जब होगी आर्टिफिशियल रेन तब क्या घरों में घुसना पड़ेगा, भीग गए तो क्या होगा?

दिल्ली में हवा इतनी खराब हो चुकी है कि इसके निराकरण के लिए आर्टिफिशियल बारिश कराने का फैसला किया गया है. इसके लिए कुछ कैमिकल का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या इस कृत्रिम बरसात का इंसानों के ऊपर बुरा प्रभाव पड़ सकता है? क्या इस दौरान लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलना चाहिए? जानते हैं ऐसे ही कुछ सवालों का जवाब.

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आर्टिफिशियल बारिश क्या इंसानों पर बुरा प्रभाव डाल सकता है (Photo - AI Generated) आर्टिफिशियल बारिश क्या इंसानों पर बुरा प्रभाव डाल सकता है (Photo - AI Generated)

सिद्धार्थ भदौरिया

  • नई दिल्ली,
  • 24 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 10:50 PM IST

दिल्ली-NCR में दिवाली के बाद हवा इतनी ज्यादा खराब हो गई है कि सरकार ने आर्टिफिशियल बारिश कराने का फैसला लिया है. क्लाउड सीडिंग तकनीक के जरिए अब बेमौसम बारिश कराई जाएगी. इस कृत्रिम बरसात के लिए कुछ केमिकल का भी इस्तेमाल होता है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि क्या आर्टिफिशियल बारिश के वक्त घर से बाहर निकलना चाहिए या नहीं. अगर इस बारिश के पानी के संपर्क में हम आते हैं तो क्या ये हमारी त्वचा को हानि पहुंचा सकता है?

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क्लाइमेट चेंज की एक रिपोर्ट के मुताबिक,  कृत्रिम वर्षा एक वैज्ञानिक मौसम परिवर्तन तकनीक है. इसमें सिल्वर आयोडाइड का उपयोग सूखे क्षेत्रों में पर्याप्त जल आपूर्ति बढ़ाने और सूखे से निपटने के लिए बेमौसम बारिश कराने के लिए किया जाता है. 

किस केमिकल का इस्तेमाल होता है 
क्लाउड सीडिंग में संघनन यानी कंडेंशन के तौर पर वर्षा जैसे हालात का निर्माण करने के लिए बादलों में सिल्वर आयोडाइड के कण मिलाए जाते हैं. इसका इस्तेमाल दशकों से होता आ रहा है, लेकिन हाल ही में पानी की बढ़ती कमी और जलवायु संबंधी समस्याओं के कारण आर्टिफिशियल रेन का ट्रेंड बढ़ा है. 

क्या होता है सिल्वर आयोडइड
सिल्वर आयोडाइड, चांदी और आयोडीन से बना एक रासायनिक यौगिक है. जिसका उपयोग कृषि कीटनाशकों, औषधियों में एंटीसेप्टिक, क्लाउड सीडिंग और फोटोग्राफी में इस्तेमाल किया जाता है. इसका इस्तेमाल कुछ प्रकार के कांच के निर्माण में भी किया जाता है और कभी-कभी कुछ वायु प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों में भी पाया जाता है. AgI पानी में थोड़ा घुलनशील होता है और चाँदी से ज़्यादा विषैला होता है.

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क्या सिल्वर आयोडाइड इंसानों के लिए हानिकारक है 
सिल्वर आयोडाइड (AgI) को क्लाउड सीडिंग में इस्तेमाल होने वाला सबसे आम न्यूक्लियेटिंग पदार्थ माना जाता है. कई अध्ययनों ने निष्कर्ष निकाला है कि AgI की मात्रा विषाक्त प्रभाव उत्पन्न करने के लिए बहुत कम है. क्योंकि ये केवल कुछ समय के लिए ही मिट्टी और तलछट में रहते हैं.

कई बार सवाल उठता है कि क्या आर्टिफिशियल रेन में इस्तेमाल किए जाने वाले सिल्वर आयोडाइड का इंसानों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है. क्या ऐसी बारिश के वक्त घरों से बाहर नहीं निकलना चाहिए. इसके प्रभाव को जानने  के लिए हमने IIT कानपुर के डायरेक्टर और क्लाउड सीडिंग विशेषज्ञ  महेंद्र अग्रवाल से बात की.

इंसानों पर नहीं पड़ता है इसका कोई बुरा प्रभाव
महेंद्र अग्रवाल ने बताया कि आर्टिफिशियल बारिश के समय घरों से बाहर निकलने में लोगों को कोई समस्या नहीं है. अगर कोई इस बारिश के पानी के संपर्क में आ भी जाता है तो उसे कोई नुकसान नहीं होगा. क्योंकि यह काफी कम मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है.

उन्होंने सिल्वर आयोडाइड के बारे में बताया कि पहले ये जानने की जरूरत है कि इसकी कितनी मात्रा हानिकारक हो सकती है. चूंकि, क्लाउड सीडिंग के लिए इतनी कम मात्रा में इसक केमिकल का इस्तेमाल होता है कि इंसान या किसी भी चीज पर इसका कोई हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता है.

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