उत्तर प्रदेश में परिषदीय विद्यालयों के पेयरिंग प्रक्रिया में एक नई चुनौती सामने आ रही है. ऐसे बहुत से स्कूल हैं जहां पर एक स्कूल के दूसरे स्कूल में पेयर होने के बाद छात्र पेयर हुए स्कूल मे नहीं जा रहे हैं. ऐसी ही एक तस्वीर पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली से भी सामने आई है.
चंदौली जिले के नियमताबाद ब्लॉक के कुंडा खुर्द गांव मे चल रहे अपर प्राइमरी स्कूल मे कुल 22 बच्चे पढ़ाई कर रहे थे, जिनको पढ़ने के लिए दो अध्यापकों की तैनाती भी थी. क्योंकि यहां छात्र संख्या काफी कम थी. लिहाजा नए नियम के तहत इस विद्यालय को तकरीबन ढाई किलोमीटर की दूरी पर स्थित कंपोजिट विद्यालय बहादुरपुर से पेयर कर दिया गया.
एक भी बच्चा पेयर स्कूल नहीं पहुंच रहा है
अपर प्राइमरी स्कूल कुंडा खुर्द में कक्षा 6,7 और 8 के कुल 22 छात्र और दो अध्यापक थे, जिन्हें कंपोजिट विद्यालय बहादुरपुर में जाकर पठन-पाठन करना था. शुरुआत में तो दो-तीन बच्चे अध्यापकों के साथ स्कूल पहुंचे, लेकिन वर्तमान समय में एक भी बच्चा पेयर हुए स्कूल में नहीं पहुंच रहा है. अध्यापकों के अनुसार छात्रों का कहना है कि इस स्कूल की दूरी ज्यादा है इसलिए वह स्कूल आने में अक्षम हैं.
क्या बोलीं स्कूल प्रिंसिपल
कंपोजिट विद्यालय बहादुरपुर चंदौली की प्रभारी हेडमास्टर शिवधनी यादव ने कहा, 'मेरे विद्यालय से पेयर होने वाला विद्यालय यूपीएस कुंडा खुर्द है. वहां पर 22 बच्चे थे उनको यहां आना था. टीचर के साथ दो-तीन बच्चे कुछ दिन आए, इसके बाद अब नहीं आ रहे हैं. न आने की वजह बच्चे दूरी ज्यादा बता रहे हैं. दूरी की समस्या आ रही है इस समस्या से हम लोगों ने उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया है."
लड़कियों के लिए दिक्कत बनी स्कूल की दूरी
कंपोजिट विद्यालय बहादुरपुर की अध्यापिका सरिता शर्मा ने कहा, "यूपीएस कुंडा से हमारा विद्यालय मर्ज हुआ है. जिसमें उनको आदेश दिया गया है कि अगर बच्चे नहीं आ पा रहे हैं तो आप बच्चों को लेकर आएं. वहां पर दो टीचर हैं, रोज दो-तीन दिन बच्चों को बाइक पर बैठा कर ले आते हैं.
एक दिन तो ले आए लेकिन दूसरे दिन असफल रहे. बच्चे डायरेक्ट बोल रहे हैं कि हम लोग स्कूल नहीं जाएंगे. हम नहीं पढ़ेंगे हमारे घर वाले बोल रहे हैं कि घर में बैठकर काम करो पढ़ने की जरूरत नहीं है. लड़कियों को तो विशेष रूप से दिक्कत हो रही है. बच्चों का रुझान नहीं है उनका कहना है कि इतनी दूर हम नहीं जा पाएंगे. आखिर टीचर कितना दिन उनको ढो कर लाएंगे."
उदय गुप्ता