Anti-Terrorism Day 2022: कब और कैसे शुरू हुआ आतंकवाद विरोधी दिवस, जानें इसके पीछे की कहानी

Anti Terrorism Day 2022 Date, Rajiv Gandhi Assassination: आतंकवादी संगठन लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) ने 21 मई 1991 को एक बम धमाके में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की थी. 

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Anti-Terrorism Day 2022 Anti-Terrorism Day 2022

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 21 मई 2022,
  • अपडेटेड 7:37 AM IST
  • 21 मई को मनाया जाता है आतंकवाद विरोधी दिवस
  • इस दिन हुई थी पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या

Anti-Terrorism Day 2022: भारत में हर साल 21 मई को आतंकवाद विरोधी दिवस (Anti-Terrorism Day) मनाया जाता है. इसे राष्ट्रीय सद्भाव को बढ़ावा देने, आतंकवाद को कम करने और सभी जातियों, पंथों आदि के लोगों के बीच एकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाया जाता है. इस दिन आम लोगों के बीच एक मैसेज भेजने की कोशिश की जाती है कि कैसे आतंकवाद देश को नुकसान पहुंचाता है. यह दिन आतंकवादियों द्वारा की गई हिंसा के बारे में जागरूक करता है, युवाओं को आतंकवाद और मानव जीवन पर पड़े इसके गलत प्रभाव की जानकारी देते हुए मनाया जाता है.

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भारत में क्यों मनाया जाता है एंटी-टेररिज्म डे?
दरअसल, 31 साल पहले आज ही के दिन एक आंतकी हमले में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी. 21 मई 1991 को राजीव गांधी तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में थे, जहां आतंकवादी संगठन लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) ने ह्यूमन बम या सुसाइड बम के जरिए उनकी हत्या की थी. 

हत्या के बाद वी.पी. सिंह सरकार ने 21 मई को एंटी-टेररिज्म डे के रूप में मनाने का फैसला किया. इस दिन सभी सरकारी कार्यालयों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों में आतंकवाद को खत्म करने की शपथ ( Anti Terrorism pledge) ली जाती है. साथ ही, इस दिन का महत्व बताते हुए, डिजिटल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए आतंकवाद विरोधी मैसेज भेजे भेजे जाते हैं.

आतंकवाद विरोधी दिवस पर आप भी लें ये शपथ
"हम भारतवासी अपने देश की अहिंसा एवम सहनशीलता की परंपरा में दृढ़ विश्वास रखते हैं और निष्ठापूर्वक शपथ लेते हैं कि हम सभी प्रकार के आतंकवाद और हिंसा का डटकर सामना करेंगे. हम मानव जाति के सभी वर्गों के बीच शांति, सामाजिक सद्भाव तथा सूझबूझ कायम करने और मानव जीवन मूल्यों को खतरा पहुंचाने और विघटनकारी शक्तियों से लड़ने की भी शपथ लेते है."

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बता दें कि भारत में आतंकवादी लगातार घुसपैठ की कोशिश करते हैं और कई बार कामयाब भी होते हैं. लोक सभा की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले चार सालों में आतंकवादियों ने 350 से ज्यादा बार भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश की है. साल 2018 में 143 बार, 2019 में 138 बार, 2020 में 99 बार और साल 2021 में 77 बार (लगभग) भारत में घुसपैठ करने की कोशिश की थी.

 

 

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