CUET 2024 Admission Process: देश के कई विश्वविद्यालयों से ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स में एडमिशन के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) परीक्षा देनी होती है. यह एग्जाम नेशनल टेस्टिंग ऐजंसी एनटीए आयोजित करवाता है. इस साल सीयूईटी पीजी परीक्षा 11 मार्च से शुरू होकर 28 मार्च 2024 तक आयोजित की जा रही है. वहीं, यूजी परीक्षा 15 मई से 31 नई 2024 को आयोजित होनी है.
सीयूईटी यूजी की परीक्षा पास करने के बाद कॉलेज सभी छात्रों के मार्क्स अपने पास नोट कर लेता है. परीक्षा देने से पहले फॉर्म भरते समय स्टूडेंट्स को अपने विषय चुनने होते हैं. ऐसे में स्टूडेंट्स को काफी कन्फ्यूजन रहता है कि कौन-से विषय चुने जाएं. आइए सीयूईटी में विषय चयन को अच्छे से समझते हैं.
CUET एडमिशन प्रोसेस
सीयूईटी के जरिये यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने के लिए स्टूडेंट को सबसे पहले csas पोर्टल पर एप्लीकेशन भरना होगा. इसके बाद वे कॉलेज और कोर्स का चुनाव करेंगे और अपनी प्राथमिकता भरेंगे. इसके बाद सीटों की उपलब्धता और मेरिट लिस्ट के आधार पर सीटें एलॉट की जाएंगी और फाइनल एडमिशन होगा. दिल्ली यूनिवर्सिटी की डीन एडमिशन प्रो. हनीत गांधी ने बताया कि संस्थान सभी छात्रों के सीयूईटी के मार्क्स ले लेता है इसके बाद CSAS पोर्टल से छात्रों द्वारा चुने गए विषयों को देखा जाता है. इसके बाद रैंक के आधार पर एडमिशन होता है.
ऐसे चुनना होगा विषय
प्रो हनीत गांधी ने आगे बताया कि इस बार छात्र 6 विषयों को चुन सकते हैं. कोई भी एक भाषा, 12वीं का विषय और जनरल टेस्ट, इन तीन डोमेन के आधार पर सब्जेक्ट चुने जाते हैं. प्रो गांधी ने आगे कहा कि हम सभी से आग्रह करते हैं कि जो सब्जेक्ट आपने 12वीं कक्षा में चुने हैं उन्हें ही सीयूईटी में चुनें. अगर आपने कक्षा 12वीं इतिहास में नहीं पढ़ा है तो उसे ना चुनें. आपने जो पढ़ा है उसी में सीयूईटी दीजिए.
छात्रों को उन विषयों को चुनना चाहिए जिनसे वे सबसे अधिक परिचित हैं. यदि कोई छात्र ह्यूमैनिटी से है, तो उनके लिए अपने संबंधित विषय जैसे समाजशास्त्र, इतिहास, राजनीति विज्ञान आदि विषयों लेना फायदेमंद साबित होगा. मान लीजिए छात्र ने प्रिफरेंस में कई सारे विषय भर दिये हैं. ऐसे में अगर किसी ऐसे विषय में आपको कॉलेज मिला जिसकी आपको जानकारी नहीं है तो स्टूडेंट के लिए दिक्कत होगा. ऐसे में बेहतर है कि उन्हीं विषयों को भरा जाए जिनके बारे में स्टूडेंट को जानकारी है.
विषय चुनते वक्त ना करें ये गलती
प्रो हनीत गांधी ने कहा कि स्टूडेंट प्रेफरेंस में कितने भी विषय भर सकता है. लेकिन इस प्रोसेस में थोड़ी समझदारी की जरूरत है. अक्सर छात्र ज्यादा से ज्यादा प्रेफरेंस भरने के चक्कर में ऐसे विषय़ों को भी भर देते है जो असल में उन्हें लेने नहीं है. इसके बाद अगर मार्क्स के आधार पर चुना गया कोई ऐसा विषय मिल गया जो स्टूडेंट में असल में नहीं चाहिए था जो उससे छात्र को ही परेशानी होगा क्योंकि फिर ये प्रोसेस दोबारा नहीं दोहराया जा सकता है.
पल्लवी पाठक