Swami Vivekanand Teaching: भारतीय वेद-पुराण और दर्शनशास्त्र को पूरे विश्व में पहचान दिलाने वाले स्वामी विवेकानंद देश के युवाओं के लिए आज भी पथ प्रर्दशक हैं. उनके विचार और शिक्षाएं जीवन में कामयाबी पाने के सटीक सूत्र हैं. 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में जन्मे विवेकानंद का असली नाम नरेंद्र नाथ दत्त था. वह देश के युवाओं के लिए हमेशा एक प्रेरणा रहे हैं और आने वाली कई पीढ़ियों तक बने रहेंगे. उनके जीवन के बारे में कई किस्से और कहानियां हैं जो अपने आप में जीवन की बड़ी शिक्षाएं हैं. एक युवा के तौर पर आपको उनके जीवन प्रसंग जरूर प्रेरित करेंगे.
महिलाओं के उत्थान पर दी थी सीख
एक बार, एक समाज सुधारक विवेकानंद के पास गए और उनसे पूछा, "यह बहुत अच्छा है कि आप महिलाओं के उत्थान में भी विश्वास करते हैं. मैं भी करता हूं. आप मुझे बताएं कि महिलाओं के उत्थान के लिए मैं क्या करूं?' इस सवाल के जवाब में विवेकानंद ने कहा, "हैंड्स ऑफ, आपको उनके बारे में कुछ नहीं करना है. बस उन्हें अकेला छोड़ दो. उन्हें जो करना है वह खुद करेंगी. यही सबसे जरूरी बात है. ऐसा नहीं है कि पुरुष को स्त्री को सुधारने की जरूरत है. अगर वह यह सोच छोड़ दे तो महिलाएं वही करेंगी जो उनके लिए बेहतर है.
अमेरिका में स्टूडेंट्स को दी थी शिक्षा
विवेकानंद एक समय अमेरिका में थे. कुछ लड़के पुल पर खड़े होकर पानी में तैर रहे अंडे के छिलकों को मारने की कोशिश कर रहे थे. वे बार बार विफल हो रहे थे. विवेकानंद उन्हें दूर से देख रहे थे. वे उनके करीब गए, बंदूक ली और 12 बार फायर किया. उन्होंने हर बार अंडे के छिलकों पर निशाना मारा. हैरान लड़कों ने उनसे पूछा कि उन्होंने यह कैसे किया? उन्होंने जवाब दिया, "आप जो कुछ भी कर रहे हैं, उस पर अपना पूरा दिमाग लगाएं. अगर आप शूटिंग कर रहे हैं, तो आपका दिमाग केवल निशाने पर होना चाहिए, फिर आप कभी नहीं चूकेंगे. यदि आप अपना पाठ सीख रहे हैं, तो केवल पाठ के बारे में सोचें. मेरे देश में युवाओं को ऐसा करना सिखाया जाता है."
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