बादशाह मसाले: कभी सिगरेट के डिब्बों में मसाला बेचती थी कंपनी! जानें इसका इतिहास

अभी हाल ही में डाबर ने बादशाह मसाला में 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है. इसी के साथ बादशाह मसाला पर डाबर इंडिया का मालिकाना हक हो गया है. बादशाह मासाल का मार्केट में आने की कहानी बेहद दिलचस्प है. आइए जानते हैं कैसे और कब हुई थी इस कंपनी की शुरुआत.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 31 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 2:21 PM IST

भारतीय खाने में इस्तेमाल होने वाले मसाले ही खाने के स्वाद को लाजवाब बनाते हैं. आपको भारतीय रसोईघर में तमाम तरह के मसाले मिलेंगे. इन्हीं रसोईघरों में अपनी अलग पहचान बनाई बादशाह मसाला ब्रांड ने. 1958 में शुरू हुई ये मसाला ब्रांड देखते ही देखते मसालों की दुनिया में मशहूर होती चली गई. अभी हाल ही में डाबर ने बादशाह मसाला में 51 फीसदी हिस्सेदारी 587.52 करोड़ रुपये में खरीदी है. आज हम आपको बताएंगे बादशाह मसालों का इतिहास और इसकी कामयाबी का सफर. 

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सिगरेट के डिब्बों में बेचते थे मसाले
बादशाह मसाला की शुरुआत 1958 में जवाहरलाल जमनादास झावेरी ने की. कारोबार के शुरुआती दिनों में जवाहरलाल जमनादास ने सिगरेट के डिब्बों में मसाला भरकर साइकिल पर घूम-घम इसे बेचा. पहले के समय में सिगरेट टिन के डिब्बों में आती थीं. जवाहरलाल जमनादास इन टिन के डिब्बों को इकट्ठा करते, उन्हें साफ करते और फिर साइकिल पर लादकर इन्हें बेचने निकलते. जमनादास आसपास के इलाकों में इन मसालों को बेचते और देखते ही देखते अपनी क्वालिटी की वजह से ये मसाले फेमस होते चले गए. 

इसके बाद जवाहरलाल जमनादास ने मुंबई के घाटकोपर में इन मसालों की एक और यूनिट खोली, जो देखते ही देखते गुजरात के उम्बार्गों में 6 हजार वर्ग फुट के बड़े कारखाने में बदल गई. मार्केट में एंट्री के बाद कंपनी ने पाव भाजी मसाला, चाट मसाला और चना मसाला मार्केट में पेश किया. ऐसा करके बादशाह मसाले ने लगभग हर घर के किचन में एंट्री की. 

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बता दें, आज बादशाह मसाला 20 से अधिक देशों में निर्यात किया जाता है. ये ब्रांड 450 वितरकों के वितरक नेटवर्क के साथ सुपरमार्केट, स्थानीय किराना स्टोरों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी खास पहुंच रखता है.

दरअसल डाबर ने तीन साल में अपने फूड बिजनेस को 500 करोड़ रुपए बढ़ाने का प्लान बनाया, ये अधिग्रहण भी इसी प्लान के अनुरूप है. इस टेकओवर से डाबर की भारत के 25,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के ब्रांडेड मसालों के बाजार में एंट्री होगी.

 

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