'सर पे लाल टोपी रूसी...', पुतिन के रूस में कितना मजबूत है Indian Diaspora? जिनसे आज मिलेंगे पीएम मोदी

PM Narendra Modi in Russia: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से दो दिन रूस के दौरे पर हैं. पीएम मोदी के दौरे को लेकर रूस की काफी चर्चा हो रही है तो ऐसे में जानते हैं आखिर रूस में कितने भारतीय रहते हैं.

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पुतिन और पीएम मोदी पुतिन और पीएम मोदी

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 08 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 12:28 PM IST

साल 1955 में एक फिल्म आई थी- श्री 420, जिसका एक गाना बड़ा फेमस है मेरा जूता है जापानी, ये पतलून इंग्लिशतानी, सर पे लाल टोपी रूसी, फिर भी दिल है हिंदुस्तानी! ये गाना ही बता देता है कि भारत और रूस का रिश्ता काफी पुराना है. यानी लंबे समय से भारत और रूस के बीच लोगों का आना-जाना रहा है. ऐसे में जब आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस दौरे पर गए हैं तो एक बार फिर भारत-रूस के रिश्ते की काफी चर्चा हो रही है. तो आज हम आपको बताते हैं कि भारत और रूस के बीच कब से रिश्ता रहा है और अभी भी कितने भारतीय रूस में रह रहे हैं?

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अक्सर आपने देखा होगा कि भारत से जो लोग विदेश जाते हैं, वो अक्सर वहां नौकरियां ही करते हैं. लेकिन, रूस के मामले में सीन अलग है, क्योंकि रूस में रहने वाले भारतीय वहां जाकर बिजनेस भी काफी ज्यादा करते हैं. तो साथ ही जानते हैं कि भारत से जाने वाले भारतीय वहां क्या करते हैं और ज्यादातर कौन लोग वहां जा रहे हैं... 

दरअसल, आजादी से पहले तो सोवियत संघ और भारत के रिश्ते कुछ ज्यादा ठीक नहीं थे. दरअसल जिस समय सोवियत संघ में जोसेफ स्टालिन का राज था. भारत अपनी आजादी की लड़ाई लड़ रहा था. लेकिन, सेवियत के नेता अंग्रेजों से आजादी की लड़ाई में भारत के नेताओं और भारतीय आंदोलनों को संदेह की नजर से देखते थे. लेकिन,लेनिन की मौत के बाद स्टालिन ने भारत की राजनीति में इच्छा जतानी शुरू कर दी.

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फिर मतभेदों के बावजूद भारत और सोवियत संघ के बीच अप्रैल 1947 में औपचारिक तौर पर राजनयिक संबंध बने. रूस ने 19वीं सदी में भारत के साथ मजबूत व्यावसायिक, सांस्कृतिक और साहित्यिक संबंध स्थापित करने की इच्छा जताई. इसके बाद से रिश्ते लगातार अच्छे होते चले गए. ऐसे में कहा जा सकता है कि भारत की आजादी के साथ से ही भारत और रूस के रिश्ते ठीक रहे हैं. 

कितने भारतीय रहते हैं?

विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, रूस में 62825 भारतीय रहते हैं. इन भारतीयों में 60172 एनआरआई, 2653 पीआईओ (भारतीय मूल के लोग) शामिल हैं. साथ ही भारतीय स्टूडेंट भी यहां बड़ी संख्या में रहते हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, यहां करीब 15000 भारतीय स्टूडेंट रहते हैं और इसमें अधिकतर मेडिकल की पढ़ाई करते हैं. पहले चीन और यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई के लिए ज्यादा बच्चे जाते थे, लेकिन अब रूस की तरह भी लोग जा रहे हैं. 

क्यों रूस में मेडिकल पढ़ना पसंद करते हैं लोग?

भारतीय मेडिकल स्टूडेंट सुरक्षा, वीजा में आसानी और अंग्रेजी की वजह से चीन और यूक्रेन की तुलना में रूस को प्राथमिकता देते हैं. रूस बहुत कम खर्च में दुनियाभर के छात्रों को क्वालिटी मेडिकल एजुकेशन प्रदान कर रहा है. ऐसे में भारत की ओर मेडिकल की पढ़ाई के लिए रूस काफी ज्यादा जाते हैं. 

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वहां क्या काम करते हैं इंडियंस?

रूस जाने वाले भारतीयों में काफी ज्यादा स्टूडेंट्स हैं और इसके बाद बिजनेस करने वाले और फार्मास्युटिकल कंपनी में काम करने वाले लोग हैं. इसके अलावा कंस्ट्रक्शन सेक्टर में भी रूस में काफी भारतीय करते हैं और कुछ लोग टेक, फाइनेंस, मैन्युफैक्चरिंग और एनर्जी सेक्टर में भी काम कर रहे हैं.  

बता दें कि इंडियंस ने रूस के बाजार में काफी निवेश कर रखा है. जैसे ONGC विदेश, कॉमर्शियल बैंक ऑफ इंडिया लिमिटेड भारतीय कंपनियां वहां बिलियंस में डील कर रही हैं. इसके साथ ही रूस के फार्मास्युटिकल बिजनेस में भारतीयों का काफी अहम रोल है. भारतीय फार्मास्युटिकल कंपनियों की बात करें तो इनमें  Dr. Reddy's Laboratories, Cadila Pharmaceuticals, Torrent Pharmaceuticals, Sun Pharmaceuticals काफी अहम हैं.अगर कुल भारतीय निवेश की बात करें तो रूस में 8 बिलियन यूएस डॉलर से भी ज्यादा भारतीय कंपनियों का निवेश है.

कई रिपोर्ट्स में सामने आया है कि भारत से जाने वाले भारतीय रूस में बिजनेस भी काफी करते हैं. रूस में काम करने के लिए भारतीयों को वर्क वीजा, बिजनेस वीजा और हाई स्किल्ड माइग्रेंट वीजा मिलता है. 
 

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