चे को रास्ते दिखा सकेंगे. उम्मीद है कि इस प्रोग्राम से एक मेंटर को अच्छा व्यवहार भी सिखाएगा. उन्होंने देश के युवाओं और बड़े लोगों से अपील की कि मेंटर बनके राष्ट्र निर्माण का काम करें. अगर एक बच्चा भी मेंटर तैयार करते हैं तो वो देश को तैयार कर रहे हैं. मेंटर किस धर्म या जात का है ये नहीं पता होगा. एक भारतीय दूसरे भारतीय की तरह इस प्रोग्राम से जुड़ेगा.
बता दें कि 'देश के मेंटर' कार्यक्रम खासकर किशोरावस्था में प्रवेश कर रहे बच्चों के लिए है. इसके तहत किशोरों को देशभर से मेंटर उपलब्ध कराए जाएंगे जिनसे वे अपने मन की बात साझा कर सकें. अच्छे मेंटर मिलने से बच्चे डिप्रेशन से बाहर आकर नाकारात्मकता और आत्महत्या जैसे विचारों से निजात पा सकेंगे.
पंकज जैन