चेन्नई के सरकारी स्कूल में 'धार्मिक भाषण' पर बवाल, CM एमके स्टालिन ने दिए ये निर्देश

शिक्षक दिवस के मौके पर परमपोरुल फाउंडेशन के महाविष्णु को मायलापुर क्षेत्र के एक सरकारी स्कूल में मोटिवेशनल स्पीकर के तौर पर बुलाया गया था. अपने लेक्चर के दौरान स्पीकर ने पिछले जन्म के पापों और कर्मों के विषयों पर बात की.

Advertisement
मोटिवेशनल स्पीकर के धार्मिक भाषण पर विवाद मोटिवेशनल स्पीकर के धार्मिक भाषण पर विवाद

प्रमोद माधव

  • चेन्नई,
  • 06 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:31 AM IST

तमिलनाडु में शिक्षक दिवस (5 सितंबर 2024) के दौरान एक सरकारी स्कूल में धार्मिक भाषण पर बवाल शुरू हो गया है. चेन्नई में एक सरकारी स्कूल में शिक्षक दिवस के मौके पर बुलाए गए एक आध्यात्मिक स्पीकर ने अपने लेक्चर में पुनर्जन्म और कर्म के बारे में बात की, जिससे सोशल मीडिया पर बहस शुरू गई. विवाद बढ़ने पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है.

Advertisement

दरअसल, 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के मौके पर परमपोरुल फाउंडेशन के महाविष्णु को मायलापुर क्षेत्र के एक सरकारी स्कूल में मोटिवेशनल स्पीकर को बुलाया गया था. अपने लेक्चर के दौरान स्पीकर ने पिछले जन्म के पापों और कर्मों के विषयों पर बात की. भाषण का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोग इसकी आलोचना कर रहे हैं. कई लोगों ने स्कूल प्रशासन और तमिलनाडु के स्कूल शिक्षा मंत्री अंबिल महेश को जिम्मेदार ठहराया. विवाद बढ़ता देख सीएम एमके स्टालिन ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है.

स्पीकर ने ऐसा क्या कहा, जिसके बाद बढ़ा विवाद?

वक्ता महाविष्णु ने अपने भाषण में कहा कि गुरुकुलों को अंग्रेजों द्वारा व्यवस्थित रूप से नष्ट कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि केवल एक मंत्र पढ़ने से आग बरस सकती है, शरीर को ठीक किया जा सकता है और आप उड़ सकते हैं, लेकिन ये सभी रहस्य जो ताड़ पत्रों पर लिखे गए थे, अंग्रेजी शासन के कारण खो गए. उन्होंने आगे कहा, "अगर भगवान दयालु होते, तो सभी समान पैदा होते. एक अमीर पैदा होता है जबकि दूसरा गरीब. एक अपराधी पैदा होता है जबकि दूसरा नायक. ऐसे अंतर क्यों? आपने अपने पिछले जन्म में क्या किया, जो आपको यह जन्म मिला."

Advertisement

 

 

स्कूल कर्मचारी ने किया विरोध

स्कूल के एक कर्मचारी ने वक्ता की टिप्पणियों का विरोध किया. उन्होंने कहा कि आपको मोटिवेशनल स्पीकर के तौर पर बुलाया गया था, न कि आध्यात्मिक प्रवचन के लिए. इससे वक्ता और कर्मचारी के बीच तीखी बहस भी हो गई.

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने क्या कहा?

विवाद पर टिप्पणी करते हुए, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 'वैज्ञानिक सोच' पर जोर दिया, उन्होंने कहा कि उन्होंने स्कूलों में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में दिशा-निर्देश तैयार करने का आदेश दिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अध्ययनों में प्रगतिशील विचार शामिल हों. उन्होंने जोर देकर कहा, "विज्ञान प्रगति का मार्ग है."

 

कांग्रेस सांसद ने कार्रवाई की मांग की

कांग्रेस के करूर सांसद जोथिमनी ने एक्स पर इस घटना की निंदा की, मंत्री अंबिल महेश को टैग किया और कार्रवाई की मांग की. उन्होंने ट्वीट किया, "यह जानकर शौक हूं कि यह एक सरकारी स्कूल में हुआ है." उन्होंने लिखा, "यह सरकार की वैचारिक लड़ाई के सभी प्रयासों को कमजोर करेगा. सरकार को उन सभी के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए जिन्होंने उसे वैज्ञानिक सोच के खिलाफ बोलने के लिए आमंत्रित किया और अनुमति दी, जो हमारी शिक्षा प्रणाली का मूल आधार है, और उस शिक्षक को अपमानित किया जिसने सही सवाल पूछा." हालांकि स्कूल प्रशासन ने अभी तक इस विवाद पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है या घटना पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement