Happy Independence Day 2023: भारत को ब्रिटिश शासन से आजाद हुए 76 साल पूरे हो चुके हैं. देश आज उन स्वतंत्रता सेनानियों को याद कर रहा है जिन्होंने आजादी की अलख जगाई और एक स्वतंत्रता देश के सपने को पूरा करने के लिए कई बलिदान दिए. इस लंबी यात्रा के दौरान देशभक्ति नारों ने लोगों को जागरूक करने और एक सूत्र में बाधने का काम किया था. स्वतंत्रता सेनानियों के दिए वो नारे आज भी रोंगटे खड़े कर देते हैं. आइए जानते हैं देशभक्ति वे नारे और उनका इतिहास.
1. भारत माता की जय
किसने दिया: किरण चंद्र बंधोपाध्याय ने भारत माता नाटक के दौरान ये नारा दिया.
पहली बार इस्तेमाल: 1873 में नाटक मंचन के दौरान पहली बार इसका इस्तेमाल हुआ और बाद में आज़ादी आंदोलन के दौरान लोकप्रिय हुआ.
2. वंदे मातरम
किसने दिया: बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने अपने उपन्यास आनंद मठ में साल 1882 में इस शब्द का इस्तेमाल किया. पहली बार इस्तेमाल: रवींद्रनाथ टैगोर ने साल 1896 में इंडियन नेशनल कांग्रेस के अधिवेशन में इसका इस्तेमाल किया. अब ये राष्ट्रीय गीत है और हर राष्ट्रवादी कार्यक्रम में लगने वाला प्रमुख नारा है
3. जय हिंद
किसने दिया: आज़ाद हिंद फौज के मेजर आबिद हसन सफरानी
कैसे लोकप्रिय हुआ: सुभाष चंद्र बोस ने इसे आज़ाद हिंद फौज का आधिकारिक ध्येय वाक्य बनाया. आज़ादी के बाद पुलिस और सेना में भी अपना लिया गया और आज के दौर में सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला नारा बना.
4. जय जवान, जय किसान
किसने दिया: लाल बहादुर शास्त्री
पहली बार इस्तेमाल: साल 1965 में दिल्ली में हो रही एक जनसभा को संबोधित करते हुए शास्त्री जी ने ये नारा दिया. अटल बिहारी वाजपेयी ने पोखरण विस्फोट के बाद इसमें जय विज्ञान और जोड़ दिया.
5. सत्यमेव जयते
कहां से लिया: मुंडक उपनिषद
कैसे लोकप्रिय हुआ: पंडित मदन मोहन मालवीय ने साल 1918 में इसका इस्तेमाल किया; इसके बाद भारत के ध्येय वाक्य कै तौर पर इसका इस्तेमाल किया जाने लगा.
6. इंकलाब ज़िंदाबाद
किसने दिया: मौलाना हसरत मोहानी
पहली बार इस्तेमाल: 1929 में दिल्ली विधानसभा में भगत सिंह ने धमाका करने के बाद इस नारे का इस्तेमाल किया. अब हर दल और छात्र नेता इसका इस्तेमाल करते हैं.
7. करो या मरो
किसने दिया: महात्मा गांधी
कैसे लोकप्रिय हुआ: साल 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान इसका इस्तेमाल किया गया.
8. संपूर्ण क्रांति अब नारा है...
किसने दिया: जय प्रकाश नारायण
कब इस्तेमाल हुआ: इमरजेंसी के विरोध में 70 के दशक में जयप्रकाश नारायण ने ये नारा दिया.
9. सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है...
राम प्रसाद बिस्मिल ने एक मुकदमे के दौरान अदालत में अपने साथियों के साथ सामूहिक रूप से गाकर लोकप्रिय भी बनाया था. लेकिन "सरफरोशी की तमन्ना" नामक देशभक्ति कविता बिहार, पटना के उर्दू के कवि बिस्मिल अज़िमाबादी ने 1921 में लिखी थी.
10. ये दिल मांगे मोर
ये कोई राजनीतिक नारा नहीं बल्कि पेप्सी ऐड की मशहूर लाइन थी. कारगिल युद्ध के दौरान शहीर विक्रम बत्रा ने पाकिस्तान से लड़ते इसे और लोकप्रिय बनाया. 2014 लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी ने इसका राजनीतिक इस्तेमाल किया.
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