भारत ने पाकिस्तानी सेना की आंख, कान और दिमाग को पहुंचाई चोट, समझिए ये कैसे हुआ

भारतीय सेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि भारत ने पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर जवाबी हमला किया है. पाकिस्तान की इन हरकतों के बाद तुरंत जवाबी कार्रवाई की गई. रफीकी, मुरीद, चकलाला और रहिमयार खान स्थित पाक सैन्य ठिकानों पर सटीक हथियारों और लड़ाकू विमानों से हमला किया गया. सियालकोट का एयरबेस भी टारगेट किया गया. भारतीय सेना ने इस दौरान कोलेटरल डैमेज यानी आम नागरिकों और संरचनाओं को नुकसान न हो, इसका पूरा ध्यान रखा.

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 भारत के एक्शन से पाकिस्तानी सेना को ये हुआ नुकसान (आकाश मिसाइल) भारत के एक्शन से पाकिस्तानी सेना को ये हुआ नुकसान (आकाश मिसाइल)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 10 मई 2025,
  • अपडेटेड 2:08 PM IST

भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार तनाव बना हुआ है और दोनों देश युद्ध के मुहाने पर खड़े हैं. बॉर्डर पर हालात बेहद तनावपूर्ण हैं. पाकिस्तान की ओर से भारत के कई शहरों पर हमले किए गए, जिनका भारतीय सेना ने करारा जवाब दिया है. जम्मू-श्रीनगर से लेकर पठानकोट और पोखरण तक पाकिस्तान की ड्रोन हमले की कोशिशों को भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया है.

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इसी बीच भारतीय सेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि भारत ने पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर जवाबी हमला किया है. पाकिस्तान की इन हरकतों के बाद तुरंत जवाबी कार्रवाई की गई. रफीकी, मुरीद, चकलाला और रहिमयार खान स्थित पाक सैन्य ठिकानों पर सटीक हथियारों और लड़ाकू विमानों से हमला किया गया. सियालकोट का एयरबेस भी टारगेट किया गया. भारतीय सेना ने इस दौरान कोलेटरल डैमेज यानी आम नागरिकों और संरचनाओं को नुकसान न हो, इसका पूरा ध्यान रखा.

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प्रेस कॉन्फ्रेंस में सेना ने यह भी जानकारी दी कि इस कार्रवाई में पाकिस्तान को गंभीर सैन्य नुकसान पहुंचा है. सेना के अनुसार, इस हमले में पाकिस्तान के तकनीकी संस्थापन (Technical Installations), कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, रडार साइट्स और हथियारों के भंडारण को तबाह कर दिया गया है.

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अब यह समझना जरूरी है कि सेना द्वारा जिन ठिकानों को निशाना बनाया गया है, उनका क्या अहमियत होती है और अगर कोई देश इन क्षमताओं को खो देता है, तो उसे कितना बड़ा नुकसान झेलना पड़ता है.

क्या है टेक्निकल इंस्टोलेशन

किसी भी वॉर ज़ोन के लिए टेक्निकल इंस्टॉलेशन्स को एक देश की आंख, नाक और कान कहा जा सकता है. भारत ने पाकिस्तान के टेक्निकल इंस्टॉलेशन्स को तबाह कर उसे युद्ध क्षेत्र में अंधा, बहरा कर दिया. टेक्निकल इंस्टॉलेशन्स का मतलब होता है सेना द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली वे तकनीकी संरचनाएं और सुविधाएं, जिनका इस्तेमाल युद्ध संचालन, निगरानी, संचार और रक्षा के लिए किया जाता है.

एक डिफेंस जनरल के मुताबिक, इनमें संचार केंद्र शामिल होते हैं, जैसे रेडियो टावर, सैटेलाइट लिंक और डेटा ट्रांसफर स्टेशन, जिनके जरिए सेना एक-दूसरे से संपर्क करती है. इसके अलावा रडार सिस्टम होते हैं, जो दुश्मन के विमानों, मिसाइलों और ड्रोन को ट्रैक करते हैं. इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम भी इसमें शामिल होते हैं, जिनका काम होता है दुश्मन की संचार व्यवस्था और हथियारों की कार्यप्रणाली में बाधा डालना. सर्विलांस सिस्टम जैसे थर्मल कैमरे, सैटेलाइट फीड और ड्रोन कंट्रोल यूनिट्स निगरानी में मदद करते हैं. कंट्रोल रूम और कमांड पोस्ट्स से पूरे सैन्य अभियानों की निगरानी और संचालन होता है. इसके साथ ही एयर डिफेंस सिस्टम के मॉड्यूल्स जैसे मिसाइल लॉन्च पैड, ट्रैकिंग यूनिट और सिग्नल जैमर भी इन इंस्टॉलेशन्स का हिस्सा होते हैं.

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कमांड एंड कंट्रोल सेंट्रल का क्या है काम

कमांड एंड कंट्रोल सेंट्रल एक ऐसा मुख्यालय होता है जहां से किसी सैन्य ऑपरेशन की योजना बनाई जाती है, उसकी निगरानी की जाती है और उसे नियंत्रित किया जाता है. यह सेंटर किसी भी सेना या सुरक्षा एजेंसी के लिए 'दिमाग' है. यहां से यह तय किया जाता है कि किसे कहां भेजना है, कब हमला करना है या कहां से खतरा पैदा हो सकता है.

ये सेंटर अत्याधुनिक संचार तकनीकों से लैस होते हैं, ताकि जमीन, हवा या समुद्र में तैनात सैनिकों से लगातार संपर्क बना रहे. यहां रियल-टाइम डाटा जैसे सैटेलाइट इमेज, रडार फीड और खुफिया रिपोर्ट्स की निगरानी की जाती है.

क्या है रडार साइट

डिफेंस जनरल के मुताबिक, रडार साइट (Radar Site) एक विशेष स्थान होता है जहां रडार सिस्टम स्थापित की जाती है. यह सिस्टम रेडियो तरंगों का इस्तेमाल करके हवाई, समुद्री या जमीनी लक्ष्यों का पता लगाने, उनकी दूरी, गति और दिशा का निर्धारण करने में सक्षम होती है. सैन्य क्षेत्र में, रडार साइट्स का मुख्य उद्देश्य दुश्मन के विमानों, मिसाइलों, ड्रोन और अन्य संभावित खतरों की निगरानी करना होता है.

हथियार भंडार क्यों है जरूरी

हथियार भंडार एक स्थान होता है जहां पर विभिन्न प्रकार के हथियारों, गोलाबारूद, विस्फोटक सामग्री और सैन्य उपकरणों का संग्रहण किया जाता है. यह आर्मी के कम्यूनिकेशन के लिए आवश्यक सामग्रियों का भंडारण स्थल होता है, जहां से जरूरत के समय इन हथियारों को सेना के विभिन्न यूनिट्स और ऑपरेशनल क्षेत्र में भेजा जाता है.

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