जस्टिस सूर्यकांत देश के 53वें चीफ जस्टिस बने हैं. उनका कार्यकाल 14 महीने का होगा. ऐसे में जानते हैं कि देश के सीजेआई समेत सुप्रीम कोर्ट के जजों की सैलरी कितनी होती है. इसके अलावा किस तरह के भत्ते व सुविधाएं मिलती हैं.
2016 में केन्द्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के परिणामस्वरूप उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के वेतन और भत्ते में संसोधन किया गया था. भारत के सीजेआई ने मुख्य न्यायाधीश और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के वेतन और अन्य सेवा शर्तों में संशोधन की सिफारिश करने के लिए समिति गठित की थी.
2017 में वेतन संबंधी संसोधन को मिली थी मंजूरी
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 22 नवंबर 2017 को उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के वेतन, भत्ते, पेंशन आदि में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. संशोधन के बाद जानते हैं सीजेआई और अन्य जजों की सैलरी कितनी होती है.
इतनी होती है सीजेआई की सैलरी और पेंशन
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) को प्रतिमाह 2,80,000 रुपये वेतन मिलता है. हाउस रेंट भत्ता मूल वेतन का 24 प्रतिशत और साथ में सत्कार भत्ता (Sumptuary Allowance) 45 हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाता है. इसके अलावा इन्हें 10 लाख रुपये फर्निशिंग भत्ता भी मिलता है.
इसके अलावा इन्हें पेंशन के तौर पर 16 लाख 80 रुपये प्लस महंगाई राहत भत्ता सालाना मिलता है. साथ ही 20 लाख रुपये ग्रेच्युटी भी मिलती है.
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सुप्रीम कोर्ट के जजों की सैलरी व भत्ता
सुप्रीम कोर्ट के जजों को 2 लाख 50 हजार रुपये प्रति माह सैलरी मिलती है. इनका हाउस रेंट भत्ता भी मूल वेतन का 24 प्रतिशत होता है. इन्हें फर्निशिंग अलाउंस के तौर पर 8 लाख रुपये मिलते हैं और सत्कार भत्ता के रूप में 34 हजार रुपये प्रति माह मिलता है.
सुप्रीम कोर्ट के जजों का वेतन 15 लाख रुपये सालान होता है. ग्रेच्युटी के तौर पर इन्हें भी 20 लाख रुपये दिया जाता है.
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