Board Exam Stress: पढ़ा हुआ भूलने की श‍िकायत है तो करें ये 3 काम, शार्प होगी मेमोरी

Board Exam Preparation: सीबीएसई बोर्ड समेत यूपी-बिहार व अन्य राज्य बोर्डों ने परीक्षा तिथ‍ि की घोषणा कर दी है. जिन घरों में बोर्ड परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स हैं, वहां का माहौल पूरी तरह बदल गया है. छात्रों में स्ट्रेस को कम करने के लिए सीबीएसई बोर्ड ने हेल्पलाइन शुरू की है. आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि छात्र कैसे पढ़ाई करें कि उन्हें पढ़ा हुआ याद रहे.

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प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो

मानसी मिश्रा

  • नई दिल्ली ,
  • 11 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 6:41 PM IST

Board Exam Preperation Tips: हिस्ट्री-जिऑग्रफी बड़ी बेवफा... रात भर रटो सबेरे सफा, बचपन में पढ़ाई के दौर में ये लोकोक्त‍ि कई बार सुनी है. ये सिर्फ इतिहास-भूगोल तक ही सीमित वाक्य भर नहीं है. एग्जाम टाइम तैयारी का वो दौर ही अजीब होता है, जब खूब-खूब पढ़ने के बाद भी कुछ घंटे बाद कई छात्रों को लगता है कि अभी शायद विषय ठीक से तैयार ही नहीं है. कुछ छात्र तो यहां तक महसूस करते हैं जैसे वो पिछला पढ़ा हुआ सब भूल गए. एक्सपर्ट बताते हैं कि इसके पीछे कई मनोवैज्ञानिक कारण होते हैं जिसके कारण हमेशा लगता है कि पढ़ा हुआ याद नहीं रहा. 

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मनोचिकित्सक डॉ सत्यकांत त्रिवेदी कहते हैं कि बोर्ड एग्जाम का प्रेशर बच्चों के मन में कई साल पहले डाल दिया जाता है. इसे एक ऐसी परीक्षा के तौर पर पेश किया जाता है जैसे इससे पूरे परिवार की प्रत‍िष्ठा जांची जानी है. बोर्ड एग्जाम के इस प्रेशर के कारण भी ज्यादातर बच्चों के मन में इसको लेकर स्ट्रेस होता है. वो परफार्मेंस प्रेशर में जीते हैं. सबसे पहले तो ये प्रैक्ट‍िस बंद होनी चाहिए. बोर्ड एग्जाम को एकदम नॉर्मलाइज किया जाना चाहिए. इसके अलावा तीन ऐसे टूल हैं जो बच्चों को तैयारी में काफी मददगार हो सकते हैं. इससे उनकी याद रख पाने की क्षमता भी बढ़ती है. मसलन हिस्ट्री की तारीखें, पात्र और घटनाओं का सीक्वेंस भी वो समझकर याद रख सकते हैं. आइए यहां जानते हैं कि वो तीन टूल कौन कौन से हैं. 

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नींद: सबसे पहला और जरूरी टूल है भरपूर नींद. अगर कोई छात्र मान लीजिए नौ या दस घंटे भी सोता है तो उसे इसके लिए टोकना नहीं चाहिए. क्योंकि उसके पास बचे 14 से 15 घंटे होते हैं जब वो पढ़ाई को वक्त दे सकते हैं. बच्चों को कभी भी सोने से जगाना नहीं चाहिए. अगर वो पूरी नींद लेते हैं तो उनके परफार्मेंस लेवल में सकारात्मक असर पड़ता है, इसे लेकर कई और स्टडी भी हो चुकी हैं. 

डाइट: अब दूसरा टूल है, अच्छी डाइट. बच्चा अगर दिन या रात का एक बड़ा वक्त तैयारी में बिताता है तो उसकी डाइट भी खास होनी चाहिए. सबसे ज्यादा जरूरी है कि उसका शरीर हाइड्रेट रहे, इसके लिए पानी के अलावा नारियल पानी या जूस वगैरह दिया जा सकता है. इसके अलावा खाने में प्रोटीन और विटामिन युक्त भोजन परोसना चाहिए. भोजन की सबसे जरूरी शर्त है कि वो सुपाच्य होना चाहिए. 

एक्सरसाइज: बोर्ड एग्जाम की तैयारी में ऐसा देखा जाता है कि बच्चे घर से एकदम निकलना ही बंद कर देते हैं. अगर घर से बाहर टहलने निकल भी गए तो उनके दिमाग में किताबों के अक्षर ही कौंधते रहते हैं. इसलिए बोर्ड एग्जाम की तैयारी के दौरान तीसरा और महत्वपूर्ण टूल एक्सरसाइज है. अगर बच्चा अपनी हॉबी के अनुसार खेल चुनकर खेलना चाहे तो उसे प्रोत्साहित करना चाहिए. जब उसका शरीर एक्ट‍िव रहता है तो ब्रेन भी उतना ही एक्ट‍िव रहता है. उसे विषयों को रुचि लेकर पढ़ने और उसे याद रखने में आसानी होती है. 

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एग्जाम स्ट्रेस को ऐसे करें हैंडल: 

- अपने बारे में वास्तविकता स्वीकार करें, उसी के हिसाब से तैयारी करें. 
- कोई एक तय पर्सेंटेज को अपना गोल न बनाएं, क्षमता अनुसार पढ़ाई करें. 
- इनपुट्स पर फोकस करें, अभी से आउटपुट यानी रिजल्ट का न सोचें. 
- खुद पर जबरन हार्ड रूटीन न थोपें, समझदारी के साथ एक टाइमटेबल बनाकर पढ़ें. 
- अपना स्क्रीन टाइम इस दौर में घटाने की कोश‍िश करें. 
- एकाग्रता बढ़ाने के चक्कर में कोई दवा या ब्लैक कॉफी जैसी चीजें न लें. 
- अपने बारे में अपने दोस्तों और पेरेंट्स से बात करें. 

 

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