Sardar Vallabhbhai Patel Jayanti 2022: 'लौहपुरुष' सरदार वल्लभ भाई पटेल के 10 अनमोल विचार, यहां पढ़ें

Sardar Vallabhbhai Patel Jayanti 2022, National Unity Day 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर उनकी याद में 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में घोषित किया था. सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में हुआ था. आइए जानते हैं उनके 10 अनमोल विचार.

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सरदार वल्लभ भाई पटले की आज 147वीं जयंती है सरदार वल्लभ भाई पटले की आज 147वीं जयंती है

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 31 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 7:11 AM IST

National Unity Day 2022, Sardar Vallabhbhai Patel Jayanti 2022: भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और 'लौहपुरुष' कहे जाने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल की आज, 31 अक्टूबर 2022 को 147वीं जयंती है. उनका जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में हुआ था. वह भारत के पहले उपप्रधान मंत्री और भारत के पहले गृह मंत्री भी थे. सरदार पटेल को रियासतों के भारतीयों के भारतीय संघ में शांतिपूर्ण एकीकरण और भारत के राजनीतिक एकीकरण के लिए श्रेय दिया जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल की याद में 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में घोषित किया था और इस दिन (National Unity Day) को 2014 से हर साल मनाया जा रहा है. आइए जानते हैं सरदार वल्लभ भाई पटेल के वो 10 अनमोल विचार, जो आज भी हर भारतीय को प्रेरणा से भर देते हैं.

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  1. इस मिट्टी में कुछ खास है, जो कई बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास रहा है.
  2. भले ही हम हजारों की संपत्ति खो दें, और हमारा जीवन बलिदान हो जाए, हमें मुस्कुराते रहना चाहिए और ईश्वर और सत्य में अपना विश्वास बनाए रखना चाहिए.
  3. हर नागरिक की यह मुख्य जिम्मेदारी है कि वह महसूस करे कि उसका देश स्वतंत्र है और अपने स्वतंत्रता देश की रक्षा करना उसका कर्तव्य है.
  4. आपकी भलाई आपके रास्ते में बाधा है, इसलिए अपनी आंखों को गुस्से से लाल होने दें, और अन्याय के साथ मजबूती से लड़ने की कोशिश करें.
  5. आपको अपना अपमान सहने की कला आनी चाहिए.
  6. जब जनता एक हो जाती है, तब उसके सामने क्रूर से क्रूर शासन भी नहीं टिक सकता. अतः जात-पांत के ऊंच-नीच के भेदभाव को भुलाकर सब एक हो जाइए.
  7. संस्कृति समझ-बूझकर शांति पर रची गई है. मरना होगा तो वे अपने पापों से मरेंगे. जो काम प्रेम, शांति से होता है, वह वैरभाव से नहीं होता.
  8. आज हमें ऊंच-नीच, अमीर-गरीब, जाति-पंथ के भेदभावों को समाप्त कर देना चाहिए तभी हम एक उन्नत देश की कल्पना कर सकते हैं.
  9. अधिकार मनुष्य को तब तक अंधा बनाए रखेंगे, जब तक मनुष्य उस अधिकार को प्राप्त करने हेतु मूल्य न चुका दे.
  10. भारत एक अच्छा उत्पादक है और इस देश में कोई अन्न के लिए आंसू बहाता हुआ भूखा ना रहे.

 

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